शिमला: पिछले एक महीने से हिमाचल के ज्यादातर इलाके गर्मी की मार झेल रहे थे लेकिन मंगलवार से बदले मौसम के मिजाज ने गर्मी से राहत दिलाई है. मंगलवार को प्रदेश के कई हिस्सों में जमकर बारिश हुई, जबकि कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि (Rain and hailstorm in Himachal) ने कहर बरपाया. बारिश होने से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली, वहीं फसलों पर ओलावृष्टि कहर बनकर बरसी. कई क्षेत्रों में सब्जियों और सेब के पेड़ों को काफी नुकसान हुआ है. प्रदेश के कई जिलों में पहले सूखे और अब ओलावृष्टि ने किसान बागवानों की कमर तोड़ दी है. ओलावृष्टि और तूफान की वजह से फसलें खराब हो गई हैं, राजधानी शिमला में दो घंटे के दौरान 50 मिलीमीटर बारिश हुई है. कुल मिलाकर मौसम का ये बदला मिजाज कहीं राहत को कहीं आफत लेकर आया
शिमला मे समेत प्रदेश के कई इलाकों में ओलावृष्टि के बाद सड़कें सफेद हो गईं. वहीं, बारिश से मौसम ठंडा हो गया है. भारी बारिश से शहर में कई सड़कें तालाब बन गईं तो कई नाले में तब्दील हो गईं. भारी बारिश से निकास नालियों का पानी सड़कों पर आ गया. इससे जगह-जगह कूड़ा कचरा इकट्ठा हो गया. इसके अलावा ओलावृष्टि से सड़कों पर फिसलन (hailstorm in shimla) होने से वाहनों के पहिये भी कुछ समय के लिए थम गए. प्रदेश के मौसम में आए बदलाव से अधिकतम तापमान में सामान्य से 4 डिग्री तक की गिरावट दर्ज हुई है. प्रदेश में आगामी 3 दिन फिलहाल बारिश और ओलावृष्टि होने के आसार हैं.
मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पॉल (Meteorological department director Surendra Paul) का कहना है कि प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है जिसके चलते मंगलवार को प्रदेश के कई जिलों में जमकर बारिश और ओलावृष्टि हुई है. प्रदेश में बुधवार को भी मध्यवर्ती और ऊपरी क्षेत्रों में बारिश और ओलावृष्टि को लेकर चेतावनी जारी की गई है. इसके अलावा कुछ क्षेत्रों में आदर के चलने की भी आशंका है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 5 मई तक मौसम खराब (weather forecast of himachal pradesh) रहेगा. वहीं, 6 मई को कुछेक स्थानों पर ही बारिश होने की संभावना है. प्रदेश में 7 मई से मौसम बिल्कुल साफ होगा. उन्होंने कहा कि बारिश होने से प्रदेश में तापमान में काफी गिरावट दर्ज की जा रही है.
ये भी पढ़ें: हिमाचल में मौसम: दिन में ही अंधेरे में डूबी राजधानी, शिमला में जमकर हुई बारिश और ओलावृष्टि
जंगलों में लगी आग बुझी: हिमाचल में बारिश न होने से प्रदेश के जंगलों में आग की घटनाएं (Fire in Himachal forests) सामने आ रही थीं. सूखे के चलते जंगलों में आग लग रही थी. राजधानी शिमला में ही पिछले 15 दिनों से जंगल आग से झुलस रहे थे. टूटीकंडी के जंगलों में पिछले 3 दिनों से आग लगी हुई थी. जिससे करोड़ों की वन संपदा जलकर राख हो रही थी. कई दुर्गम इलाकों में अग्निशमन के कर्मचारी भी आग बुझाने नहीं पहुंच पा रहे थे. वही, बारिश होने से जंगलों में लगी आग भी बुझ गई है और आने वाले दिनों में जंगलों में आग लगने की संभावनाएं भी कम हो गई हैं. अप्रैल महीने में ही प्रदेश में 550 से ज्यादा आग की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. वहीं, बारिश होने से अब जंगलों में आग लगने की घटनाएं कम हो गई हैं.
किन्नौर जिले में 4 माह बाद हुई बारिश: जिला किन्नौर में लम्बे समय से बारिश नहीं होने से भयंकर सूखे की स्थिति बन गई थी. जिसके चलते जिले में नगदी फसलों के अलावा अन्य फसलें भी सूखने की कगार पर थीं. ऐसे में मंगलवार से बदले मौसम के मिजाज ने लोगों को काफी राहत पहुंचाई है. अब किसानों को खेतों में फसलों में सिंचाई से निजात मिली है.
सूखे से मिली निजात: जिले में बारिश के चलते सेब बागवानों और किसानों में खुशी की लहर है. वहीं लोगों को भी गर्मी से राहत मिली है. देर शाम शुरू हुई बारिश से लोगों ने राहत की सांस ली है. वहीं, अब बारिश के बाद प्राकृतिक जल स्त्रोत भी बढ़ने लगेंगे. किन्नौर जिले में बारिश के चलते छितकुल गांव में हल्के तूफान की सूचना मिली है, लेकिन किसी के जान माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है. डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने जिले में 6 मई तक भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है. साथ ही लोगों को बिना वजह सफर करने से सख्त मनाही की है.
सेब की फसल को नुकसान- बारिश के बाद गर्मी से राहत तो मिली है लेकिन आसमान से बरसे ओले बागवानों के लिए आफत लेकर आए हैं. सेब समेत अन्य फलों को ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है. शिमला से लेकर कुल्लू तक के ऊपरी इलाकों में सेब की फसल को नुकसान पहुंचा है.
ये भी पढ़ें: बारिश और तेज तूफान से पीपल मेले में लगी दुकानों की उड़ी शेड, लाखों का सामान भी हुआ खराब