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सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान केस में यूपी सरकार से मांगा जवाब, अब 22 जुलाई को होगी सुनवाई - rampur news in hindi

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सपा नेता आजम खान को अवमानना याचिका दाखिल करने की इजाजत दी. सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को 19 जुलाई तक का वक्त दिया है. 27 मई को समाजवादी पार्टी के नेता मोहम्मद आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी.

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आजम खान
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Published : Jul 14, 2022, 4:31 PM IST

दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान की जमानत से जुड़ी शर्त पर रोक के अपने आदेश के अनुपालन पर उत्तर प्रदेश सरकार से गुरुवार को जवाब मांगा. इस संबंध में आजम खान की ओर से याचिका दाखिल की गयी थी. मामला आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी से भी जुड़ा है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को 19 जुलाई तक का वक्त दिया है. अब सर्वोच्च न्यायालय इस मामले की सुनवाई 22 जुलाई को करेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने 27 मई को आजम को जमानत देते वक्त इलाहाबाद हाई कोर्ट के जौहर विश्वविद्यालय की कुछ जमीन पर रामपुर के जिलाधिकारी को कब्जा लेने की लगाई गई शर्त पर शीर्ष कोर्ट ने उसे असंगत बताते हुए रोक लगा दी थी. आजम के खिलाफ यह मामला शत्रु संपत्ति और जमीन पर कब्जे का है.

ये भी पढ़ें- आज से सावन मास शुरू, ऐसे करें भगवान शिव की पूजा

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने शुक्रवार को यह आदेश हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल आजम खां की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया था. कोर्ट ने आजम की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि हाई कोर्ट से आजम को 10 मई को जमानत उनकी उम्र और मेडिकल स्थिति के आधार पर दी गई थी. इस तथ्य के अलावा कि उन पर लगे ज्यादातर मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है.

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दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान की जमानत से जुड़ी शर्त पर रोक के अपने आदेश के अनुपालन पर उत्तर प्रदेश सरकार से गुरुवार को जवाब मांगा. इस संबंध में आजम खान की ओर से याचिका दाखिल की गयी थी. मामला आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी से भी जुड़ा है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को 19 जुलाई तक का वक्त दिया है. अब सर्वोच्च न्यायालय इस मामले की सुनवाई 22 जुलाई को करेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने 27 मई को आजम को जमानत देते वक्त इलाहाबाद हाई कोर्ट के जौहर विश्वविद्यालय की कुछ जमीन पर रामपुर के जिलाधिकारी को कब्जा लेने की लगाई गई शर्त पर शीर्ष कोर्ट ने उसे असंगत बताते हुए रोक लगा दी थी. आजम के खिलाफ यह मामला शत्रु संपत्ति और जमीन पर कब्जे का है.

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जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने शुक्रवार को यह आदेश हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल आजम खां की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया था. कोर्ट ने आजम की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि हाई कोर्ट से आजम को 10 मई को जमानत उनकी उम्र और मेडिकल स्थिति के आधार पर दी गई थी. इस तथ्य के अलावा कि उन पर लगे ज्यादातर मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है.

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