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हरिद्वार कुंभ : प्रतीकात्मक ढंग से हुआ आखिरी शाही स्नान, संन्यासियों ने लगाई डुबकी - Kumbh Mela IG Sanjay Gunjyal

हरिद्वार महाकुंभ में मंगलवार को अंतिम शाही स्नान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अखाड़ों से की गई अपील का असर देखने को मिला. सभी अखाड़ों ने प्रतीकात्मक और काफी कम संख्या में शाही स्नान किया.

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Published : Apr 27, 2021, 7:36 PM IST

हरिद्वार : महाकुंभ के अंतिम शाही स्नाम में कोरोना महामारी का असर साफ देखने को मिला. हरकी पैड़ी समेत विभिन्न घाटों पर सुबह चार बजे ब्रह्ममुहूर्त में स्नान शुरू हो गया था. लेकिन बेहद कम संख्या में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालु पहुंचे. इस दौरान साधु-संतों ने कोरोना गाइडलाइन का भी पालन किया. आखिरी शाही स्नान संन्यासी अखाड़ों द्वारा प्रतीकात्मक रूप से किया गया.

ऐसा रहा अखाड़ों के स्नान का क्रम

सबसे पहले निरंजनी और आनंद अखाड़े ने शाही स्नान किया. उसके बाद हरकी पैड़ी पर जूना अग्नि आह्वान और किन्नर अखाड़े के साधु-संत पहुंचे. तीसरे नंबर पर महानिर्वाणी अटल अखाड़े ने शाही स्नान किया. इसके बाद तीनों बैरागी अखाड़ों ने हरकी पैड़ी पर पहुंचकर गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. आखिरी में वैष्णव संप्रदाय के तीन अखाड़े निर्मल पंचायती अखाड़ा, बड़ा उदासीन पंचायती और पंचायती अखाड़ा नया उदासीन ने शाही स्नान किया. इस दौरान साधु-संत भी कोरोना गाइडलाइन का पालन करते नजर आए. शाही स्नान के दौरान साधु-संत भी मास्क पहने नजर आए.

आखिरी शाही स्नान
आखिरी शाही स्नान.

पीएम मोदी की अपील का पालन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद संन्यासी अखाड़ों द्वारा प्रतीकात्मक रूप से शाही स्नान किया गया और काफी कम संख्या में साधु-संत हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड स्नान करने पहुंचे. निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि निरंजनी और आनंद अखाड़े ने प्रतीकात्मक रूप से स्नान नहीं किया है. हमारे द्वारा सांस्कृतिक स्नान किया गया है. दोनों अखाड़े से हमारे 27 साधु-संतों ने ही स्नान किया है.

संन्यासियों ने लगाई डुबकी.

सभी तेरह अखाड़ों ने किया शाही स्नान : महंत साधनानंद

अग्नि अखाड़े के महंत साधनानंद का कहना है कि कुंभ का अंतिम शाही स्नान था. शाही स्नान में सभी तेरह अखाड़ों ने भाग लिया. कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए कुंभ को दिव्य भव्य रूप से मनाया.

साधु-संतों ने कोरोना गाइडलाइन का पालन किया.
साधु-संतों ने कोरोना गाइडलाइन का पालन किया.

कोरोना के कारण कुंभ की भव्यता में कमी आई : महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण

वहीं, किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण कुंभ की भव्यता में काफी कमी आई है. हम आशा करते हैं जल्द ही कोरोना खत्म हो जाए. पूरे देश में जिस तरह की समस्या चल रही है उसे देखकर काफी दुःख हो रहा है.

प्रतीकात्मक ढंग से हुआ आखिरी शाही स्नान

वहीं मेला प्रशासन और पुलिस के लिए आखिरी शाही स्नान को सकुशल संपन्न कराना सबसे बड़ी चुनौती थी. ऐसे में अंतिम शाही स्नान सकुशल संपन्न होने से मेला प्रशासन ने राहत की सांस ली है. कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत का कहना है कि आज कुंभ का अंतिम शाही स्नान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है. सभी अखाड़ों ने सूक्ष्म रूप में शाही स्नान किया है.

सभी तेरह अखाड़ों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया : कुंभ आईजी

कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल का कहना है कि अंतिम शाही स्नान के दौरान सभी तेरह अखाड़ों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया. साधु-संतों द्वारा मास्क भी लगाया गया. संन्यासी अखाड़ों द्वारा प्रतीकात्मक रूप से शाही स्नान किया गया और काफी कम संख्या साधु-संतों की रही. संजय गुंज्याल का कहना है कि कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है ऐसे में पुलिस के लिए काफी चुनौती थी.

हरिद्वार : महाकुंभ के अंतिम शाही स्नाम में कोरोना महामारी का असर साफ देखने को मिला. हरकी पैड़ी समेत विभिन्न घाटों पर सुबह चार बजे ब्रह्ममुहूर्त में स्नान शुरू हो गया था. लेकिन बेहद कम संख्या में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालु पहुंचे. इस दौरान साधु-संतों ने कोरोना गाइडलाइन का भी पालन किया. आखिरी शाही स्नान संन्यासी अखाड़ों द्वारा प्रतीकात्मक रूप से किया गया.

ऐसा रहा अखाड़ों के स्नान का क्रम

सबसे पहले निरंजनी और आनंद अखाड़े ने शाही स्नान किया. उसके बाद हरकी पैड़ी पर जूना अग्नि आह्वान और किन्नर अखाड़े के साधु-संत पहुंचे. तीसरे नंबर पर महानिर्वाणी अटल अखाड़े ने शाही स्नान किया. इसके बाद तीनों बैरागी अखाड़ों ने हरकी पैड़ी पर पहुंचकर गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. आखिरी में वैष्णव संप्रदाय के तीन अखाड़े निर्मल पंचायती अखाड़ा, बड़ा उदासीन पंचायती और पंचायती अखाड़ा नया उदासीन ने शाही स्नान किया. इस दौरान साधु-संत भी कोरोना गाइडलाइन का पालन करते नजर आए. शाही स्नान के दौरान साधु-संत भी मास्क पहने नजर आए.

आखिरी शाही स्नान
आखिरी शाही स्नान.

पीएम मोदी की अपील का पालन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद संन्यासी अखाड़ों द्वारा प्रतीकात्मक रूप से शाही स्नान किया गया और काफी कम संख्या में साधु-संत हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड स्नान करने पहुंचे. निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि निरंजनी और आनंद अखाड़े ने प्रतीकात्मक रूप से स्नान नहीं किया है. हमारे द्वारा सांस्कृतिक स्नान किया गया है. दोनों अखाड़े से हमारे 27 साधु-संतों ने ही स्नान किया है.

संन्यासियों ने लगाई डुबकी.

सभी तेरह अखाड़ों ने किया शाही स्नान : महंत साधनानंद

अग्नि अखाड़े के महंत साधनानंद का कहना है कि कुंभ का अंतिम शाही स्नान था. शाही स्नान में सभी तेरह अखाड़ों ने भाग लिया. कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए कुंभ को दिव्य भव्य रूप से मनाया.

साधु-संतों ने कोरोना गाइडलाइन का पालन किया.
साधु-संतों ने कोरोना गाइडलाइन का पालन किया.

कोरोना के कारण कुंभ की भव्यता में कमी आई : महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण

वहीं, किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण कुंभ की भव्यता में काफी कमी आई है. हम आशा करते हैं जल्द ही कोरोना खत्म हो जाए. पूरे देश में जिस तरह की समस्या चल रही है उसे देखकर काफी दुःख हो रहा है.

प्रतीकात्मक ढंग से हुआ आखिरी शाही स्नान

वहीं मेला प्रशासन और पुलिस के लिए आखिरी शाही स्नान को सकुशल संपन्न कराना सबसे बड़ी चुनौती थी. ऐसे में अंतिम शाही स्नान सकुशल संपन्न होने से मेला प्रशासन ने राहत की सांस ली है. कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत का कहना है कि आज कुंभ का अंतिम शाही स्नान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है. सभी अखाड़ों ने सूक्ष्म रूप में शाही स्नान किया है.

सभी तेरह अखाड़ों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया : कुंभ आईजी

कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल का कहना है कि अंतिम शाही स्नान के दौरान सभी तेरह अखाड़ों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया. साधु-संतों द्वारा मास्क भी लगाया गया. संन्यासी अखाड़ों द्वारा प्रतीकात्मक रूप से शाही स्नान किया गया और काफी कम संख्या साधु-संतों की रही. संजय गुंज्याल का कहना है कि कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है ऐसे में पुलिस के लिए काफी चुनौती थी.

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