ETV Bharat / bharat

दिल्ली AIIMS बेड्स की मांग-आपूर्ति में असंतुलन की समस्या से जूझ रहा : मंडाविया - AIIMS

देश में सबसे पुराना दिल्ली स्थित AIIMS अस्पताल उपलब्ध बेड्स की संख्या के मुकाबले अस्पताल में जरूरतमंद रोगियों की अधिक संख्या होने के चलते मांग और आपूर्ति में असंतुलन की समस्या से जूझ रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

AIIMS अस्पताल
AIIMS अस्पताल
author img

By

Published : Jul 30, 2021, 10:24 PM IST

नई दिल्ली : देश में सबसे पुराना दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences - AIIMS) उपलब्ध बेड्स की संख्या के मुकाबले अस्पताल में जरूरतमंद रोगियों की अधिक संख्या होने के चलते मांग और आपूर्ति में असंतुलन की समस्या से जूझ रहा है.

लोकसभा में दिलेश्वर कामत और युगल किशोर शर्मा के प्रश्न के लिखित उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने यह जानकारी दी.

मंडाविया ने कहा कि विभिन्न गंभीर रोगों के उपचार के लिये प्रतीक्षा अवधि को कम करने के उद्देश्य से मातृ एवं शिशु ब्लाक, वृद्धावस्था हेतु राष्ट्रीय केंद्र, सर्जिकल ब्लाक तथा भुगतान वाले निजी ब्लाक आदि स्थापित किये गए हैं.

उन्होंने कहा कि विभिन्न क्लिनिकल विभागों द्वारा अस्पताल में जरूरतमंद रोगियों से संबंधित प्रतीक्षा सूची को उनकी रोग की दशा, अपेक्षित उपचार की तात्कालिकता और विस्तर की उपलब्धता के अनुसार तैयार किया जाता है.

मंत्री ने कहा कि जहां तक ओपीडी का संबंध है, यह संबंधित विभाग की अधिकतम कार्य क्षमता के अनुसार तैयार किया जाता है.

पढ़ें : AIIMS प्रशासन के लिए सिरदर्द बना CT Scan फिल्म्स का कबाड़, 2 अगस्त से नहीं होगी प्रिंट

उन्होंने कहा कि नये रोगियों के लिये 80 प्रतिशत ओपीडी नामांकन अधिकतम 30 दिन पहले ऑनलाइन किये जाते हैं तथा शेष 20 प्रतिशत नामांकन रोगियों द्वारा स्वयं जाकर कराये जाते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : देश में सबसे पुराना दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences - AIIMS) उपलब्ध बेड्स की संख्या के मुकाबले अस्पताल में जरूरतमंद रोगियों की अधिक संख्या होने के चलते मांग और आपूर्ति में असंतुलन की समस्या से जूझ रहा है.

लोकसभा में दिलेश्वर कामत और युगल किशोर शर्मा के प्रश्न के लिखित उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने यह जानकारी दी.

मंडाविया ने कहा कि विभिन्न गंभीर रोगों के उपचार के लिये प्रतीक्षा अवधि को कम करने के उद्देश्य से मातृ एवं शिशु ब्लाक, वृद्धावस्था हेतु राष्ट्रीय केंद्र, सर्जिकल ब्लाक तथा भुगतान वाले निजी ब्लाक आदि स्थापित किये गए हैं.

उन्होंने कहा कि विभिन्न क्लिनिकल विभागों द्वारा अस्पताल में जरूरतमंद रोगियों से संबंधित प्रतीक्षा सूची को उनकी रोग की दशा, अपेक्षित उपचार की तात्कालिकता और विस्तर की उपलब्धता के अनुसार तैयार किया जाता है.

मंत्री ने कहा कि जहां तक ओपीडी का संबंध है, यह संबंधित विभाग की अधिकतम कार्य क्षमता के अनुसार तैयार किया जाता है.

पढ़ें : AIIMS प्रशासन के लिए सिरदर्द बना CT Scan फिल्म्स का कबाड़, 2 अगस्त से नहीं होगी प्रिंट

उन्होंने कहा कि नये रोगियों के लिये 80 प्रतिशत ओपीडी नामांकन अधिकतम 30 दिन पहले ऑनलाइन किये जाते हैं तथा शेष 20 प्रतिशत नामांकन रोगियों द्वारा स्वयं जाकर कराये जाते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.