हरिद्वार (उत्तराखंड): गंगा महासभा वाराणसी और अखिल भारतीय संत समिति द्वारा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और श्री काशी विद्वत परिषद के मार्गदर्शन में आगामी 2 नवंबर से यूपी वाराणसी में चार दिवसीय संस्कृति संसद का आयोजन करने जा रहा है. आयोजन की रूपरेखा और तैयारियों को लेकर गुरुवार को हरिद्वार प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई.
बुधवार को हरिद्वार प्रेस क्लब में गंगा महासभा द्वारा वाराणसी में आगामी 2 नवंबर से 5 नवंबर तक संस्कृति संसद की तैयारियां और मुख्य बिंदुओं की जानकारी देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. प्रेस कॉन्फ्रेंस जानकारी देते हुए गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि सनातन धर्म पर राजनीतिक हित के लिए जिस तरह से हमला किया जा रहा है. साथ ही जिस तरह से हिंदुओं को गाली दी जा रही है. उन्हीं सब बिंदुओं को लेकर इस संस्कृति संसद का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यह सम्मेलन पूरी तरह से गैर राजनीतिक है. इस कार्यक्रम में किसी भी ऐसे व्यक्ति को नहीं बुलाया गया है जो किसी राजनीतिक दल से संबंध रखता हो.
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कांग्रेस पर साधा निशाना: प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सनातन को खत्म करने के लिए होने वाले सम्मेलनों का कांग्रेस द्वारा समर्थन किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. साथ ही इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध में कांग्रेस द्वारा फिलिस्तीन का समर्थन करने पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा भारत सरकार से हटकर जिस तरह से एक आतंकवादी संगठन का समर्थन किया गया है. यह बहुत ही गलत है.
भारत के कोने-कोने से संतों को न्योता: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पूरी ने कहा कि सनातन पर जिस तरह से लागातर हमले किए जा रहे हैं. उन सब के चिंतन के लिए भारत के हर कोने से संतों को बुलाया गया है. उन्होंने बताया, जो भी सनातन का विरोध कर रहे हैं. उनको पहले समझाने का प्रयास किया जाएगा. अगर जरूरत पड़ी तो न्यायालय की शरण लेकर उनपर कार्रवाई की मांग की जाएगी.