छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश). दुनियाभर में मारुतिनंदन, रामभक्त पवनपुत्र हनुमान के कई मंदिर हैं, जो वर्षों से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बने हुए हैं. असंख्य लोग इन मंदिरों में रोज पूजा अर्चना करने आते हैं, लेकिन इनमें से कुछ विशेष महत्व रखते हैं. भक्तों की आस्था का एक ऐसा ही अलौकिक रूप नजर आता है छिंदवाड़ा के केसरीनंदन हनुमान मंदिर में, जहां पर लोग अपनी सभी प्रकार की परेशानियों को दूर करने के लिए हनुमान जी के दरबार में लेटर पैड में आवेदन लिखते हैं.
जानिए कहां सिर का आकार लिए हैं भगवान हनुमान: शहर के रेलवे स्टेशन रोड पर चार फाटक के पास यह मंदिर अपने आप में एक अलग ही विशेषता लिए हुए है. ज्यादातर मंदिरों में हनुमान जी की प्रतिमा दक्षिण मुखी होतीहै, लेकिन इस मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा का मुंह पूर्व की तरफ है. मंदिर में हनुमान जी का विग्रह सिर्फ सिर के आकार में हैं. कहा जाता है अयोध्या में हनुमानगढ़ी में हनुमान जी के मंदिर की प्रतिमा है, जिसमें उनका मुंह पूर्व की तरफ है.
अर्जी लिखकर लगाते हैं न्याय की गुहार: केसरी नंदन हनुमान मंदिर में आवेदन लगाने के लिए कोई तारीख या दिन निश्चित नहीं है, लेकिन लोगों की मान्यताओं के अनुसार ज्यादातर अर्जियां यहां पर मंगलवार, शनिवार और हनुमान जयंती को ही लगाई जाती है. करीब सैंकड़ों साल पुराने इस मंदिर में व्यापार, शादी, नौकरी या फिर कोई भी परेशानी, और प्रशासनिक समस्याओं को निपटाने के लिए यहां पर आवेदन लगाए जाते हैं. वहीं पीड़ितों के आवेदन और उनकी समस्याओं का यहां पर समाधान भी होता है, ऐसी हनुमान जी पर भक्तों की आस्था है.
मंदिर में अर्पित नारियल की भी है खासियत: हनुमान जी की प्रतिमा को अर्पित किए जाने वाले नारियल भी खास होते हैं. इस मंदिर में हनुमान जी को अर्पित किए जाने वाले नारियलों को फोड़ा नहीं जाता बल्कि उन्हें झालर के रूप में लटका दिया जाता है. मंदिर में लगी नारियलों की झालर इतनी बड़ी है कि उसे आसानी से गिनना संभव नहीं है. मंदिर के प्रवेश द्वार पर नारियल की ही झालर वंदनवार के रूप में लगी हुई है.
तयशुदा वक्त में भक्तों के आवेदन पर सुनवाई: मंदिर प्रशासन ने भक्तों के लिए हनुमान के नाम का लेटर पैड बनाकर रखा हुआ है, जिसमें भक्त अपनी अर्जी लिखकर उसे फोल्ड करने के बाद सिंदूर से जय श्री राम लिखते हैं और हनुमान जी को अर्पित करते हैं. भक्त के द्वारा लिखी गई अर्जी सिर्फ भगवान और भक्त के बीच ही रहती है. इस अर्जी को खोलने की अनुमति यहां पर किसी को नहीं दी गई है. परेशानी चाहे प्रशासनिक, सामाजिक या फिर आर्थिक हो सभी को भगवान कुछ ही दिनों में उसका निदान कर देते हैं. खास बात यह है कि भक्त अपने भगवान को अर्जी लिखते वक्त उसमें निदान करने के लिए तारीख भी लिख देते हैं, लोग बताते हैं कि तयशुदा वक्त में भक्तों के आवेदन पर सुनवाई भी हो जाती है.
भक्त नारियल की तोरण बनाकर मंदिर में चढ़ाते हैं: हनुमान जंयती के दिन मंदिर से विशाल शोभायात्रा निकाली जाती है और प्रसाद बांटा जाता है. इस मंदिर में हनुमान जी हवनकुंड के बीच में विराजमान हैं. मनोकामना पूरी होने पर भक्त नारियल की तोरण बनाकर इस मंदिर में चढ़ाते हैं. कई बार ऐसा होता है कि भगवान के आर्शीवाद के रूप में प्रार्थना करते समय नारियल टूटकर भक्तों के हाथों में गिर जाता है, जिसे भक्त अपने पूजा घरों में रखते हैं. अपनी समस्यों की अर्जी लेकर यहां पर दूर-दूर से भक्त आते हैं. साल भर के आंकड़ों में यदि नजर डाले तो यहां पर करीब 50 हजार अर्जियां लगती हैं, जिन्हें मंदिर प्रशासन ने संभालकर रखता है.
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