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गंगा में डूबते 7 कांवड़ियों के लिए जल पुलिस बनी 'देवदूत', रेस्क्यू कर बचाई जान - saved the kanwariyas

हरिद्वार में गंगा की तेज धारा में बह रहे 7 कांवड़ियों को जल पुलिस ने बचाया है. अब तक जल पुलिस कई कांवड़ियों की जान बचा चुकी है.

Water Police Haridwar
हरिद्वार
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Published : Jul 22, 2022, 9:20 AM IST

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा नदी में तेज बहाव के चलते 7 कांवड़िए बह गए, जिनको जल पुलिस और एसपीओ ने रेस्क्यू कर बचाया. हरिद्वार में गंगा घाटों पर तैनात जल पुलिस और एसपीओ के द्वारा कांवड़ियों पर पैनी नजर रखी जा रही है और अप्रिय घटना होने पर मुस्तैदी से कार्य कर जीवनदान दिया जा रहा है.

बता दें, कांवड़ के सीजन में हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड से लेकर हरिद्वार में गंगा के तमाम घाटों पर कांवड़ियों का रेला उमड़ता है. ऐसे में कई बार कांवड़िए अपनी लापरवाही से गंगा की तेज धारा में बह जाते हैं, जिनको मौके पर तैनात जल पुलिस और एसपीओ के द्वारा बचाया जा रहा है.

जल पुलिस ने 7 कांवड़ियों की जान बचाई.

बढ़ाई गई व्यवस्था: बीते सालों में कांवड़ के दौरान गंगा में नहाते समय डूब कर होने वाली कांवड़ियों की मौत पर लगाम लगाने के लिए इस बार पुलिस ने गंगा घाटों पर जल पुलिस की व्यापक स्तर पर तैनाती की है. 100 से अधिक सरकारी व निजी गोताखोरों को डूबते कांवड़ियों को बचाने के लिए लगाया गया है.

गंगा में पैसे ढूंढने वाले भी बनाए गए एसपीओ: गंगा घाटों पर ऐसे युवाओं की भी कमी नहीं है, जो अपनी रोजी-रोटी गंगा से ही चलाते हैं. यह युवक तैराकी में निपुण होते हैं और सामान्य दिनों में यह गंगा में पैसे आदि ढूंढ कर अपना गुजर-बसर करते हैं. पुलिस ने इस बार तैराकी में दक्ष ऐसे गंगा में पैसे ढूंढने वालों को एसपीओ (स्पेशल पुलिस ऑफिसर) बनाकर उन्हीं गंगा घाटों पर तैनात किया है, जिन घाटों का इन युवकों को पूरा अनुभव है.
पढ़ें- हरिद्वार में जल पुलिस के साथ रियलिटी चेक, डूबते कांवड़ियों को ऐसे मिल रहा 'जीवनदान'

22 टीमों के हाथ कमान: कांवड़ के दौरान सड़क पर पुलिस की मौजूदगी बेहद अहम है. उससे भी ज्यादा जरूरी अब पानी के बीच जल पुलिस की मौजूदगी होती नजर आ रही है क्योंकि सड़क पर दुर्घटना की संभावना पानी से काफी कम है. पानी में डूबते लोगों को बचाने के लिए हरिद्वार के अलग अलग घाटों पर जल पुलिस की 22 टीमों को लगाया गया है. एक टीम में 5 से लेकर 7 तक सदस्य होते हैं.

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा नदी में तेज बहाव के चलते 7 कांवड़िए बह गए, जिनको जल पुलिस और एसपीओ ने रेस्क्यू कर बचाया. हरिद्वार में गंगा घाटों पर तैनात जल पुलिस और एसपीओ के द्वारा कांवड़ियों पर पैनी नजर रखी जा रही है और अप्रिय घटना होने पर मुस्तैदी से कार्य कर जीवनदान दिया जा रहा है.

बता दें, कांवड़ के सीजन में हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड से लेकर हरिद्वार में गंगा के तमाम घाटों पर कांवड़ियों का रेला उमड़ता है. ऐसे में कई बार कांवड़िए अपनी लापरवाही से गंगा की तेज धारा में बह जाते हैं, जिनको मौके पर तैनात जल पुलिस और एसपीओ के द्वारा बचाया जा रहा है.

जल पुलिस ने 7 कांवड़ियों की जान बचाई.

बढ़ाई गई व्यवस्था: बीते सालों में कांवड़ के दौरान गंगा में नहाते समय डूब कर होने वाली कांवड़ियों की मौत पर लगाम लगाने के लिए इस बार पुलिस ने गंगा घाटों पर जल पुलिस की व्यापक स्तर पर तैनाती की है. 100 से अधिक सरकारी व निजी गोताखोरों को डूबते कांवड़ियों को बचाने के लिए लगाया गया है.

गंगा में पैसे ढूंढने वाले भी बनाए गए एसपीओ: गंगा घाटों पर ऐसे युवाओं की भी कमी नहीं है, जो अपनी रोजी-रोटी गंगा से ही चलाते हैं. यह युवक तैराकी में निपुण होते हैं और सामान्य दिनों में यह गंगा में पैसे आदि ढूंढ कर अपना गुजर-बसर करते हैं. पुलिस ने इस बार तैराकी में दक्ष ऐसे गंगा में पैसे ढूंढने वालों को एसपीओ (स्पेशल पुलिस ऑफिसर) बनाकर उन्हीं गंगा घाटों पर तैनात किया है, जिन घाटों का इन युवकों को पूरा अनुभव है.
पढ़ें- हरिद्वार में जल पुलिस के साथ रियलिटी चेक, डूबते कांवड़ियों को ऐसे मिल रहा 'जीवनदान'

22 टीमों के हाथ कमान: कांवड़ के दौरान सड़क पर पुलिस की मौजूदगी बेहद अहम है. उससे भी ज्यादा जरूरी अब पानी के बीच जल पुलिस की मौजूदगी होती नजर आ रही है क्योंकि सड़क पर दुर्घटना की संभावना पानी से काफी कम है. पानी में डूबते लोगों को बचाने के लिए हरिद्वार के अलग अलग घाटों पर जल पुलिस की 22 टीमों को लगाया गया है. एक टीम में 5 से लेकर 7 तक सदस्य होते हैं.

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