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भारत में निर्मित स्मार्ट एंटी एयरफील्ड हथियार का परीक्षण सफल - हिंदुस्तान एरोनॉटिक लिमिटेड

भारत ने ओडिशा के तट पर हिंदुस्तान एरोनॉटिक लिमिटेड के स्वदेशी हॉक-आई विमान से एक स्मार्ट एंटी एयरफील्ड हथियार का सफलापूर्वक परीक्षण किया है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर..

स्मार्ट एंटी एयरफील्ड हथियार
स्मार्ट एंटी एयरफील्ड हथियार
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Published : Jan 21, 2021, 5:06 PM IST

Updated : Jan 21, 2021, 5:19 PM IST

भुवनेश्वर : सार्वजनिक क्षेत्र के हिंदुस्तान एरोनॉटिक लिमिटेड के स्वदेशी हॉक-आई विमान से एक स्मार्ट एंटी एयरफील्ड हथियार का सफलापूर्वक परीक्षण किया है. हॉक-आई से यह परीक्षण ओडिशा के तट पर किया गया.

इस स्वदेशी हथियार को डीआरडीओ की ईकाई रिसर्च सेंटर इमरत (आरसीआई) ने विकसित किया है. यह पहला स्मार्ट हथियार है, जिसे हॉक-एमके 132 से दागा गया है.

एचएएल के सीडीएम आर माधवन ने कहा कि हिंदुस्तान एरोनॉटिक लिमिटेड आत्मनिर्भर भारत अभियान पर जोर दे रहा है.

उन्होंने कहा कि कंपनी के पास हॉक-आई प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर सिस्टम और हथियारों के प्रमाणीकरण के लिए किया जा रहा है, जो डीआरडीओ और सीएससी लैब द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किए गए हैं.

एचएएल के इंजीनियरिंग विभाग के निदेशक अरूप चटर्जी ने कहा कि एचएएल स्वदेशी रूप से हॉक-आई के प्रशिक्षण और युद्धक क्षमता को बढ़ा रहा है.

यह भी पढ़ें- 23 जनवरी को बंगाल और असम का दौरा करेंगे पीएम मोदी

हॉक-आई एचएएल का आंतरिक रूप से वित्त पोषित कार्यक्रम है, जो भारतीय सशस्त्र बलों को हॉक के लिए अपग्रेड और युद्ध क्षमता प्रदान करता है, जो इसे एक अपग्रेड जेट ट्रेनर के रूप में परिवर्तित करता है, जो युद्ध में सेंसर और हथियारों पर प्रशिक्षण प्रदान करता है.

स्मार्ट एंटी एयरफील्ड हथियार को एयरक्राफ्ट से लॉन्च किया जाता है. इस हथियार का इस्तेमाल 100 किलोमीटर की सीमा में दुश्मनों के हथियार जैसे कि रडार, बंकर, टैक्सी ट्रैक, रनवे को नष्ट करने के लिए किया जाता है. इसका वजन 125 किलोग्राम है. इससे पहले जगुआर विमान से इस हथियार का सफल परीक्षण किया गया था.

भुवनेश्वर : सार्वजनिक क्षेत्र के हिंदुस्तान एरोनॉटिक लिमिटेड के स्वदेशी हॉक-आई विमान से एक स्मार्ट एंटी एयरफील्ड हथियार का सफलापूर्वक परीक्षण किया है. हॉक-आई से यह परीक्षण ओडिशा के तट पर किया गया.

इस स्वदेशी हथियार को डीआरडीओ की ईकाई रिसर्च सेंटर इमरत (आरसीआई) ने विकसित किया है. यह पहला स्मार्ट हथियार है, जिसे हॉक-एमके 132 से दागा गया है.

एचएएल के सीडीएम आर माधवन ने कहा कि हिंदुस्तान एरोनॉटिक लिमिटेड आत्मनिर्भर भारत अभियान पर जोर दे रहा है.

उन्होंने कहा कि कंपनी के पास हॉक-आई प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर सिस्टम और हथियारों के प्रमाणीकरण के लिए किया जा रहा है, जो डीआरडीओ और सीएससी लैब द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किए गए हैं.

एचएएल के इंजीनियरिंग विभाग के निदेशक अरूप चटर्जी ने कहा कि एचएएल स्वदेशी रूप से हॉक-आई के प्रशिक्षण और युद्धक क्षमता को बढ़ा रहा है.

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हॉक-आई एचएएल का आंतरिक रूप से वित्त पोषित कार्यक्रम है, जो भारतीय सशस्त्र बलों को हॉक के लिए अपग्रेड और युद्ध क्षमता प्रदान करता है, जो इसे एक अपग्रेड जेट ट्रेनर के रूप में परिवर्तित करता है, जो युद्ध में सेंसर और हथियारों पर प्रशिक्षण प्रदान करता है.

स्मार्ट एंटी एयरफील्ड हथियार को एयरक्राफ्ट से लॉन्च किया जाता है. इस हथियार का इस्तेमाल 100 किलोमीटर की सीमा में दुश्मनों के हथियार जैसे कि रडार, बंकर, टैक्सी ट्रैक, रनवे को नष्ट करने के लिए किया जाता है. इसका वजन 125 किलोग्राम है. इससे पहले जगुआर विमान से इस हथियार का सफल परीक्षण किया गया था.

Last Updated : Jan 21, 2021, 5:19 PM IST
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