नई दिल्ली : हरियाणा कांग्रेस के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के दफ्तर पहुंचा और करनाल में प्रदर्शनकारी किसानों पर हुए 'क्रूर लाठीचार्ज' की हालिया घटना को लेकर ज्ञापन सौंपा.
कांग्रेस पार्टी ने करनाल के एसडीएम को तत्काल निलंबित करने की भी मांग की है, जिनका एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह पुलिसकर्मियों को प्रदर्शनकारी किसानों के सिर तोड़ने के निर्देश देते हुए दिख रहे थे.
प्रतिनिधिमंडल में हरियाणा कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा और किरण चौधरी, दीपेंद्र हुड्डा और कैप्टन अजय यादव सहित अन्य नेता शामिल थे.
ईटीवी भारत से बात करते हुए, हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल ने कहा कि हमारी मांग है कि हरियाणा सरकार को किसानों के साथ किए गए बर्बर व्यवहार के लिए माफी मांगनी चाहिए. साथ ही जिन अधिकारियों ने कानून का उल्लंघन किया है उन्हें निलंबित किया जाए.
उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या का समाधान होना चाहिए, सरकार को उनसे बातचीत करनी चाहिए. यह वर्तमान सरकार की जिम्मेदारी है, चाहे वह केंद्र हो या राज्य सरकार. विवेक बंसल ने कहा कि जो किसान घायल हुए हैं और जिनकी मृत्यु हुई है, उन्हें राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए.
कांग्रेस ने एनएचआरसी से मांग की है कि इस घटना में शामिल सभी लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 107, 108, 109, 147, 148, 307, 323, 325, 341, 342 और 120 (बी) के तहत कार्रवाई की जाए.
इस बीच, हरियाणा सरकार में इस घटना को लेकर दो अलग-अलग राय देखने को मिल रही है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जहां आईएएस अधिकारी की किसानों के 'सिर फोड़ने' की टिप्पणी को सही ठहराते दिखाई दिए, वहीं उनके डिप्टी दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि एसडीएम को कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
किसानों पर लाठीचार्ज की घटना को लेकर हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने कहा कि यह एक सुनियोजित कार्य था और उपमुख्यमंत्री का बयान इस योजना का हिस्सा है. एक वर्ग खुश होगा और दूसरा ऐसी भाषा का उपयोग करेगा. वे दोनों एक साथ हैं. हरियाणा में एक दमनकारी सरकार है और वे हमारे किसानों और मजदूरों के खिलाफ हर तरह के हथकंडे अपनाएंगे.
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उन्होंने यह भी कहा, 'सीएम वहां मौजूद थे, पूरे करनाल में प्रोटोकॉल था, और फिर भी वे शांति सुनिश्चित नहीं कर सके, क्योंकि उन्होंने खुद हिंसा का सहारा लिया. यह किसानों की पिटाई करने का एक बर्बर कृत्य है.
हालांकि, हरियाणा के सीएम अभी भी आईएएस अधिकारी के समर्थन में अपने बयान पर कायम हैं, उनका कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इसकी आवश्यकता थी.