चंडीगढ़: डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम की याचिका पर आज पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. उन्होंने बेअदबी केस को सीबीआई से वापस लेने के प्रस्ताव को चुनौती दी है. यह प्रस्ताव पंजाब विधानसभा में पास किया गया था. डेरा मुखी इस वक्त कई संगीन केस में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है. हाल ही में पंजाब पुलिस की नई एसआईटी ने बेअदबी के सभी केसों में डेरा मुखी को मास्टरमाइंड करार दिया. सीएम भगवंत मान ने हाल ही में सिख नेताओं को 467 पेज की रिपोर्ट सौंपी थी. जिसमें दावा किया गया कि राम रहीम की एमएसजी मूवी रिलीज नहीं हुई तो बदला लेने के लिए पूरी साजिश रची गई.
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पंजाब में साल 2015 में श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के कई केस हुए थे. जिनकी जांच के लिए तत्कालीन अकाली-भाजपा सरकार ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई थी. इसके बाद यह जांच सीबीआई के पास चली गई. बाद में सरकार बदली तो विधानसभा में प्रस्ताव पास कर जांच सीबीआई से वापस ले ली गई. पंजाब सरकार ने पिछली सुनवाई में इसे कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया. सरकार ने कहा कि विधानसभा के प्रस्ताव पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की भी मुहर लग चुकी है. इस याचिका को खारिज किया जाए.
राम रहीम ने हाईकोर्ट में दलील दी कि एक आरोपी के बयान पर उन्हें बेअदबी केस में नामजद कर लिया गया. फिर उनके प्रोडक्शन वारंट भी जारी कर दिए गए. हालांकि, हाईकोर्ट के आदेश पर पंजाब पुलिस की नई SIT ने सुनारिया जेल जाकर उनसे पूछताछ की. डेरा मुखी ने कहा कि उसे जानबूझकर इस केस में फंसाया जा रहा है. इसलिए केस की सीबीआई जांच होनी जरूरी है. राजनीतिक हित के लिए जांच को सीबीआई से लेकर वापस एसआईटी को दिया गया. सीएम भगवंत मान ने कुछ दिन पहले सिख नेताओं को एसआईटी जांच रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम को बेअदबी केसों का मास्टरमाइंड बताया गया है.