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एच डी कुमारस्वामी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

जनता दल (सेक्युलर) के वरिष्ठ नेता एच डी कुमारस्वामी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था को संघीय शासन प्रणाली में राज्यों की आर्थिक स्वायत्तता में कटौती का 'राक्षसी प्रतीक' करार दिया.

कुमार स्वामी
कुमार स्वामी
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Published : Jul 3, 2021, 6:01 PM IST

बेंगलुरु : पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि जीएसटी व्यवस्था का उद्देश्य राज्यों के राजस्व को केन्द्र की ओर मोड़ना है. दरअसल देश में जीएसटी को लागू हुए चार वर्ष हो गए हैं और इस मौके पर कुमारस्वामी ने कई ट्वीट करके केन्द्र की आलोचना की.

उन्होंने ट्वीट किया, 'जीएसटी (GST) व्यवस्था संघीय शासन प्रणाली में राज्यों की आर्थिक स्वायत्तता में कटौती के 'राक्षसी प्रतीक' की तरह खड़ा है. जीएसटी व्यवस्था राज्यों को वंचित कर केन्द्र का पोषण करने वाले वित्तीय तंत्र की भांति प्रतीत होती है.'

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार जीएसटी लागू होने के चार वर्ष पूरा होने का जश्न मना रही है क्योंकि इसने करों के मामले में राज्यों के अधिकारों और स्वतंत्रता को छीन कर उसका पेट भरा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रश्न किया, 'केन्द्र ने राज्यों को जीएसटी व्यवस्था से जोड़ते वक्त नुकसान की भरपाई का वादा किया था, लेकिन अब वह अपनी बातों से मुकर गया है. क्या राज्यों को उनके कर संसाधनों से साथ धोखाधड़ी होने के चार वर्ष पूरा होना का जश्न मनाना चाहिए.'

पूर्व मुख्यमंत्री (former chief minister) ने कहा कि कर्नाटक को नौ हजार करोड़ रुपये जीएसटी हर्जाने के तौर पर मिलना शेष है. उन्होंने कहा कि जीएसटी व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य राज्यों के राजस्व को केंद्र की ओर मोड़ना है ताकि राज्यों को वित्तीय आवंटन के लिए दासों की तरह केंद्र के सामने खड़ा होना पड़े. गुलामी की यह व्यवस्था कांग्रेस ने विकसित की थी और भाजपा ने इसे लागू किया है.

इसे भी पढ़ें : कोविड वैक्सीन पर जीएसटी कटौती नहीं करना 'जन विरोधी' : अमित मित्रा

उन्होंने कहा कि जीएसटी व्यवस्था ने राज्यों को वित्तीय आवंटन के लिए केंद्र से भीख मांगने की स्थिति में ला दिया है.
(पीटीआई-भाषा)

बेंगलुरु : पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि जीएसटी व्यवस्था का उद्देश्य राज्यों के राजस्व को केन्द्र की ओर मोड़ना है. दरअसल देश में जीएसटी को लागू हुए चार वर्ष हो गए हैं और इस मौके पर कुमारस्वामी ने कई ट्वीट करके केन्द्र की आलोचना की.

उन्होंने ट्वीट किया, 'जीएसटी (GST) व्यवस्था संघीय शासन प्रणाली में राज्यों की आर्थिक स्वायत्तता में कटौती के 'राक्षसी प्रतीक' की तरह खड़ा है. जीएसटी व्यवस्था राज्यों को वंचित कर केन्द्र का पोषण करने वाले वित्तीय तंत्र की भांति प्रतीत होती है.'

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार जीएसटी लागू होने के चार वर्ष पूरा होने का जश्न मना रही है क्योंकि इसने करों के मामले में राज्यों के अधिकारों और स्वतंत्रता को छीन कर उसका पेट भरा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रश्न किया, 'केन्द्र ने राज्यों को जीएसटी व्यवस्था से जोड़ते वक्त नुकसान की भरपाई का वादा किया था, लेकिन अब वह अपनी बातों से मुकर गया है. क्या राज्यों को उनके कर संसाधनों से साथ धोखाधड़ी होने के चार वर्ष पूरा होना का जश्न मनाना चाहिए.'

पूर्व मुख्यमंत्री (former chief minister) ने कहा कि कर्नाटक को नौ हजार करोड़ रुपये जीएसटी हर्जाने के तौर पर मिलना शेष है. उन्होंने कहा कि जीएसटी व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य राज्यों के राजस्व को केंद्र की ओर मोड़ना है ताकि राज्यों को वित्तीय आवंटन के लिए दासों की तरह केंद्र के सामने खड़ा होना पड़े. गुलामी की यह व्यवस्था कांग्रेस ने विकसित की थी और भाजपा ने इसे लागू किया है.

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उन्होंने कहा कि जीएसटी व्यवस्था ने राज्यों को वित्तीय आवंटन के लिए केंद्र से भीख मांगने की स्थिति में ला दिया है.
(पीटीआई-भाषा)

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