अहमदाबाद : गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह के पास जब्त की गई 21,000 करोड़ रुपये के हेरोइन मामले की जांच के बीच चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. एक तरफ ऐसी चर्चा है कि हेरोइन की तस्करी नहीं हुई है, बल्कि यह एक सुनियोजित रैकेट का हिस्सा प्रतीत होता है. सूत्रों ने बताया कि मामले की जांच कर रही डीआरआई टीम आगे की जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कार्रवाई करेगी.
अफगानिस्तान से लगभग 21 हजार करोड़ रुपये की ड्रग्स तस्करी के रैकेट के पर्दाफाश के बाद देश की तमाम एजेंसियां इसके तह तक पहुंचने में जुट गई हैं. डीआरआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ड्रग तस्करों पर कार्रवाई की तैयारी में जुट गया है.
इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी हेरोइन मामले की जांच में शामिल हो गया है और एजेंसियों के सहयोग से मामले में शामिल लोगों से पूछताछ की जा रही है.
इसके अलावा, प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि हसन हुसैन कंपनी ने इन दो कंटेनरों से पहले भी भारत में दो कंटेनरों की तस्करी की थी. पता चला है कि एक कंटेनर दिल्ली पहुंच गया है. तो दूसरे कंटेनर को कहां पहुंचाया गया है, इसकी भी जांच की जा रही है.
हसन हुसैन कंपनी, भारत में उसके प्रतिनिधि अमित, चेन्नई दंपती वैशाली और सुधाकर और दिल्ली के दो अफगान नागरिकों को मामले के सिलसिले में हिरासत में लिया गया है. गांधीधाम से कंटेनर बुक करने वाले फोरवर्डर को भी रात भर हिरासत में लिया गया. यह तो स्पष्ट है कि मामले में कई अन्य शामिल हैं.
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पिछले हफ्ते ईरान के रास्ते अफगानिस्तान के रास्ते मुंद्रा में दो कंटेनरों में 3,000 किलोग्राम हेरोइन मिली थी. हेरोइन की कोई आधिकारिक कीमत घोषित नहीं की गई है, लेकिन हेरोइन का वैश्विक बाजार मूल्य 21,000 रुपये आंका जा रहा है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक किलोग्राम हेरोइन की कीमत 5 से 7 करोड़ रुपये तक है. बताया जा रहा है कि यह भारत में अभी तक हेरोइन की सबसे बड़ी जब्ती है.