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ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामलाः कथित शिवलिंग को लेकर हुई बहस, अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को

ज्ञानवापी मस्जिद श्रृंगार गौरी केस (gyanvapi shringar gauri case) में वाराणसी जिला न्यायालय में सुनवाई हुई. जिला जज ने इस प्रकरण में अगली तिथि 7 अक्टूबर तय की है.

shringar gauri gyanvapi mosque case
shringar gauri gyanvapi mosque case
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Published : Sep 29, 2022, 9:52 AM IST

Updated : Sep 29, 2022, 5:41 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई गुरुवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में हुई. सुनवाई में ज्ञानवापी मस्जिद में मिला कथित शिवलिंग कितना पुराना है, उसकी जांच कार्बन डेटिंग या किसी अन्य वैज्ञानिक पद्धति से हो या न हो इसे लेकर बहस हुई. फिलहाल कोर्ट में अब अगली सुनवाई के लिए 7 अक्टूबर की तिथि मुकर्रर की है.

वादिनी चार महिलाओं सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी की ओर से एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट में पक्ष रखा. उन्होंने बताया कि कार्बन डेटिंग या किसी अन्य वैज्ञानिक पद्धति से साक्ष्य के मद्देनजर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एएसआई के द्वारा यह पता लगाया जाना बहुत जरूरी है कि ज्ञानवापी मस्जिद में मिला शिवलिंग कितना पुराना है. अदालत ने हमारी दलीलें सुनीं और अगली सुनवाई में इस पॉइंट पर आदेश आने की पूरी संभावना है. वहीं, एक अन्य वादिनी राखी सिंह के एडवोकेट मान बहादुर सिंह ने कहा कि जो शिवलिंग मिला है, उसकी कार्बन डेटिंग की जांच से वह खंडित हो जाएगा. हमारे सनातन हिंदू धर्म में खंडित मूर्ति की पूजा नहीं की जाती है. इसलिए शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कतई न कराई जाए.

वहीं, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के एडवोकेट रईस अहमद और मुमताज अहमद ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग या अन्य वैज्ञानिक पद्धति से जांच के विरोध में जवाब दाखिल किया गया है. जिसमें कहा है कि जिसे कथित शिवलिंग बताया जा रहा है वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ही सुरक्षित है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ही कोई कार्रवाई की जा सकती है. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सुनवाई के लिए अगली तिथि 7 अक्टूबर नियत की है.

गौरतलब है कि मां श्रृंगार गौरी केस में पक्षकार बनने वालों की एप्लिकेशन या किसी अन्य बिंदु पर सुनवाई नहीं हो सकी. कोर्ट के बाहर सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी ने राखी सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि अब हिंदू ही हिंदू विरोधी हो गए हैं. कोई बात नहीं है, जीत हमारी ही होगी. चारों वादी महिलाओं महिलाओं का कहना था रांची सिंह कौन है कभी दिखाई नहीं देती हैं और हिंदू होकर हिंदू विरोधी बातें करना उचित नहीं है. महिलाओं का कहना था कि हम जो कार्बन डेटिंग की मांग कर रहे हैं. वह स्पष्ट करने के लिए कर रहे हैं कि जिस स्थान पर फव्वारा मिलने का दावा किया जा रहा है, वह शिवलिंग है. उससे हमारी आस्था जुड़ी है. इसलिए इसकी कार्बन डेटिंग होनी चाहिए और हम इसकी मांग करते हैं.

ये भी पढ़ें- मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्रा को हुआ स्वाइन फ्लू, कई ने छोड़ा हॉस्टल

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई गुरुवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में हुई. सुनवाई में ज्ञानवापी मस्जिद में मिला कथित शिवलिंग कितना पुराना है, उसकी जांच कार्बन डेटिंग या किसी अन्य वैज्ञानिक पद्धति से हो या न हो इसे लेकर बहस हुई. फिलहाल कोर्ट में अब अगली सुनवाई के लिए 7 अक्टूबर की तिथि मुकर्रर की है.

वादिनी चार महिलाओं सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी की ओर से एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट में पक्ष रखा. उन्होंने बताया कि कार्बन डेटिंग या किसी अन्य वैज्ञानिक पद्धति से साक्ष्य के मद्देनजर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एएसआई के द्वारा यह पता लगाया जाना बहुत जरूरी है कि ज्ञानवापी मस्जिद में मिला शिवलिंग कितना पुराना है. अदालत ने हमारी दलीलें सुनीं और अगली सुनवाई में इस पॉइंट पर आदेश आने की पूरी संभावना है. वहीं, एक अन्य वादिनी राखी सिंह के एडवोकेट मान बहादुर सिंह ने कहा कि जो शिवलिंग मिला है, उसकी कार्बन डेटिंग की जांच से वह खंडित हो जाएगा. हमारे सनातन हिंदू धर्म में खंडित मूर्ति की पूजा नहीं की जाती है. इसलिए शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कतई न कराई जाए.

वहीं, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के एडवोकेट रईस अहमद और मुमताज अहमद ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग या अन्य वैज्ञानिक पद्धति से जांच के विरोध में जवाब दाखिल किया गया है. जिसमें कहा है कि जिसे कथित शिवलिंग बताया जा रहा है वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ही सुरक्षित है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ही कोई कार्रवाई की जा सकती है. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सुनवाई के लिए अगली तिथि 7 अक्टूबर नियत की है.

गौरतलब है कि मां श्रृंगार गौरी केस में पक्षकार बनने वालों की एप्लिकेशन या किसी अन्य बिंदु पर सुनवाई नहीं हो सकी. कोर्ट के बाहर सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी ने राखी सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि अब हिंदू ही हिंदू विरोधी हो गए हैं. कोई बात नहीं है, जीत हमारी ही होगी. चारों वादी महिलाओं महिलाओं का कहना था रांची सिंह कौन है कभी दिखाई नहीं देती हैं और हिंदू होकर हिंदू विरोधी बातें करना उचित नहीं है. महिलाओं का कहना था कि हम जो कार्बन डेटिंग की मांग कर रहे हैं. वह स्पष्ट करने के लिए कर रहे हैं कि जिस स्थान पर फव्वारा मिलने का दावा किया जा रहा है, वह शिवलिंग है. उससे हमारी आस्था जुड़ी है. इसलिए इसकी कार्बन डेटिंग होनी चाहिए और हम इसकी मांग करते हैं.

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Last Updated : Sep 29, 2022, 5:41 PM IST
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