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कमाल का 'हुक्का बार' : सेहत चाहिए तो धुएं के छल्ले उड़ाइए?

उज्जैन में हर्बल हुक्का इन दिनों काफी लोकप्रिय हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि इससे सांस और फेफड़ों की बीमारी ठीक हो जाती है. पढ़ें पूरी खबर...

हर्बल धूम्रपान
हर्बल धूम्रपान
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Published : Mar 15, 2021, 9:49 PM IST

उज्जैन : महाकाल की नगरी में अचानक हुक्के की चर्चा होने लगी है. हर कोई कश लगा रहा है. यह नशे की लत नहीं है और ना कोई शौक है. फिर क्यों लोग खुलेआम धुएं के छल्ले उड़ा रहे हैं.

उज्जैन के चिमनगंज मंडी के आयुर्वेदिक कॉलेज में लड़के और लड़कियों का जमावड़ा लगा हुआ है. ये हुक्का पी रहे हैं, एक साथ. कोई रोकने टोकने वाला नहीं है. हुक्का पीकर ये बीमारियों को दूर भगा रहे हैं. बिल्कुल सही पढ़ा आपने. ये नशेड़ी नहीं हैं. ये लोग हर्बल धूम्रपान कर रहे हैं. इससे सेहत को कई नुकसान नहीं होता. इस हुक्के में कई बीमारियों का इलाज छिपा है. दमे का मरीज हो या फिर सायनस से परेशान रोगी. सर्दी, जुकाम हो या फिर कोरोना से जंग जीतकर आए योद्धा. इन लोगों के लिए ये हुक्का रामबाण साबित हो सकता है. फेफड़ों में इंफेक्शन हो गया हो, तब भी ये हुक्का कमाल कर सकता है.

हर्बल धूम्रपान

आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. निरंजन सराफ का दावा है कि ये हर्बल हुक्का मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकता है.

12 औषधियों का होता है प्रयोग

आयुर्वेदिक कॉलेज का हर्बल हुक्का पीने के लिए मरीजों का तांता लगा हुआ है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस हुक्के में है क्या. इस हर्बल हुक्के में एक दर्जन से ज्यादा आयुर्वेदिक औषिधियों का मिश्रण है. इसमें एरण्ड मूल, देवदारु, लख, जौ, वासा पत्र, कंटकारी, मुलेठी, हल्दी, तेज पत्ता, पीपल की छाल, घी, नागर मौथा, गूलर दाल, लोध्र, बरगद की छाल का उपयोग किया जाता है.

डॉ. सराफ की मानें, तो यह हुक्का कोरोना में कमाल का असर दिखाता है. एक तरह से ये हुक्का आपको लंग्स थेरेपी देता है. इससे फेफड़ों में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है. सांस की नलियां खुलती हैं. अगर कफ की शिकायत है, तो वो भी दूर होती है.

100 से ज्यादा मरीज हो चुके हैं ठीक

डॉ. सराफ का कहना है कि 12 अलग-अलग औषधियों से बनी दवा का सेवन जब धूम्रपान के जरिए किया जाता है, तो उसका धुआं फेफड़ों और शरीर के उन भागों में पहुंचता है, जहां बीमारी होती है. उनके दावे का आधार भी काफी मजबूत है. अभी तक तक यहां 100 से ज्यादा मरीज ठीक होकर गए हैं.

पढ़ें :- एनबीआरआई ने किडनी की पथरी के लिए हर्बल दवा विकसित की

कैसे काम करता है ये धुआं ?

करीब एक साल पहले इस हर्बल हुक्के की शुरुआत हुई थी. जब मरीजों पर इसका चमत्कारिक असर दिखा, तो आने वाले लोगों की संख्या बढ़ती गई. इसके धूम्रपान से ऑक्सीजन की सप्लाई ठीक हो जाती है. ऑक्सीजन सप्लाई ठीक होने से शरीह में नई कोशिकाएं बनती हैं. फेफड़ों की शक्ति भी बढ़ जाती है. इस हुक्के का सेवन 10 साल से ज्यादा उम्र का कोई भी व्यक्ति कर सकता है. ये अलग बात है कि एलोपेथी के डॉक्टर इस तरह से इलाज पर एकमत नहीं हैं.

उज्जैन : महाकाल की नगरी में अचानक हुक्के की चर्चा होने लगी है. हर कोई कश लगा रहा है. यह नशे की लत नहीं है और ना कोई शौक है. फिर क्यों लोग खुलेआम धुएं के छल्ले उड़ा रहे हैं.

उज्जैन के चिमनगंज मंडी के आयुर्वेदिक कॉलेज में लड़के और लड़कियों का जमावड़ा लगा हुआ है. ये हुक्का पी रहे हैं, एक साथ. कोई रोकने टोकने वाला नहीं है. हुक्का पीकर ये बीमारियों को दूर भगा रहे हैं. बिल्कुल सही पढ़ा आपने. ये नशेड़ी नहीं हैं. ये लोग हर्बल धूम्रपान कर रहे हैं. इससे सेहत को कई नुकसान नहीं होता. इस हुक्के में कई बीमारियों का इलाज छिपा है. दमे का मरीज हो या फिर सायनस से परेशान रोगी. सर्दी, जुकाम हो या फिर कोरोना से जंग जीतकर आए योद्धा. इन लोगों के लिए ये हुक्का रामबाण साबित हो सकता है. फेफड़ों में इंफेक्शन हो गया हो, तब भी ये हुक्का कमाल कर सकता है.

हर्बल धूम्रपान

आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. निरंजन सराफ का दावा है कि ये हर्बल हुक्का मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकता है.

12 औषधियों का होता है प्रयोग

आयुर्वेदिक कॉलेज का हर्बल हुक्का पीने के लिए मरीजों का तांता लगा हुआ है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस हुक्के में है क्या. इस हर्बल हुक्के में एक दर्जन से ज्यादा आयुर्वेदिक औषिधियों का मिश्रण है. इसमें एरण्ड मूल, देवदारु, लख, जौ, वासा पत्र, कंटकारी, मुलेठी, हल्दी, तेज पत्ता, पीपल की छाल, घी, नागर मौथा, गूलर दाल, लोध्र, बरगद की छाल का उपयोग किया जाता है.

डॉ. सराफ की मानें, तो यह हुक्का कोरोना में कमाल का असर दिखाता है. एक तरह से ये हुक्का आपको लंग्स थेरेपी देता है. इससे फेफड़ों में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है. सांस की नलियां खुलती हैं. अगर कफ की शिकायत है, तो वो भी दूर होती है.

100 से ज्यादा मरीज हो चुके हैं ठीक

डॉ. सराफ का कहना है कि 12 अलग-अलग औषधियों से बनी दवा का सेवन जब धूम्रपान के जरिए किया जाता है, तो उसका धुआं फेफड़ों और शरीर के उन भागों में पहुंचता है, जहां बीमारी होती है. उनके दावे का आधार भी काफी मजबूत है. अभी तक तक यहां 100 से ज्यादा मरीज ठीक होकर गए हैं.

पढ़ें :- एनबीआरआई ने किडनी की पथरी के लिए हर्बल दवा विकसित की

कैसे काम करता है ये धुआं ?

करीब एक साल पहले इस हर्बल हुक्के की शुरुआत हुई थी. जब मरीजों पर इसका चमत्कारिक असर दिखा, तो आने वाले लोगों की संख्या बढ़ती गई. इसके धूम्रपान से ऑक्सीजन की सप्लाई ठीक हो जाती है. ऑक्सीजन सप्लाई ठीक होने से शरीह में नई कोशिकाएं बनती हैं. फेफड़ों की शक्ति भी बढ़ जाती है. इस हुक्के का सेवन 10 साल से ज्यादा उम्र का कोई भी व्यक्ति कर सकता है. ये अलग बात है कि एलोपेथी के डॉक्टर इस तरह से इलाज पर एकमत नहीं हैं.

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