नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने किसानों के आंदोलन से संबंधित टूलकिट सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोपी शांतनु मुलुक को गिरफ्तारी से नौ मार्च तक के लिए बृहस्पतिवार को राहत प्रदान की.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कार्यकर्ता को गिरफ्तारी से उस वक्त राहत दी जब दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसे मुलुक की अंतरिम जमानत याचिका पर विस्तार से जवाब दाखिल करने के लिए पूछताछ के वास्ते और वक्त चाहिए.
इस पर न्यायाधीश ने पुलिस को मुलुक के खिलाफ नौ मार्च तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए. मामले की अगली सुनवाई नौ मार्च को होगी.
मुलुक, दिशा रवि और निकिता जैकब के खिलाफ राजद्रोह और अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया है.
दिशा रवि को मिल चुकी है जमानत
पिछले 23 फरवरी को कोर्ट ने इस मामले की आरोपी दिशा रवि को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था।इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने शांतनु को दस दिनों की अग्रिम ट्रांजिट जमानत दी थी ताकि इस दौरान वो राहत के लिए दिल्ली में कोर्ट का रुख कर सके। शांतनु की अग्रिम जमानत की मियाद 26 फरवरी को ख़त्म हो रही है.
शांतनु को पूछताछ के लिए बुलाया गया था
पटियाला हाउस कोर्ट ने पिछले 14 फरवरी को इस मामले में दिशा रवि को बंगलुरू से गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस के मुताबिक दिशा रवि ने शांतनु और निकिता पर आरोप मढ़ दिया. दिल्ली पुलिस ने शांतनु और निकिता को पूछताछ के लिए पिछले 22 जनवरी को बुलाया था. पुलिस तीनों से आमने-सामने बैठाकर पूछताछ कर रही है.
टूलकिट एडिट करने का मामला
पुलिस का आरोप है कि दिशा रवि ने किसान आंदोलन से जुड़े उस डॉक्युमेंट को शेयर किया, जिसे अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया था। पदिशा पर टूलकिट नाम के उस डॉक्युमेंट को एडिट करके उसमें कुछ चीज़ें जोड़ने और उसे आगे फॉरवर्ड करने का आरोप है.