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महिलाओं के योगदान के बिना स्वास्थ्य क्षेत्र का विकास अधूरा : मनसुख मंडाविया

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने कोविड टीकाकरण कार्य में उत्कृष्ट योगदान देने वाली 72 महिलाओं को सम्मानित किया और कहा कि महिलाओं के योगदान के बिना स्वास्थ्य क्षेत्र का विकास अधूरा है. देशभर की 72 महिला टीकाकरणकर्ताओं को सम्मानित किया गया. इस अवसर पर उन्होंने कोविड महामारी के प्रबंधन में आशा कार्यकर्ताओं के योगदान की सराहना की.

Mansukh Mandaviya
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया
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Published : Mar 8, 2022, 7:33 PM IST

Updated : Mar 8, 2022, 9:38 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर देशभर से कोविड-19 की सर्वश्रेष्ठ महिला टीकाकरणकर्ताओं को सम्मानित किया. भारत के कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन में अथक प्रयासों का उत्सव मनाने और उसको मान्यता देने के लिए नई दिल्ली में कार्यक्रम आयोजित किया गया.

अपने संबोधन में मंडाविया ने स्वास्थ्य क्षेत्र के समग्र विकास में महिलाओं के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा, 'स्वास्थ्य क्षेत्र का विकास महिलाओं के योगदान के बिना अधूरा है. हमारी आशा और एएनएम कार्यकर्ता स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास की स्तंभ हैं. हमारी आशा कार्यकर्ता राष्ट्र की सेवा के लिए अथक प्रयास कर रही हैं. वे दुर्गम इलाकों को पार करते हुए, अंतिम छोर तक पहुंच रही हैं, हर घर में जा रही हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हर पात्र व्यक्ति का टीकाकरण हो.

उन्होंने कहा कि हर घर दस्तक अभियान के तहत, हमारी आशा कार्यकर्ता हर घर में पहुंचीं, टीक लगवाने को बढ़ावा दिया और इस तरह, टीके की झिझक पर काबू पाया. यदि आज भारत कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम में विश्व में अग्रणी है, तो इसका श्रेय देश भर में हमारी महिला टीकाकरणकर्ताओं को जाता है.

डॉ. मनसुख मंडाविया ने देश भर में सभी महिला टीकाकरणकर्ताओं को बधाई दी और उनके समर्पण को सलाम किया. उन्होंने कहा, 'यह 16 जनवरी, 2021 का दिन था, जब हमारे प्रधानमंत्री द्वारा दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया था और तब से, भारत ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। राष्ट्र के लिए सभी महिला टीकाकरणकर्ताओं की निस्वार्थ सेवा के कारण ही भारत ने कोविड महामारी का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया है. वर्तमान तीसरी लहर के संदर्भ में भारत का प्रबंधन एक वैश्विक केस स्टडी है और ये महिला कोविड योद्धा इस ऐतिहासिक सफलता का कारण हैं.'

उन्होंने कहा कि भारत में प्राचीन काल से ही महिलाओं का सम्मान करने की परंपरा और संस्कृति रही है. हमने हमेशा इस लक्ष्य को पाने के लिए सामूहिक विकास सुनिश्चित करने के लिए एक साथ काम किया है.

यह भी पढ़ें- महिलाओं ने आपदा को अवसर बनाया, समाज में बनाई अलग पहचान

कार्यक्रम में देशभर की 72 महिला टीकाकरणकर्ताओं को सम्मानित किया गया. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि यह इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पावन दृष्टि है - 'एक अस्थाई कल के लिए आज महिला-पुरुष समानता', जो आज हमारे सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों को संचालित करती है. पिछले आठ वर्षों से हम विकास के विजन में आमूलचूल परिवर्तन देख रहे हैं. महिलाओं के विकास से लेकर महिलाओं के नेतृत्व में विकास तक, महिलाओं के नेतृत्व में हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है.

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर देशभर से कोविड-19 की सर्वश्रेष्ठ महिला टीकाकरणकर्ताओं को सम्मानित किया. भारत के कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन में अथक प्रयासों का उत्सव मनाने और उसको मान्यता देने के लिए नई दिल्ली में कार्यक्रम आयोजित किया गया.

अपने संबोधन में मंडाविया ने स्वास्थ्य क्षेत्र के समग्र विकास में महिलाओं के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा, 'स्वास्थ्य क्षेत्र का विकास महिलाओं के योगदान के बिना अधूरा है. हमारी आशा और एएनएम कार्यकर्ता स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास की स्तंभ हैं. हमारी आशा कार्यकर्ता राष्ट्र की सेवा के लिए अथक प्रयास कर रही हैं. वे दुर्गम इलाकों को पार करते हुए, अंतिम छोर तक पहुंच रही हैं, हर घर में जा रही हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हर पात्र व्यक्ति का टीकाकरण हो.

उन्होंने कहा कि हर घर दस्तक अभियान के तहत, हमारी आशा कार्यकर्ता हर घर में पहुंचीं, टीक लगवाने को बढ़ावा दिया और इस तरह, टीके की झिझक पर काबू पाया. यदि आज भारत कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम में विश्व में अग्रणी है, तो इसका श्रेय देश भर में हमारी महिला टीकाकरणकर्ताओं को जाता है.

डॉ. मनसुख मंडाविया ने देश भर में सभी महिला टीकाकरणकर्ताओं को बधाई दी और उनके समर्पण को सलाम किया. उन्होंने कहा, 'यह 16 जनवरी, 2021 का दिन था, जब हमारे प्रधानमंत्री द्वारा दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया था और तब से, भारत ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। राष्ट्र के लिए सभी महिला टीकाकरणकर्ताओं की निस्वार्थ सेवा के कारण ही भारत ने कोविड महामारी का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया है. वर्तमान तीसरी लहर के संदर्भ में भारत का प्रबंधन एक वैश्विक केस स्टडी है और ये महिला कोविड योद्धा इस ऐतिहासिक सफलता का कारण हैं.'

उन्होंने कहा कि भारत में प्राचीन काल से ही महिलाओं का सम्मान करने की परंपरा और संस्कृति रही है. हमने हमेशा इस लक्ष्य को पाने के लिए सामूहिक विकास सुनिश्चित करने के लिए एक साथ काम किया है.

यह भी पढ़ें- महिलाओं ने आपदा को अवसर बनाया, समाज में बनाई अलग पहचान

कार्यक्रम में देशभर की 72 महिला टीकाकरणकर्ताओं को सम्मानित किया गया. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि यह इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पावन दृष्टि है - 'एक अस्थाई कल के लिए आज महिला-पुरुष समानता', जो आज हमारे सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों को संचालित करती है. पिछले आठ वर्षों से हम विकास के विजन में आमूलचूल परिवर्तन देख रहे हैं. महिलाओं के विकास से लेकर महिलाओं के नेतृत्व में विकास तक, महिलाओं के नेतृत्व में हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है.

Last Updated : Mar 8, 2022, 9:38 PM IST
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