हैदराबाद: हाल ही में कन्नड़ सुपरस्टार पुनीत राजकुमार (Kannada Superstar Puneeth Rajkumar) 46 वर्ष की आयु में कार्डियक अरेस्ट का शिकार बन गये. दिवंगत अभिनेता स्वास्थ्य के प्रति जागरूक थे और हर दिन व्यायाम करने के लिए समय निकालते थे. यह सभी के लिए एक झटके के रूप में आया कि इस तरह के फिटनेस फ्रीक को हृदय रोग होने का खतरा होगा.
इसी तरह आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री मेकापति गौतम रेड्डी (Andhra Pradesh IT Minister Mekapati Gowtham Reddy) (50) का हृदय गति रुकने से निधन हो गया. वे भी नियमित रूप से जिम जाने वाले थे. 16731 लोगों को हृदय संबंधी बीमारियों के लिए माधापुर के एक कॉर्पोरेट अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनमें से 22 प्रतिशत की आयु 30 से 45 साल के बीच है. 48 प्रतिशत की 46 से 60 साल के बीच है और शेष 30 प्रतिशत की आयु 60 या उससे अधिक है. हैदराबाद में हर साल 10000 बाईपास सर्जरी की जाती है. ज्यादातर मरीज 40 से 50 साल की उम्र के हैं.
ध्यान रखने योग्य लक्षण
आधुनिक समय की जीवनशैली कई लोगों के लिए तनाव, बेचैनी और व्यस्त कार्यक्रम का पर्याय बन गई है. कुछ लोग दिन-प्रतिदिन के तनाव से निपटने के लिए शराब और सिगरेट का सेवन करते हैं. नींद की कमी से खतरा बढ़ जाता है. डॉक्टरों का कहना है कि धूम्रपान से दिल की सेहत पर असर पड़ता है और युवाओं में बाईपास सर्जरी की जरूरत बढ़ रही है. तनाव, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा, धूम्रपान और शराब का सेवन हृदय रोग में योगदान देने वाले प्रमुख कारक पाए गए. कुछ लोगों को कई कारणों से रात में सांस की तकलीफ का अनुभव हो सकता है. फुफ्फुसीय अन्त: शल्यता, जो फेफड़ों में रक्त का थक्का है, एक कारण हो सकता है.
एक अन्य कारक स्लीप एपनिया है, जहां गले में नरम ऊतकों का समर्थन करने वाली मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं, जिससे वायुमार्ग संकीर्ण या बंद हो जाता है, जिससे सांस लेना बंद हो जाता है. मोटापे से पीड़ित लोगों, विशेष रूप से मोटी गर्दन वाले लोगों को स्लीप एपनिया का खतरा बढ़ जाता है जो नींद के दौरान दिल के दौरे का एक प्रमुख कारण है. खर्राटे लेना, रात में अचानक सांस लेने में तकलीफ और उच्च रक्तचाप प्राथमिक लक्षण हैं जिनसे सावधान रहना चाहिए.
बदलावों पर ध्यान दें
बंद धमनियां दिल के दौरे को ट्रिगर करती हैं. उच्च रक्तचाप और मधुमेह से ग्रसित अधिकांश लोगों को शुरुआत में ही किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं होता है. लेकिन अगर अनियंत्रित छोड़ दिया जाए तो बीमारियां एक गंभीर खतरा पैदा करती हैं. निम्स के कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. एम अमरेश राव ने चेतावनी दी है कि सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, ज्यादा पसीना आना और बेहोशी जैसे लक्षण किसी गंभीर बात की ओर इशारा करते हैं. डॉक्टर से सलाह लेने और जीवनशैली में बदलाव करने से दिल के दौरे को रोकने में काफी मदद मिल सकती है.
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सीपीआर के साथ प्राथमिक उपचार
युवा आबादी में दिल के दौरे में खतरनाक वृद्धि हो रही है. 40 प्रतिशत मामलों में कोई अंतर्निहित कारण नहीं पाया गया. कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) आपात स्थिति के लिए एक जीवन रक्षक तकनीक है. इसमें मस्तिष्क और अन्य अंगों में रक्त के प्रवाह को बनाए रखने के लिए छाती को संकुचित किया जाता है, जब तक कि चिकित्सा हस्तक्षेप हृदय की लय को बहाल नहीं कर देता. अपोलो हॉस्पिटल्स में कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट डॉ वर्षा किरण ने कहा कि नागरिकों को आपातकालीन सीपीआर में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए.