भिवानी: हरियाणा के मुक्केबाजों ने एशियन गेम्स 2023 की बॉक्सिंग चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं. बीजिंग ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडलिस्ट बॉक्सर विजेंदर सिंह की अगुवाई में बॉक्सर अमित पंघाल, सागर अहलावत और रोहित मोर ने चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए. इन मुक्केबाजों ने चयन प्रक्रिया में शामिल दो विदेशी प्रशिक्षकों पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है. बॉक्सर विजेंदर कुमार के मुताबिक चयन प्रक्रिया में विदेशी ट्रेनरों ने पक्षपात किया है.
चयन प्रक्रिया पर सवाल: 92 किलोग्राम भारवर्ग के बॉक्सर सागर अहलावत, 57 किलोग्राम भार वर्ग के बॉक्सर रोहित मोर और 51 किलोग्राम भार वर्ग के बॉक्सर अमित पंघाल ने संयुक्त रूप से रविवार को भिवानी में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. बॉक्सरों ने दावा किया कि बिना ट्रायल के ही मुक्केबाजों का चयन एशियन गेम्स 2023 के लिए किया जा रहा है. जोकि सरासर गलत है. बता दें कि 23 सितंबर से एशियन मुक्केबाजी प्रतियोगिता चीन के जोंगजू शहर में आयोजित होनी है.
नए नियमों पर जताया विरोध: बॉक्सरों ने कहा कि पहले चयन प्रक्रिया ट्रायल बेस और खिलाड़ी के प्रदर्शन के आधार पर तय होती थी, लेकिन अब नए मनमाने नियम बनाकर 8 प्वाइंटों के आधार पर चयन प्रक्रिया अपनाई गई है, जिसको लेकर उन्हें ऐतराज है. नई चयन प्रक्रिया में खिलाड़ियों की हाजिरी, उनके उठने और सोने का समय, खिलाड़ियों का वजन समेत ऐसे मापदंडों को अपनाया गया है, जिससे खेल का बहुत सीधा ताल्लुक नहीं है.
HC जा सकते हैं बॉक्सर: बॉक्सरों ने कहा कि नई चयन प्रकिया में चहेतों को आगे बढ़ाया जा रहा है. 51 किलोग्राम भार वर्ग के बॉक्सर अमित पंघाल ने बताया कि उनके स्थान पर दीपक का चयन हुआ है, जबकि वो चाहते है कि पिछले रिकॉर्ड और ट्रायल के आधार पर जो भी योग्य है उसका चयन हो. इस तरह मनमाने ढंग से चयन करना ठीक नहीं है. अमित पंघाल ने कहा कि अगर बॉक्सिंग फेडरेशन ने चयन प्रक्रिया को ठीक नहीं किया तो वो हाई कोर्ट का भी रुख कर सकते हैं.
मैंने ओलंपिक में देश के लिए मुक्केबाजी में पहला पदक प्राप्त किया, लेकिन कभी भी बॉक्सिंग फेडरेशन ने मुझे चयन प्रक्रिया के नियमों को बनाने, नियमों को बदलने या मुक्केबाजी के उत्थान के लिए किसी कार्यक्रम में नहीं बुलाया. वर्तमान में बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया मनमाने नियमों के आधार पर अपने चहेतों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है, जिस पर हमें ऐतराज है. विदेशी ट्रेनरों ने पक्षपात किया है. चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए.- बॉक्सर विजेंदर कुमार
वहीं द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच जगदीश कुमार ने कहा कि खेल मंत्रालय और भारत सरकार भले ही खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने की बात करता हो, लेकिन साल 2017 से अब तक के बहुत से खिलाड़ियों के अवॉर्ड के पैसे सरकार के पास बकाया है. ऑनलाइन तरीके से अप्लाई करने के बाद भी खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि बकाया है. उन्होंने कहा कि बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की चयन कमेटी में चार कोच हैं, जिनमें से दो भारतीय हैं तथा दो विदेशी हैं. विदेशी कोच को 15-15 लाख रुपये देकर रखा गया है. जिनपर पक्षपात के आरोप हैं.