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सुरक्षा बलों के पेंशन असमानता वाली याचिका को HC ने सुनने से किया इनकार

दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र को सशस्त्र बलों के तहत समान पेंशन योजना (same pension scheme) का विस्तार करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि ऐसी ही अन्य याचिकाएं लंबित हैं उन पर जो फैसला आएगा वह इस पर भी लागू होगा.

दिल्ली उच्च न्यायालय
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Published : Aug 12, 2021, 2:53 PM IST

Updated : Aug 12, 2021, 3:37 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें केंद्र को गृह मंत्रालय के अधीन बलों के लिए भी रक्षा मंत्रालय के अधीन आने वाले सशस्त्र बलों की तरह पेंशन योजना लागू करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडला की पीठ ने 'हमारा देश हमारे जवान ट्रस्ट' की ओर से दायर जनहित याचिका पर गौर करते हुए कहा कि पीड़ित कर्मियों द्वारा कई याचिकाएं पहले से ही निर्णय के लिए लंबित हैं.

न्यायमूर्ति एंडला (Justice Endlaw) ने कहा, 'इससे प्रभावित लोग पहले ही अदालत का रुख कर चुके हैं, मामले पर सुनवाई पहले ही जारी है. इस संबंध में कई याचिकाएं हैं.'

उन्होंने कहा कि लंबित याचिकाओं पर जो फैसला आएगा, वे इस तरह की सभी संबंधित याचिकाओं पर लागू होगा.

न्यायमूर्ति ने ट्रस्ट के वकील अजय के. अग्रवाल से कहा, 'हरेक व्यक्ति को उपस्थिति दर्ज कराने की जरूरत नहीं है. जो मुद्दा आप उठा रहे हैं, वह इससे प्रभावित लोग पहले ही उठा चुके हैं....'

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल ने कहा कि एक ही मामले पर कई याचिकाएं दायर करने की जरूरत नहीं है और साथ ही उन्होंने याचिकाकर्ता से लंबित कार्यवाही का हिस्सा बनने को कहा.

मुख्य न्यायाधीश ने वकील से कहा, 'आप वहां जाए और सीएम (आवेदन) दायर करें.'

पढ़ें- जवानों को पेंशन लाभ में विसंगतियां खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

अदालत ने ट्रस्ट को अन्य कानूनी उपायों का इस्तेमाल करने या लंबित कार्यवाही में शामिल होने की स्वतंत्रता देने के साथ अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी.

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें केंद्र को गृह मंत्रालय के अधीन बलों के लिए भी रक्षा मंत्रालय के अधीन आने वाले सशस्त्र बलों की तरह पेंशन योजना लागू करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडला की पीठ ने 'हमारा देश हमारे जवान ट्रस्ट' की ओर से दायर जनहित याचिका पर गौर करते हुए कहा कि पीड़ित कर्मियों द्वारा कई याचिकाएं पहले से ही निर्णय के लिए लंबित हैं.

न्यायमूर्ति एंडला (Justice Endlaw) ने कहा, 'इससे प्रभावित लोग पहले ही अदालत का रुख कर चुके हैं, मामले पर सुनवाई पहले ही जारी है. इस संबंध में कई याचिकाएं हैं.'

उन्होंने कहा कि लंबित याचिकाओं पर जो फैसला आएगा, वे इस तरह की सभी संबंधित याचिकाओं पर लागू होगा.

न्यायमूर्ति ने ट्रस्ट के वकील अजय के. अग्रवाल से कहा, 'हरेक व्यक्ति को उपस्थिति दर्ज कराने की जरूरत नहीं है. जो मुद्दा आप उठा रहे हैं, वह इससे प्रभावित लोग पहले ही उठा चुके हैं....'

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल ने कहा कि एक ही मामले पर कई याचिकाएं दायर करने की जरूरत नहीं है और साथ ही उन्होंने याचिकाकर्ता से लंबित कार्यवाही का हिस्सा बनने को कहा.

मुख्य न्यायाधीश ने वकील से कहा, 'आप वहां जाए और सीएम (आवेदन) दायर करें.'

पढ़ें- जवानों को पेंशन लाभ में विसंगतियां खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

अदालत ने ट्रस्ट को अन्य कानूनी उपायों का इस्तेमाल करने या लंबित कार्यवाही में शामिल होने की स्वतंत्रता देने के साथ अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी.

Last Updated : Aug 12, 2021, 3:37 PM IST
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