तिरुवनंतपुरम: कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती... इन्हीं पंक्तियों को चरितार्थ किया है केरल की श्रवण बाधित जुड़वा बहनों ने. पार्वती एएस और लक्ष्मी एएस दोनों बहनें सुन पाने में असमर्थ हैं इसके बावजूद अपनी प्रतिबद्धता और कठोर परिश्रम के बल पर दोनों ने एक साथ भारतीय इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा को पास करने में सफलता प्राप्त की है. दोनों ही बहनों ने इस परीक्षा की तैयारी में श्रवण दोष को बाधा नहीं बनने दिया. अखिल भारतीय स्तर पर दोनों बहनों में पार्वती को 74वीं और लक्ष्मी को 75वीं रैंक मिली है.
लोक निर्माण विभाग में कनिष्ठ अधीक्षक के पद पर कार्यरत सीता की इन दोनों बेटियों ने सफलता अर्जित कर नया मुकाम हासिल किया है. दोनों की उम्र जब सिर्फ दो साल थी तभी उनके पिता की मौत हो गई थी. इसके बाद भी सीता ने इसका प्रभाव बच्चों पर नहीं पड़ने दिया और शिक्षा के क्षेत्र में और ऊंचाइंयां प्राप्त करने में उनका साथ दिया. दोनों बहनों के सुन पाने की अक्षमता के कारण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग में पढ़ाई की.
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इस दौरान दोनों बहनों ने होंठों को देखकर दूसरों की बातों को समझना शुरू कर दिया. परीक्षा की तैयारी के साथ ही उन्होंने प्रवेश परीक्षा पास करने के साथ ही तिरुवनंतपुरम के इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश ले लिया. वहीं पार्वती को केरल सरकार के सिंचाइ विभाग में सहायक अभियंता के रूप में नौकरी मिल गई जबकि लक्ष्मी को स्थानीय प्रशासन विभाग में सहायक अभियंता के रूप में अस्थायी नौकरी मिली. दोनों ही बहनों को केंद्र सरकार की भी नौकरी मिल गई, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया. इसके साथ ही दोनों बहनों ने भारतीय इंजीनियरिंग सेवाओं के लिए परीक्षा देने का निर्णय लिया. उन्होंने 2019 में परीक्षा के लिए तैयारी करना शुरू कर दिया.