रांची: चांद पर अपना परचम लहराने के बाद सूर्य की जानकारी लेने में देश के वैज्ञानिक जुट गए हैं. इसी के मद्देनजर शनिवार को इसरो सौर मिशन की तरफ एक कदम आगे बढ़ाने वाला है. श्रीहरिकोटा से सूर्य की जानकारी एकत्रित करने के लिए आदित्य एल-1 को लॉन्च किया जाएगा. इसरो ने सारी तैयारी पूरी कर ली है. इस सौर मिशन में भी रांची के एचईसी के इंजीनियरों का योगदान है.
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सौर मिशन में एचईसी का योगदानः बता दें कि इसरो के चंद्रयान-3 मिशन में एचईसी का अहम योगदान था. एचईसी के इंजीनियरों के द्वारा लॉन्चिंग पैड बनाया गया था. इसी तरह सौर मिशन में भी एचईसी का अहम योगदान है. एचईसी के इंजीनियरों ने ही आदित्य एल 1 के लिए भी लॉन्चिंग पैड का निर्माण किया है. एचईसी के इंजीनियरों ने बताया कि इसरो के लॉन्चिंग साइट पर लगे लॉन्चिंग पैड को बनाने में फ्लोल्डिंग कम वर्टिकल रिपोजिशनल प्लेटफार्म, होराइजेंटल स्लाइडिंग डोर, हैमर हेड टावर क्रेन, इलेक्ट्रिक ओवरहेड क्रेन, व्हील बॉगी सिस्टम सहित कई ऐसे कल-पुर्जे बनाए हैं. लॉन्चिंग पैड में लगने वाले विभिन्न पार्ट्स एचईसी के एचएमबीपी, एफएफपी, एचएमटीपी प्लांट्स में बनाए गए हैं.
एचईसी को मिल रहे वर्क ऑर्डरः चंद्रयान और सूर्य मिशन के लिए लॉन्चिंग पैड बनाए जाने के बाद अब आने वाले दिनों में एचईसी के इंजीनियरो को इसरो की तरफ से और भी वर्क ऑर्डर दिया जा रहा है. पिछले दिनों इसरो के पदाधिकारी ने एचईसी का दौरा भी किया था और कई बड़े वर्क ऑर्डर देकर एचईसी के इंजीनियरों के कार्यों की तारीफ भी की थी. बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) की तरफ से पहली बार सूर्य की जानकारी इकट्ठा करने के लिए सेटेलाइट लॉन्च किया जा रहा है. देश के पहले सोलर मिशन को आदित्य एल 1 नाम दिया है.
इंजीनियरों में खुशीः शनिवार को आदित्य एल 1 लॉन्च किए जाने से पहले एचईसी के इंजीनियरों ने भी खुशी जाहिर की है. एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया है. जिसमें एचईसी के सभी इंजीनियर केंद्र और राज्य की सरकारो अपने हुनर के बारे में बताते हुए अपने बकाए तनख्वाह की भी मांग करेंगे.