नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. जानकारी के मुताबिक डॉ हर्षवर्धन आठ जनवरी के ड्राई रन के दौरान व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करेंगे. वे इसके लिए तमिलनाडु में मौजूद रहेंगे.
कोविशील्ड से टीकाकरण की शुरुआत
एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा है कि सरकार औपचारिक रूप से टीकाकरण प्रक्रिया कोविशील्ड के साथ शुरू करेगी. कोविशील्ड सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और ऑक्सफोर्ड के द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है.
पहले चरण के टीकाकरण के लिए 480 करोड़
इससे इतर वित्त मंत्रालय ने पहले चरण में 3 करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स के टीकाकरण के लिए 480 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समीक्षा के दौरान हर्षवर्धन ने कहा कि चार राज्यों में कोरोना वैक्सीन के ड्राई रन पर प्रतिक्रिया की समीक्षा की गई. फीडबैक के आधार पर सुधार किए गए हैं. 8 जनवरी को 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ड्राई रन किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए कोरोना से बचाव के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना जरूरी है. वहीं, कोविड-19 टीके 'कोविशील्ड' और 'कोवैक्सिन' देश में जल्द उपलब्ध होने वाले हैं. हमारी कोशिश है कि टीका हर व्यक्ति तक पहुंचे.
हरियाणा में डब्लूएचओ अधिकारी ने की समीक्षा
कोरोना वैक्सीन ड्राई रन से जुड़े एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में हरियाणा के गुरुग्राम स्थित साइबर सिटी में भी पूर्वाभ्यास किया गया. कोरोना वायरस को मात देने के लिए 6 जगहों पर ड्राई रन किया गया. जिसमें करीब डेढ़ सौ स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगाने का ट्रायल किया गया. इस बीच डब्ल्यूएचओ की टीम गुरुग्राम पहुंची और दो सेंटर पर जाकर ड्राई रन की पूरी व्यवस्था की जानकारी स्वास्थ्य अधिकारियों से ली.
नए साल पर देश को वैक्सीन तो मिल गई है, लेकिन किस तरह से लोगों को ये वैक्सीन लगाई जाएगी? किस तरह की व्यवस्था की गई है? इन तमाम पहलुओं को लेकर गुरुग्राम में 6 जगहों पर dry-run किया गया.
WHO की टीम ने इन दो सेंटर का लिया जायजा
डब्ल्यूएचओ की टीम ने गुरुग्राम के भांग रोला और वजीराबाद स्थित सेंटर पर पहुंचकर इस पूरी व्यवस्था के बारे में जानकारी ली. किस तरह से लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी और किस तरह की व्यवस्थाएं रहेंगी इन सभी पहलुओं को बारीकी से जाना.
सफल रहा ड्राई रन- WHO
डब्ल्यूएचओ की टीम के साथ सीएमओ वीरेंद्र यादव ने सभी व्यवस्थाओं की जानकारी टीम के सदस्यों को दी. डब्ल्यूएचओ की टीम का ये भी मानना है कि गुरुग्राम में जो dry-run किया गया वो सफल रूप में देखा जा रहा है और यदि इसी तरह से व्यवस्थाएं रही तो निश्चित तौर पर आसानी से वैक्सीनेशन का काम पूरा हो सकेगा.
डब्ल्यूएचओ की टीम से जब ये सवाल किया गया कि क्या इस दवाई का कोई साइड इफेक्ट होगा तो उनका जवाब यही था कि हर एक दवाई का कोई ना कोई साइड इफेक्ट होता है, तो निश्चित तौर पर कोरोना वैक्सीन का भी साइड इफ़ेक्ट होगा, लेकिन ये ये साइड इफेक्ट खतरनाक नहीं होते.
क्या होता है ड्राई रन?
कोरोना वैक्सीनेक्शन को लेकर सरकार का प्लान और तैयारी कैसी है, वैक्सीन को लोगों तक कैसे पहुंचाया जाएगा, किस तरह से टीकाकरण को अंजाम दिया जाएगा और वैक्सीनेशन के दौरान क्या परेशानियां आ सकती हैं, इन सभी बातों को जानने के लिए ड्राई रन किया जाता है. इसे हम एक तरह से वैक्सीनेशन का मॉक ड्रिल कह सकते हैं.