नई दिल्ली: इन दिनों देश के अलग-अलग राज्यों में धर्म संसद का आयोजन किया जा रहा है. इन सभी जगहों से विवादित बयान भी सामने आ रहे हैं. हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में नरसिंहानंद सरस्वती ने मुस्लिमों को लेकर कई बातें कहीं. वीडियो वायरल होने के बाद लगातार कई राज्यों में प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं. हालांकि वायरल वीडियो को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं और उत्तराखंड में हुए धर्म संसद को लेकर अब उत्तराखंड के सीएम भी निशाने पर आ गए हैं.
सोमवार को इसी को लेकर सीपीआई और AISA की तरफ से उत्तराखंड भवन के बाहर एक जोरदार हंगामा देखने को मिला. जहां पर आयशा के छात्रों के हाथों में बैनर पोस्टर थे, जिस पर लिखा था कि उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी का इस्तीफा चाहिए और नरसिंहानंद सरस्वती की गिरफ्तारी.
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धर्म संसद में जो बात कही गई है, वह देश को तोड़ने वाली बात है. मुस्लिमों को देश में डराया और धमकाया जा रहा है. यह मुस्लिमों का देश है और हम इसे हिंदू राष्ट्र नहीं बनने देंगे. इतना ही नहीं मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स भी तैनात थी. पुलिस धारा 144 और कोविड के नियमों का हवाला देकर लोगों से जाने की अपील कर रही थी, लेकिन सीपीआई कार्यकर्ता जाने को तैयार नहीं थे.
सीपीआई के जनरल सेक्रेटरी दीपांकर भट्टाचार्य ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के युवा सांसद तेजस्वी सूर्या कर्नाटक में जाते हैं और जहर उगलते हैं. उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही. चुनाव आ रहा है बीजेपी अलग-अलग हथकंडे अपना रही है और जनता को गुमराह करने की कोशिश भी कर रही है.
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एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि जो धर्म संसद में मुख्यमंत्री जिस मंच पर थे. वहां पर इस तरीके की देश को तोड़ने वाली बातें कही जा रही हैं. महात्मा गांधी को लेकर भी अपशब्द कहे जा रहे हैं. वह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. आज देश में सभी को रहने का हक है. कुछ दिन पहले ईसाइयों को लेकर भी कई मनगढ़ंत बातें कही गई थीं.
बीजेपी के नेता भी जहर उगलते आ रहे हैं. देश हिंदू-मुस्लिम-सिख-इसाई सभी का है. हम इसे हिंदू राष्ट्र नहीं बनने देंगे. यह लोकतांत्रिक देश है. सभी को रहने का हक है. इस देश में जितना योगदान मुसलमानों ने दिया है. उतना ही सीख और ईसाइयों ने भी दिया है.