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सड़क दुर्घटना में जिब्रान ने खोया पैर, आज बेकार चीजों को दे रहे 'आकार'

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Published : Jan 27, 2021, 4:17 PM IST

यदि कोई जीवन में कुछ करने के लिए दृढ़ निश्चय कर ले, तो हर बाधा पार कर सकता है. शारीरिक कमजोरी से जूझ रहे पुलवामा जिले का एक युवक मुहम्मद जिब्रान ने यह साबित कर दिया. पढ़ें विस्तार से...

जिब्रान
जिब्रान

श्रीनगर : पुलवामा जिले के पंगलगाम काकापुरा इलाके के रहने वाले जिब्रान सुलेख और मूर्तिकला में माहिर हैं. मुहम्मद जिब्रान शारीरिक कमजोरी के कारण कई वर्षों से चलने में असमर्थ हैं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.

पांच साल पहले एक सड़क दुर्घटना के बाद ने जिब्रान चलने फिरने में असमर्थ हो गए थे. अपनी शारीरिक कमजोरी के बाद भी उन्होंने अपनी कला को विकसित किया. वे बेकार चीजों से मूर्तियां बनाते हैं. आज तक उन्होंने कई दिलचस्प और आकर्षक मूर्तियां बनाई हैं. सुलेख और मूर्तिकला के अलावा, जिब्रान इलेक्ट्रॉनिक आइटम भी बनाते हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

दुर्घटना के बाद उनके माता-पिता ने इलाज कराने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए. जब यह दुर्घटना हुई, तो वह बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहे थे. बाद में वह इन सब कारणों से अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सके.

पढ़ें- मुंगेर में भाजपा प्रवक्ता अजफर शम्सी को अपराधियों ने गोली मारी

जिब्रान के परिवार ने हालातों को देखते हुए पूरा साथ दिया, जिस कारण वह अपने कला की प्रतिभा को निखार पाए. जिब्रान के माता-पिता को अपने बेटे पर गर्व है. जम्मू की एसएसआई संस्था ने जिब्रान को एक मंच दिया. जिब्रान को राष्ट्रीय खिलौना मेले के लिए चुना गया है, जिसके बारे में जिब्रान बहुत आशावादी हैं.

श्रीनगर : पुलवामा जिले के पंगलगाम काकापुरा इलाके के रहने वाले जिब्रान सुलेख और मूर्तिकला में माहिर हैं. मुहम्मद जिब्रान शारीरिक कमजोरी के कारण कई वर्षों से चलने में असमर्थ हैं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.

पांच साल पहले एक सड़क दुर्घटना के बाद ने जिब्रान चलने फिरने में असमर्थ हो गए थे. अपनी शारीरिक कमजोरी के बाद भी उन्होंने अपनी कला को विकसित किया. वे बेकार चीजों से मूर्तियां बनाते हैं. आज तक उन्होंने कई दिलचस्प और आकर्षक मूर्तियां बनाई हैं. सुलेख और मूर्तिकला के अलावा, जिब्रान इलेक्ट्रॉनिक आइटम भी बनाते हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

दुर्घटना के बाद उनके माता-पिता ने इलाज कराने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए. जब यह दुर्घटना हुई, तो वह बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहे थे. बाद में वह इन सब कारणों से अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सके.

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जिब्रान के परिवार ने हालातों को देखते हुए पूरा साथ दिया, जिस कारण वह अपने कला की प्रतिभा को निखार पाए. जिब्रान के माता-पिता को अपने बेटे पर गर्व है. जम्मू की एसएसआई संस्था ने जिब्रान को एक मंच दिया. जिब्रान को राष्ट्रीय खिलौना मेले के लिए चुना गया है, जिसके बारे में जिब्रान बहुत आशावादी हैं.

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