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Chhattisgarh assembly : छत्तीसगढ़ विधानसभा में उठा सवाल, पहले मुर्गी आई या अंडा !

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Published : Mar 20, 2023, 7:34 PM IST

Updated : Mar 20, 2023, 10:07 PM IST

छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को एक अजीब वाकया हुआ. दरअसल सदन में इस बार मुर्गियों के कम अंडा देने का मामला उठा. इसके बाद मंत्री रविंद्र चौबे ने कुछ ऐसा कह दिया कि पूरे सदन का माहौल ठहाकों से गूंज गया. वहीं सदन में मुर्गी और अंडे के लॉजिक को समझाने के लिए एक से बढ़कर एक वक्तव्य दिए गए.Chhattisgarh assembly

hen and egg issue looms in Chhattisgarh assembly
छत्तीसगढ़ विधानसभा

रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में विधायक धरमजीत सिंह ने प्रश्नकाल में मुर्गी के कम अंडा देने का मामला उठाया. विधायक का आरोप था कि मुर्गियां पहले जिस कंपनी का दाना खाती थीं, सरकार ने उन्हें बदलकर लोकल दाना खिलाना शुरू कर दिया है. इससे मुर्गियों के अंडे देने की क्षमता में कमी आई है. इसी वजह से अंडों का उत्पादन कम हो रहा है.

रविंद्र चौबे ने ली चुटकी : विधायक धरमजीत के इस गंभीर सवाल पर मंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि ''वे इस बारे में मुर्गियों से बात करेंगे. साथ में ये भी हो सकता है कि ज्यादा उम्र की वजह से भी मुर्गी के अंडे देने की क्षमता कम हो गई हो, जिसकी जांच करा लेंगे.'' इस पर विधायक का कहना था कि ''वे सभी मुर्गियां यंग है.'' इस चर्चा के बीच रह-रहकर सदन में ठहाके लगते रहे.

क्या कहा धरमजीत ने : प्रश्नकाल के दौरान जेसीसीजे विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि ''मैं अपने क्षेत्र में दौरे पर गया था. वहां गौठानों को देखा हूं. आपके दो अधिकारी भी साथ थे. वहां की महिलाओं ने मुझे बताया कि पहले मुर्गियों को गोदरेज कंपनी का दाना दिया जाता था तो वे ज्यादा अंडे देती थीं. अब लोकल दाना देते हैं, जिससे अंडे का उत्पादन घट गया है. मंत्री जी क्या आप गोदरेज का दाना फिर से दिलवाएंगे.''

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पहले मुर्गी आई या अंडा : इस बीच विधायक ने यह भी कहा कि ''पहले अंडा आया या मुर्गी, समझ नहीं आ रहा है.'' जिस पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि "मेरे कक्ष में आइएगा मैं समझा दूंगा.'' यह सुनकर सदन में सभी हंस पड़े. यह चर्चा यहीं समाप्त नहीं हुई. इसके आगे रविन्द्र चौबे ने मुस्कुराते हुए कहा कि ''वह कौन से दो आईएएस थे पता नहीं. विभाग में चर्चा कर लूंगा. पहले कौन सा फीड देते थे देख लेंगे. मुर्गियां आयु की वजह से तो कम अंडा नहीं दे रही हैं.''

विधानसभा अध्यक्ष ने समझाया माजरा: विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि ''मुर्गियों से बात करिए कि कौन सा दाना खाकर ज्यादा अंडे देंगी.'' इस पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि ''पहले वाला दाना 40 रुपया किलो था और अब 20 रुपया वाला दाना दिया जा रहा है. इसलिए आधा हो गया है.' 'इसके बाद मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि "मुर्गियों से बात करेंगे.''

धरमजीत के किस्से ने बांधा समां : इस चर्चा के दौरान धर्मजीत सिंह ने एक किस्सा भी सुनाया. उन्होंने कहा कि ''एक बार एक अधिकारी पोल्ट्री फॉर्म गए. सभी मुर्गियों से कहा कि अंडे दो वरना ठीक नहीं होगा. यह देखकर सभी मुर्गियों ने 5-6 अंडे दिए. अधिकारियों ने उन मुर्गियों की पीठ थपथपाई. लेकिन वहां एक मुर्गी ने एक ही अंडा दिया था. अधिकारी ने पूछा कि तुमने एक ही अंडा क्यों दिया. इस पर उसने डरते हुए कहा कि आप के डर से एक दे दिया है वैसे मैं मुर्गा हूं.'' यह सुनकर विधानसभा में जोरदार ठहाके लगने लगे.

रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में विधायक धरमजीत सिंह ने प्रश्नकाल में मुर्गी के कम अंडा देने का मामला उठाया. विधायक का आरोप था कि मुर्गियां पहले जिस कंपनी का दाना खाती थीं, सरकार ने उन्हें बदलकर लोकल दाना खिलाना शुरू कर दिया है. इससे मुर्गियों के अंडे देने की क्षमता में कमी आई है. इसी वजह से अंडों का उत्पादन कम हो रहा है.

रविंद्र चौबे ने ली चुटकी : विधायक धरमजीत के इस गंभीर सवाल पर मंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि ''वे इस बारे में मुर्गियों से बात करेंगे. साथ में ये भी हो सकता है कि ज्यादा उम्र की वजह से भी मुर्गी के अंडे देने की क्षमता कम हो गई हो, जिसकी जांच करा लेंगे.'' इस पर विधायक का कहना था कि ''वे सभी मुर्गियां यंग है.'' इस चर्चा के बीच रह-रहकर सदन में ठहाके लगते रहे.

क्या कहा धरमजीत ने : प्रश्नकाल के दौरान जेसीसीजे विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि ''मैं अपने क्षेत्र में दौरे पर गया था. वहां गौठानों को देखा हूं. आपके दो अधिकारी भी साथ थे. वहां की महिलाओं ने मुझे बताया कि पहले मुर्गियों को गोदरेज कंपनी का दाना दिया जाता था तो वे ज्यादा अंडे देती थीं. अब लोकल दाना देते हैं, जिससे अंडे का उत्पादन घट गया है. मंत्री जी क्या आप गोदरेज का दाना फिर से दिलवाएंगे.''

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पहले मुर्गी आई या अंडा : इस बीच विधायक ने यह भी कहा कि ''पहले अंडा आया या मुर्गी, समझ नहीं आ रहा है.'' जिस पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि "मेरे कक्ष में आइएगा मैं समझा दूंगा.'' यह सुनकर सदन में सभी हंस पड़े. यह चर्चा यहीं समाप्त नहीं हुई. इसके आगे रविन्द्र चौबे ने मुस्कुराते हुए कहा कि ''वह कौन से दो आईएएस थे पता नहीं. विभाग में चर्चा कर लूंगा. पहले कौन सा फीड देते थे देख लेंगे. मुर्गियां आयु की वजह से तो कम अंडा नहीं दे रही हैं.''

विधानसभा अध्यक्ष ने समझाया माजरा: विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि ''मुर्गियों से बात करिए कि कौन सा दाना खाकर ज्यादा अंडे देंगी.'' इस पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि ''पहले वाला दाना 40 रुपया किलो था और अब 20 रुपया वाला दाना दिया जा रहा है. इसलिए आधा हो गया है.' 'इसके बाद मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि "मुर्गियों से बात करेंगे.''

धरमजीत के किस्से ने बांधा समां : इस चर्चा के दौरान धर्मजीत सिंह ने एक किस्सा भी सुनाया. उन्होंने कहा कि ''एक बार एक अधिकारी पोल्ट्री फॉर्म गए. सभी मुर्गियों से कहा कि अंडे दो वरना ठीक नहीं होगा. यह देखकर सभी मुर्गियों ने 5-6 अंडे दिए. अधिकारियों ने उन मुर्गियों की पीठ थपथपाई. लेकिन वहां एक मुर्गी ने एक ही अंडा दिया था. अधिकारी ने पूछा कि तुमने एक ही अंडा क्यों दिया. इस पर उसने डरते हुए कहा कि आप के डर से एक दे दिया है वैसे मैं मुर्गा हूं.'' यह सुनकर विधानसभा में जोरदार ठहाके लगने लगे.

Last Updated : Mar 20, 2023, 10:07 PM IST
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