नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने ओमान के अपने समकक्ष बद्र अलबुसैदी (Badr Albusaidi) से शुक्रवार को बात की और सात अक्टूबर को हमास उग्रवादियों द्वारा इजरायली शहरों पर किए गए अप्रत्याशित हमलों के बाद पश्चिम एशिया में पैदा संकट पर चर्चा की. अलबुसैदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट के जरिए कहा कि उन्होंने गाजा में तत्काल संघर्षविराम की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने इसे अच्छी बातचीत बताया.
जयशंकर ने भी एक्स पर लिखा, 'ओमानी विदेश मंत्री अलबुसैदी के साथ अच्छी बातचीत हुई. हमने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की और पश्चिम एशिया में संकट पर विचारों का आदान-प्रदान किया.' अलबुसैदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करना सभी का दायित्व है.
उन्होंने कहा, 'मैंने गाजा में तत्काल संघर्ष विराम और जरूरी मानवीय सहायता पहुंचाए जाने की महत्ती आवश्यकता पर जोर दिया. अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करना सभी का दायित्व है, ताकि हजारों आम नागरिकों की जान बचाई जा सके. अब युद्ध बंद करो.' बड़ी संख्या में अरब देश हमास और इजरायल के बीच संघर्ष विराम की वकालत कर रहे हैं. इससे पहले, जयशंकर ने सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान और संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान के साथ पश्चिम एशिया की स्थिति पर चर्चा की थी.
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हमास-शासित गाजा में इजरायली हमलों में 2,900 से अधिक नाबालिगों और 1,500 से अधिक महिलाओं समेत 7,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं. हमास ने सात अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल में अप्रत्याशित हमला किया था, जिसके जवाब में इजरायल ने कई विनाशकारी हवाई हमले किए. इजरायल के जवाबी हवाई हमलों के मद्देनजर गाजा में आम नागरिकों की स्थिति को लेकर वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं. भारत ने 22 अक्टूबर को फलस्तीन के लोगों के लिए दवाओं और चिकित्सा उपकरणों सहित 38 टन से अधिक राहत सामग्री भेजी थी.
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