गाजीपुर: मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर और 307 के मामले में शनिवार को एमपी एमएलए कोर्ट ने अगली तारीख तय की. दरसअल, करंडा के सुआपुर के रहने कपिल देव सिंह की 2009 में हत्या हुई थी, उसी मामले को लेकर 2010 में गैंग चार्ट बनाया गया था. गैंगस्टर के मामले में कोर्ट द्वारा फैसले की तारीख 20 मई नियत की गई है. वहीं, मुख्तार अंसारी पर मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज 307 के मामले में 17 मई को कोर्ट ने फैसले की तारीख नियत की है.
बता दें कि माफिया मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर मामले में लिखित बहस पर सुनवाई करने के बाद फैसला अब 20 मई को सुनाया जाएगा. इस बात की जानकारी मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली ने दी. उन्होंने कहा कि एमपी-एमएल कोर्ट में 19 अप्रैल को आने वाले फैसले के दिन एडीजीसी क्रिमिनल द्वारा लिखित बहस का अवसर मांगा गया था. इस पर कोर्ट ने लिखित बहस के लिए 27 अप्रैल की तारीख नियत की थी. 27 अप्रैल को एडीजीसी क्रिमनल द्वारा लिखित बहस की कॉपी कोर्ट में सम्मिट की गई थी. अब गैंगेस्टर के मामले में 20 मई को फैसला सुनाया जाएगा.
हत्या के प्रयास में मुख्तार अंसारी पर 120बी के तहत दर्ज मुकदमे में 17 मई को फैसले की तारीख मुकर्रर की गई है. बता दें कि मुख्तार अंसारी पर कपिलदेव सिंह हत्याकांड में 2010 में गैंगस्टर का मामला दर्ज हुआ था. मोहम्दाबाद में हत्या का प्रयास करने का एक मामला दर्ज हुआ था. इसमें मुख्तार के ऊपर 120बी के तहत भी मामला दर्ज है. जबकि, इस मामले में मुख्य अभियुक्त सोनू बरी हो चुका है.
मुहम्मदाबाद थाने में मीर हसन द्वारा 307 के तहत एक मुकदमा दर्ज कराया गया था. इसमें मुख्तार अंसारी नामजद अभियुक्त नहीं थे, बल्कि विवेचना के दौरान 120बी में उनका नाम जोड़ा गया था. मामले में मुख्य अभियुक्त सोनू यादव था. इस मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो चुकी थी और इस केस में मुख्य अभियुक्त बरी हो चुका है. मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली ने बताया कि एक और मामला हत्या का था, जिसमें करंडा थाना क्षेत्र के सुआपुर में कपिलदेव सिंह की हत्या 2009 में हुई थी. उस समय मुख्तार अंसारी जेल में था. लेकिन, उस पर फर्जी तरीके से 120बी के तहत इसमें भी मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में भी कोर्ट द्वारा मुख्तार अंसारी बरी हो चुका है. 307 के मामले में भी मुख्य अभियुक्त सोनू यादव बरी हो चुका है. इन दोनों मामले में कोर्ट में बहस पूरी हो चुकी है.
अंसारी बंधुओं पर लगातार एक के बाद एक कार्रवाई की जा रही है. अभी बीते 29 अप्रैल को गाजीपुर से बीएसपी सांसद रहे अफजाल अंसारी और उनके भाई माफिया मुख्तार अंसारी को गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट से गैंगस्टर के मामले में सजा हुई है. अफजाल अंसारी को गाजीपुर जिला जेल में रखा गया है. यही नहीं सजा के 56 घंटे बाद ही अफजाल अंसारी की संसद की सदस्यता भी रद्द हो गई. वहीं, एक दिन पूर्व यानी शुक्रवार की बात करें तो अफजाल अंसारी के तीन शस्त्र लाइसेंस भी डीएम के आदेश पर निरस्त किए जा चुके हैं.
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