वाराणसी : ज्ञानवापी परिसर में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने रिपोर्ट सबमिट करने के लिए एक दिन पहले तीन सप्ताह का समय मांगा था. जिस पर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई जारी रही. हालांकि कोर्ट ने एएसआई की तरफ से बार-बार तारीख बढ़ाए जाने के लिए अपील को लेकर काफी नाराजगी जताई. वादी पक्ष के वकीलों की तरफ से बताया गया कि जिला जज में जिला जज कृष्णा विश्वेश ने एएसआई के डायरेक्टर आलोक त्रिपाठी के बारे में भी पूछा है. साथ ही एएसआई के वकील से बार-बार तारीख मांगे जाने पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है. अंडरटेकिंग देते हुए बताने के लिए कहा है कि रिपोर्ट कब पेश की जाएगी.
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से समय मांगने पर मुस्लिम पक्ष ने भी गहरी आपत्ति जताई है. कहा है कि बार-बार तारीख मांगना उचित नहीं है. साथ ही तारीख ना दिए जाने का अनुरोध भी किया है. जिस पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है. माना जा रहा है कि गुरुवार को जिला न्यायालय इस पर अपना आदेश सुनाएगा.
17 नवंबर को कोर्ट ने दिया था 10 दिन का वक्त
दरअसल 2 नवंबर को ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे पूर्ण होने के बाद रिपोर्ट सबमिट करने को लेकर टीम दो बार तिथि आगे बढ़ाए जाने की एप्लीकेशन कोर्ट में दे चुकी है. जिसे लेकर मुस्लिम पक्ष ने पहले भी नाराजगी जताई थी. 17 नवंबर को कोर्ट ने एएसआई टीम को 10 दिन का वक्त देते हुए हर हाल में रिपोर्ट सबमिट करने के लिए कहा था, लेकिन 17 नवंबर को ही एएसआई के वकील द्वारा अतिरिक्त तीन सप्ताह का समय मांगते हुए फिर से एप्लीकेशन दे दी गई. जिस पर सुनवाई जारी करते हुए बुधवार को कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना.
बार-बार समय मांगने से कोर्ट नाराज
वादी पक्ष के अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि कोर्ट इस बात को लेकर बेहद नाराज थी कि एएसआई बार-बार समय क्यों मांग रही है. उन्होंने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वकील से कहा कि आप अंडरटेकिंग दीजिए की रिपोर्ट कब सबमिट होगी. कोर्ट ने वकील से यह भी पूछा कि एएसआई के डायरेक्टर आलोक त्रिपाठी कहां है? क्या वह वाराणसी में हैं? जवाब में उनके दिल्ली होने की बात कही गई. कोर्ट ने एएसआई को चीजों को स्पष्ट करने के लिए कहा. फिलहाल दोनों पक्षों को सुनने के बाद अब कोर्ट गुरुवार को इस पर अपना फैसला सुना सकती है.
एएसआई की ओर से कहा गया- रिपोर्ट लगभग तैयार
आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए बताया है कि रिपोर्ट लगभग तैयार है, लेकिन कुछ तकनीकी चीज ऐसी हैं, जिन पर एनालिसिस करना जरूरी है. जयपुर, हैदराबाद, आगरा समेत कई अन्य जगहों से रिपोर्ट लाकर उसे सबमिट करना है. एक-एक चीज जो मशीनों द्वारा की गई है, उनका आकलन करके नापी करने के साथ ही आंकड़े तैयार किया जा रहे हैं, जो काफी कठिन कार्य है. कहीं से कोई गलती की गुंजाइश न हो, इसलिए बार-बार समय की मांग की जा रही है. वहीं ज्ञानवापी परिसर में नंदी के सामने बैरिकेडिंग और नीचे व्यास जी के तहखाने को जिलाधिकारी के सुपुर्द किए जाने को लेकर भी आज सुनवाई आगे बढ़ी.