नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र 2021 का आज आठवां दिन है. लोकसभा में पहली बार विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच प्रश्नकाल चलाया गया और मंत्रियों ने अनेक सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए. इस दौरान स्मार्ट शहरों पर चर्चा हुई जिसके जवाब आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिए.
प्रश्नकाल के दौरान सांसद प्रताप सिम्हा ने कहा कि स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत परियोजनाओं के लिए शहरों की सूची में मैसूर शामिल नहीं है. उन्होंने पूछा कि क्या सूची के विस्तार का कोई प्रस्ताव है. इसके जवाब में हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि फिलहाल स्मार्ट शहरों की सूची के विस्तार की कोई योजना नहीं है.
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मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जवाब में कहा, इस योजना की घोषणा जून 2015 में की गई थी ताकि जीवन को आसान बनाने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा सके. प्रतिस्पर्धी बोली लगाने की एक प्रणाली की घोषणा की गई थी, और प्रतिस्पर्धा करने की इच्छा रखने वाले सभी शहरों को पांच साल की अवधि में लागू होने वाली विशिष्ट परियोजनाओं को प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया था. केंद्र प्रत्येक स्मार्ट शहरों को प्रति वर्ष ₹500 करोड़ देता है. कर्नाटक के स्मार्ट शहरों ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है. उन्हें ₹1,721 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं. आज, हम परिणाम देख रहे हैं. मैसूर को शामिल नहीं किया गया था, क्योंकि यह एक परियोजना को आगे बढ़ाने का सवाल था ... हमें यह देखना होगा कि क्या सूची स्मार्ट शहरों की सूची के विस्तार की आवश्यकता है या नहीं.