वाराणसी : अपर जिला जज नवम की अदालत में शुक्रवार को ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाना में गंदगी व शिवलिंग की आकृति पर दिए गए बयान मामले में दाखिल निगरानी अर्जी पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने प्रतिवादियों की ओर से आपत्ति दाखिल करने का आंतिम अवसर दिया. कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 16 नवंबर की तिथि नियत की है. ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग को लेकर सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आपत्तिजनक बयान दिया था. इस पर आपत्ति जताते हुए सीनियर एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने कोर्ट में वाद दाखिल किया था. इसे कोर्ट ने पिछले दिनों निरस्त कर दिया था. इस पर निगरानी आज दायर की गई है, जिस पर फिर से सुनवाई हो रही है.
हिंदुओं की भावनाओं को पहुंची ठेंस : प्रकरण के अनुसार वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने बतौर वादी लोअर कोर्ट के आदेश के खिलाफ निगरानी अर्जी दाखिल की है. इसमें कहा है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाने में नमाजियों द्वारा गंदगी फैलाई जा रही है. उनका दावा है वह स्थान हमारे आराध्य देव शिव का है. यह भी कहा है कि शिवलिंग की आकृति को लेकर AIMIM के अध्यक्ष असुदद्दीन ओवैसी व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कुछ नेताओं ने गलत बयानबाजी कर हिंदुओं की भावनाओं को ठेंस पहुंचाया था. इसलिए अखिलेश, ओवैसी व अंजुमन इंतजामिया कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए. लोअर कोर्ट में खारिज होने के बाद वादी ने सत्र न्यायालय में निगरानी याचिका दाखिल की.
कोर्ट ने अपनाया कड़ा रूख : एडवोकेट हरिशंकर पांडेय का कहना है की इस मामले में उन्होंने कोर्ट से अपील की है कि इस पर जल्द सुनवाई करते हुए निर्णय दिया जाए. क्योंकि प्रतिवादी पक्ष के द्वारा इस प्रकरण में कोर्ट के आदेश के बाद भी कोई आपत्ति दाखिल नहीं की जा रही है. जिस पर कोर्ट ने कड़ा रूख अपनाया है और अंतिम मौका दिया है.