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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर का सर्वे रुका, 26 जुलाई शाम 5 बजे तक नहीं होगी कोई कार्यवाही - ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे

वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की कार्यवाही सोमवार सुबह 7 बजे शुरू हुई थी. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सर्वे को रोक दिया गया है. अब 26 जुलाई शाम 5 बजे तक सर्वे की कार्यवाही नहीं होगी. एसआई की टीम सुबह परिसर के अंदर सर्वे करने पहुंची थी. वहीं, मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे का बहिष्कार किया था.

वाराणसी
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Published : Jul 24, 2023, 6:42 AM IST

Updated : Jul 24, 2023, 1:29 PM IST

सर्वे रुकने के बाद बाहर निकले वकीलों और वादिनी लक्ष्मी देवी से मीडिया की बातचीत

वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर का सर्वे सोमवार सुबह 7 बजे शुरू हुआ, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रोक दिया गया है. ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के लिए एएसआई की टीम सुबह परिसर के अंदर गई थी. वाराणसी, दिल्ली, पटना, आगरा और लखनऊ की एएसआई टीम अंदर मौजूद थी. दिल्ली की टीम के अस्सिस्टेंट डायरेक्टर टीम को लीड कर रहे थे. टीम में कुल 20 सदस्य थे. कुल 43 लोग अंदर मौजूद थे. वहीं, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटरी यासीन ने कहा कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला था. इसलिए, उन्होंने सर्वे का बहिष्कार किया. वहीं, कमिश्नर ने मीडिया को जानकारी दी कि सर्वे का काम रोक दिया गया है. उन्होंने बताया कि 26 जुलाई शाम 5 बजे तक सर्वे की कार्यवाही नहीं होगी.

कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने मीडिया से बात की.

इससे पहले कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि सुबह 7 बजे से शुरू हुआ ईएसआई का सर्वे शाम 5 बजे तक जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ फिजिकल सर्वे की कार्यवाही चल रही है, जो आने वाले चार-पांच दिनों तक चलती रहेगी. उन्होंने बताया कि एएसआई के अधिकारियों ने बताया है कि जगह काफी बड़ी है. इसलिए, अभी किसी भी तरह की तकनीकी या अन्य तरह का प्रयोग नहीं किया जा रहा है. अभी 5 से 6 दिन तक सिर्फ फिजिकल सर्वे की कार्यवाही की जाएगी. उसके बाद यह डिसाइड होगा कि कौन सी तकनीक से अंदर सर्वे का काम किया जाएगा.

उन्होंने यह भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कोई सूचना हमारे पास नहीं आई है. उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के वकील अंदर मौजूद हैं. उनके द्वारा कोई भी सूचना दिए जाने के बाद ही हम यह बता पाएंगे कि आगे क्या होगा. लेकिन, कोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश की कोई भी जानकारी अब तक जिला प्रशासन को नहीं मिली है. इसलिए, सर्वे का काम शाम 5 बजे तक जारी रहेगा.

ज्ञानवापी परिसर का सर्वे

वाराणसी ज्ञानवापी परिसर में सर्वे रुकने के बाद वादी महिलाएं और उनके वकील बाहर निकले. मीडिया से बातचीत करते हुए वकील सुभाष चंद्र चतुर्वेदी के अलावा वादिनी लक्ष्मी देवी और सीता साहू ने बताया कि आज सुबह 7 बजे से शुरू हुई सर्वे की कार्यवाही बहुत ही अच्छे तरीके से चल रही थी. सीता साहू का कहना है कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से जरा सी भी सहयोग की भावना नहीं दिखाई गई. मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोई शामिल नहीं हुआ.

उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष ने मस्जिद का गेट ही नहीं खोला. इसकी वजह से अंदर दाखिल नहीं हो पाए. एएसआई की टीम ने चार अलग-अलग हिस्सों में खुद को बांटकर इस सर्वे की कार्यवाही पूरी की. पूरे परिसर की नाप करने के बाद एक मशीन के जरिए दीवानों की उम्र पता लगाने की कोशिश की जा रही थी. इसके अलावा अन्य मशीनें लगाने का काम किया जा रहा था. लेकिन उसके पहले ही सुप्रीम कोर्ट का आदेश आ गया. इसके बाद कार्यवाही रोक दी गई. अनुपम द्विवेदी ने बताया कि पश्चिमी दीवार, पूर्वी दीवार सहित चारों दीवारों की नापी करने के अलावा एक तकनीक मशीन के जरिए इसका सैंपल लिया गया. कहीं कोई खुदाई का काम नहीं किया गया. फिलहाल, 26 जुलाई शाम 5 बजे तक सर्वे के काम को रोक दिया गया है. आज 12 तक सर्वे का काम किया गया.

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सेक्रेटरी अब्दुल बातिन नोमानी का बयान

मसाजिद कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेट्री यासीन का कहना है कि लीगल प्रोसीजर कहीं से भी फॉलो नहीं किया गया है. हमारा मामला सर्वोच्च न्यायालय में आज सुना जाना है. लेकिन, इस मामले में तो लग रहा है, जैसे सारी संस्थाएं सर्वोच्च न्यायालय से भी ऊपर हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें उनकी बात रखने का मौका दिया ही नहीं जा रहा है. सब कार्यवाही एक तरफ ही की जा रही है. इसलिए, यह कहीं से उचित नहीं है. यही वजह है कि उनका कोई भी मेंबर इस कार्यवाही में शामिल नहीं हो रहा है. वे इसका विरोध करते हैं.

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सेक्रेटरी और मुफ्ती ए शहर अब्दुल बातिन नोमानी ने बहिष्कार का एलान किया है. उनका कहना है कि सारे कार्य नियम विरुद्ध किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि एएसआई अपने आप को सुप्रीम कोर्ट से भी ऊपर समझने लगी है. दरअसल, ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की कार्यवाही से पहले कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि दोनों पक्षों की सहमति के बाद सर्वे की कार्यवाही एएसआई द्वारा की जाएगी. अब्दुल बातिन नोमानी का कहना है कि उन्होंने रविवार रात को ही इस संदर्भ में अधिकारियों से मुलाकात करके लिखित तौर पर यह शिकायत की थी कि आज सर्वे की कार्यवाही न करवाई जाए. इसका उन्हें आश्वासन भी मिला था.

वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के सर्वे को लेकर जानकारी

उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने कहा था कि वे उनकी बातों को ऊपर तक पहुंचा देंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि आज मामला सुप्रीम कोर्ट में होने की वजह से सर्वे की कार्यवाही नहीं की जाएगी. अब्दुल बातिन नोमानी का कहना है कि सर्वे की कार्यवाही के लिए वे मना नहीं कर रहे हैं, बल्कि उन्होंने कहा था कि सोमवार के लिए इसे टाल दिया जाए. क्योंकि उनकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होनी है. लेकिन, उनकी बातों को नजरअंदाज करके सर्वे की कार्यवाही करने के लिए एएसआई की टीम पहुंच गई. अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा कि इसलिए जब उनका मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो उस कार्यवाही में क्यों शामिल होंगे. इसलिए, उन्होंने इसका बहिष्कार कर दिया है. उनका कहना है कि अब सुप्रीम कोर्ट में जो भी निर्णय आता है, उसके बाद उनकी कमेटी के लोग बैठकर निर्णय करेंगे कि उन्हें आगे क्या करना है.

सुबह वादी पक्ष की 5 महिलाओं के प्रवेश के साथ ही वाराणसी पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन, वाराणसी कमिश्नर कौशल राज शर्मा, जिला अधिकारी राज लिंगम के अलावा लंबी चौड़ी टीम अंदर गई थी. सबसे बड़ी बात यह है कि सुबह 6 बजे से ही टीम का अंदर प्रवेश करने का सिलसिला शुरू हो गया था. एएसआई की स्पेशल टीम तमाम औजार लेकर अंदर प्रवेश कर चुकी है. इसमें फावड़ा और अन्य खुदाई के उपकरण शामिल हैं. इसके अलावा कई मशीनें भी एएसआई की टीम के लोग लाए हैं. फिलहाल, एएसआई की टीम के लोग अंदर प्रवेश कर चुके हैं. सूत्रों का कहना है कि अंदर अभी चीजों को देखने और समझने का काम किया जा रहा है.

जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की तरफ से सर्वे की कार्यवाही शुरू कर दी गई है. अंदर मौजूद सूत्रों के मुताबिक, वजूखाने को छोड़कर बाकी परिसर में क्या चीजें हैं और किन चीजों पर कार्यवाही की जानी है, इसकी लिस्ट एएसआई की टीम तैयार कर रही है. इन सबके बीच वाराणसी में इस सर्वे को लेकर काफी गहमागहमी का माहौल है. सावन के तीसरे सोमवार होने की वजह से काशी में आज लाखों की भीड़ देखने को मिल रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि लाखों की इस भीड़ के बीच ईटीवी भारत ने आज हो रहे सर्वे को लेकर लोगों की राय भी जानी.

दर्शनार्थियों से बातचीत करने पर सभी ने इस सर्वे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी. लोगों का कहना था कि यह सर्वे अत्यंत जरूरी था, जिसे काफी पहले हो जाना चाहिए था. जिस वक्त विवाद उठा था यदि उसी वक्त निस्तारण हो जाता तो शायद आज इतनी समस्या देश को नहीं झेलनी पड़ती. लोगों का कहना था कि जिस तरह से अयोध्या में सर्वे के बाद चीजें स्पष्ट हुई हैं, वैसे ही काशी में भी सर्वे के बाद सब चीज साफ हो जाएगी. यह सर्वे आने वाले समय में कई बड़े राज खोलेगा, जिससे सारी चीजें स्पष्ट और साफ दिखाई देने लगेंगी.

रविवार रात लगभग 11 बजे तक कमिश्नर ऑफ पुलिस अशोक मुथा जैन के यहां जिलाधिकारी वाराणसी और अन्य अधिकारियों के अलावा हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष के लोगों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की गई. इसके बाद दोनों पक्षों को सुबह 7 बजे से सर्वे शुरू किए जाने की जानकारी दी गई. जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि एएसआई की टीम वाराणसी पहुंच चुकी है और सोमवार सुबह 7 बजे से परिसर के अंदर एसआई सर्वे की कार्यवाही शुरू हो जाएगी.

रविवार देर रात तक चली बैठक के बाद बाहर निकले प्रतिवादी और वादी पक्ष के लोगों ने मीडिया से बातचीत करते हुए सर्वे को लेकर महत्वपूर्ण जानकारियां दीं. वादी सीता साहू ने बताया कि लगभग 40 लोगों की एएसआई की टीम के अलावा प्रतिवादी पक्ष से मुस्लिम पक्ष कार और उनके वकीलों के लगभग 8 लोगों की टीम मौजूद रहेगी. इसके अतिरिक्त 4 वादी महिलाओं के अलावा हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी और सुभाष नंदन चतुर्वेदी जो वादी पक्ष के वकील हैं, यह लोग भी सर्वे में मौजूद रहेंगे. लगभग लोकल प्रशासन, पुलिस, एएसआई और वादी प्रतिवादी पक्ष को मिलाकर 65 से 70 लोगों की टीम सर्वे के लिए अंदर दाखिल होगी.

इसके लिए पुलिस कमिश्नर ने आसपास के जिलों से भी अतिरिक्त फोर्स वाराणसी बुला ली है. पुलिस कमिश्नर वाराणसी ने दोनों पक्षों के साथ बैठक करते हुए स्पष्ट किया है कि सावन का सोमवार होने की वजह से अतिरिक्त फोर्स के साथ पूरे सर्वे की कार्यवाही को कंप्लीट करवाया जाएगा. अलग यह कार्यवाही अभी कब तक चलेगी और कितने दिनों में पूरी होगी यह कोई नहीं बता रहा है. क्योंकि, 4 अगस्त को कोर्ट ने एएसआई को अपनी सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है. यह माना जा रहा है कि सर्वे का कार्य सोमवार से शुरू होगा और 4 अगस्त के पहले तक इसे खत्म कर दिया जाएगा.

फिलहाल, इस मामले में बड़ी-बड़ी मशीनों के साथ ही वैज्ञानिक लेटेस्ट तकनीक का प्रयोग करते हुए जांच की बात भी कही जा रही है. क्योंकि, कोर्ट ने जीपीआर तकनीक का प्रयोग करके गुंबद के नीचे जमीन के अंदर खंभों के अंदर निर्माण सामग्री से लेकर इन सारी चीजों की उम्र जानने के लिए रडार तकनीक का इस्तेमाल करते हुए जरूरत पड़ी तो खुदाई करने का भी आदेश दिया है. इन सभी चीजों के साथ यहां मिलने वाली हर छोटी-बड़ी चीजों की एक अलग रिपोर्ट भी कोर्ट ने एएसआई से बनाने के लिए कहा है. फिलहाल, सोमवार सुबह से भारी भरकम पुलिस फोर्स की मौजूदगी में एएसआई सर्वे की कार्यवाही ज्ञानवापी परिसर में शुरू कर दी जाएगी.

यह भी पढ़ें: ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष ने हाईकोर्ट में दाखिल की कैविएट, मुस्लिम पक्ष दे सकता है चुनौती

सर्वे रुकने के बाद बाहर निकले वकीलों और वादिनी लक्ष्मी देवी से मीडिया की बातचीत

वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर का सर्वे सोमवार सुबह 7 बजे शुरू हुआ, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रोक दिया गया है. ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के लिए एएसआई की टीम सुबह परिसर के अंदर गई थी. वाराणसी, दिल्ली, पटना, आगरा और लखनऊ की एएसआई टीम अंदर मौजूद थी. दिल्ली की टीम के अस्सिस्टेंट डायरेक्टर टीम को लीड कर रहे थे. टीम में कुल 20 सदस्य थे. कुल 43 लोग अंदर मौजूद थे. वहीं, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटरी यासीन ने कहा कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला था. इसलिए, उन्होंने सर्वे का बहिष्कार किया. वहीं, कमिश्नर ने मीडिया को जानकारी दी कि सर्वे का काम रोक दिया गया है. उन्होंने बताया कि 26 जुलाई शाम 5 बजे तक सर्वे की कार्यवाही नहीं होगी.

कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने मीडिया से बात की.

इससे पहले कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि सुबह 7 बजे से शुरू हुआ ईएसआई का सर्वे शाम 5 बजे तक जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ फिजिकल सर्वे की कार्यवाही चल रही है, जो आने वाले चार-पांच दिनों तक चलती रहेगी. उन्होंने बताया कि एएसआई के अधिकारियों ने बताया है कि जगह काफी बड़ी है. इसलिए, अभी किसी भी तरह की तकनीकी या अन्य तरह का प्रयोग नहीं किया जा रहा है. अभी 5 से 6 दिन तक सिर्फ फिजिकल सर्वे की कार्यवाही की जाएगी. उसके बाद यह डिसाइड होगा कि कौन सी तकनीक से अंदर सर्वे का काम किया जाएगा.

उन्होंने यह भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कोई सूचना हमारे पास नहीं आई है. उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के वकील अंदर मौजूद हैं. उनके द्वारा कोई भी सूचना दिए जाने के बाद ही हम यह बता पाएंगे कि आगे क्या होगा. लेकिन, कोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश की कोई भी जानकारी अब तक जिला प्रशासन को नहीं मिली है. इसलिए, सर्वे का काम शाम 5 बजे तक जारी रहेगा.

ज्ञानवापी परिसर का सर्वे

वाराणसी ज्ञानवापी परिसर में सर्वे रुकने के बाद वादी महिलाएं और उनके वकील बाहर निकले. मीडिया से बातचीत करते हुए वकील सुभाष चंद्र चतुर्वेदी के अलावा वादिनी लक्ष्मी देवी और सीता साहू ने बताया कि आज सुबह 7 बजे से शुरू हुई सर्वे की कार्यवाही बहुत ही अच्छे तरीके से चल रही थी. सीता साहू का कहना है कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से जरा सी भी सहयोग की भावना नहीं दिखाई गई. मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोई शामिल नहीं हुआ.

उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष ने मस्जिद का गेट ही नहीं खोला. इसकी वजह से अंदर दाखिल नहीं हो पाए. एएसआई की टीम ने चार अलग-अलग हिस्सों में खुद को बांटकर इस सर्वे की कार्यवाही पूरी की. पूरे परिसर की नाप करने के बाद एक मशीन के जरिए दीवानों की उम्र पता लगाने की कोशिश की जा रही थी. इसके अलावा अन्य मशीनें लगाने का काम किया जा रहा था. लेकिन उसके पहले ही सुप्रीम कोर्ट का आदेश आ गया. इसके बाद कार्यवाही रोक दी गई. अनुपम द्विवेदी ने बताया कि पश्चिमी दीवार, पूर्वी दीवार सहित चारों दीवारों की नापी करने के अलावा एक तकनीक मशीन के जरिए इसका सैंपल लिया गया. कहीं कोई खुदाई का काम नहीं किया गया. फिलहाल, 26 जुलाई शाम 5 बजे तक सर्वे के काम को रोक दिया गया है. आज 12 तक सर्वे का काम किया गया.

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सेक्रेटरी अब्दुल बातिन नोमानी का बयान

मसाजिद कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेट्री यासीन का कहना है कि लीगल प्रोसीजर कहीं से भी फॉलो नहीं किया गया है. हमारा मामला सर्वोच्च न्यायालय में आज सुना जाना है. लेकिन, इस मामले में तो लग रहा है, जैसे सारी संस्थाएं सर्वोच्च न्यायालय से भी ऊपर हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें उनकी बात रखने का मौका दिया ही नहीं जा रहा है. सब कार्यवाही एक तरफ ही की जा रही है. इसलिए, यह कहीं से उचित नहीं है. यही वजह है कि उनका कोई भी मेंबर इस कार्यवाही में शामिल नहीं हो रहा है. वे इसका विरोध करते हैं.

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सेक्रेटरी और मुफ्ती ए शहर अब्दुल बातिन नोमानी ने बहिष्कार का एलान किया है. उनका कहना है कि सारे कार्य नियम विरुद्ध किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि एएसआई अपने आप को सुप्रीम कोर्ट से भी ऊपर समझने लगी है. दरअसल, ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की कार्यवाही से पहले कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि दोनों पक्षों की सहमति के बाद सर्वे की कार्यवाही एएसआई द्वारा की जाएगी. अब्दुल बातिन नोमानी का कहना है कि उन्होंने रविवार रात को ही इस संदर्भ में अधिकारियों से मुलाकात करके लिखित तौर पर यह शिकायत की थी कि आज सर्वे की कार्यवाही न करवाई जाए. इसका उन्हें आश्वासन भी मिला था.

वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के सर्वे को लेकर जानकारी

उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने कहा था कि वे उनकी बातों को ऊपर तक पहुंचा देंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि आज मामला सुप्रीम कोर्ट में होने की वजह से सर्वे की कार्यवाही नहीं की जाएगी. अब्दुल बातिन नोमानी का कहना है कि सर्वे की कार्यवाही के लिए वे मना नहीं कर रहे हैं, बल्कि उन्होंने कहा था कि सोमवार के लिए इसे टाल दिया जाए. क्योंकि उनकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होनी है. लेकिन, उनकी बातों को नजरअंदाज करके सर्वे की कार्यवाही करने के लिए एएसआई की टीम पहुंच गई. अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा कि इसलिए जब उनका मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो उस कार्यवाही में क्यों शामिल होंगे. इसलिए, उन्होंने इसका बहिष्कार कर दिया है. उनका कहना है कि अब सुप्रीम कोर्ट में जो भी निर्णय आता है, उसके बाद उनकी कमेटी के लोग बैठकर निर्णय करेंगे कि उन्हें आगे क्या करना है.

सुबह वादी पक्ष की 5 महिलाओं के प्रवेश के साथ ही वाराणसी पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन, वाराणसी कमिश्नर कौशल राज शर्मा, जिला अधिकारी राज लिंगम के अलावा लंबी चौड़ी टीम अंदर गई थी. सबसे बड़ी बात यह है कि सुबह 6 बजे से ही टीम का अंदर प्रवेश करने का सिलसिला शुरू हो गया था. एएसआई की स्पेशल टीम तमाम औजार लेकर अंदर प्रवेश कर चुकी है. इसमें फावड़ा और अन्य खुदाई के उपकरण शामिल हैं. इसके अलावा कई मशीनें भी एएसआई की टीम के लोग लाए हैं. फिलहाल, एएसआई की टीम के लोग अंदर प्रवेश कर चुके हैं. सूत्रों का कहना है कि अंदर अभी चीजों को देखने और समझने का काम किया जा रहा है.

जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की तरफ से सर्वे की कार्यवाही शुरू कर दी गई है. अंदर मौजूद सूत्रों के मुताबिक, वजूखाने को छोड़कर बाकी परिसर में क्या चीजें हैं और किन चीजों पर कार्यवाही की जानी है, इसकी लिस्ट एएसआई की टीम तैयार कर रही है. इन सबके बीच वाराणसी में इस सर्वे को लेकर काफी गहमागहमी का माहौल है. सावन के तीसरे सोमवार होने की वजह से काशी में आज लाखों की भीड़ देखने को मिल रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि लाखों की इस भीड़ के बीच ईटीवी भारत ने आज हो रहे सर्वे को लेकर लोगों की राय भी जानी.

दर्शनार्थियों से बातचीत करने पर सभी ने इस सर्वे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी. लोगों का कहना था कि यह सर्वे अत्यंत जरूरी था, जिसे काफी पहले हो जाना चाहिए था. जिस वक्त विवाद उठा था यदि उसी वक्त निस्तारण हो जाता तो शायद आज इतनी समस्या देश को नहीं झेलनी पड़ती. लोगों का कहना था कि जिस तरह से अयोध्या में सर्वे के बाद चीजें स्पष्ट हुई हैं, वैसे ही काशी में भी सर्वे के बाद सब चीज साफ हो जाएगी. यह सर्वे आने वाले समय में कई बड़े राज खोलेगा, जिससे सारी चीजें स्पष्ट और साफ दिखाई देने लगेंगी.

रविवार रात लगभग 11 बजे तक कमिश्नर ऑफ पुलिस अशोक मुथा जैन के यहां जिलाधिकारी वाराणसी और अन्य अधिकारियों के अलावा हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष के लोगों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की गई. इसके बाद दोनों पक्षों को सुबह 7 बजे से सर्वे शुरू किए जाने की जानकारी दी गई. जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि एएसआई की टीम वाराणसी पहुंच चुकी है और सोमवार सुबह 7 बजे से परिसर के अंदर एसआई सर्वे की कार्यवाही शुरू हो जाएगी.

रविवार देर रात तक चली बैठक के बाद बाहर निकले प्रतिवादी और वादी पक्ष के लोगों ने मीडिया से बातचीत करते हुए सर्वे को लेकर महत्वपूर्ण जानकारियां दीं. वादी सीता साहू ने बताया कि लगभग 40 लोगों की एएसआई की टीम के अलावा प्रतिवादी पक्ष से मुस्लिम पक्ष कार और उनके वकीलों के लगभग 8 लोगों की टीम मौजूद रहेगी. इसके अतिरिक्त 4 वादी महिलाओं के अलावा हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी और सुभाष नंदन चतुर्वेदी जो वादी पक्ष के वकील हैं, यह लोग भी सर्वे में मौजूद रहेंगे. लगभग लोकल प्रशासन, पुलिस, एएसआई और वादी प्रतिवादी पक्ष को मिलाकर 65 से 70 लोगों की टीम सर्वे के लिए अंदर दाखिल होगी.

इसके लिए पुलिस कमिश्नर ने आसपास के जिलों से भी अतिरिक्त फोर्स वाराणसी बुला ली है. पुलिस कमिश्नर वाराणसी ने दोनों पक्षों के साथ बैठक करते हुए स्पष्ट किया है कि सावन का सोमवार होने की वजह से अतिरिक्त फोर्स के साथ पूरे सर्वे की कार्यवाही को कंप्लीट करवाया जाएगा. अलग यह कार्यवाही अभी कब तक चलेगी और कितने दिनों में पूरी होगी यह कोई नहीं बता रहा है. क्योंकि, 4 अगस्त को कोर्ट ने एएसआई को अपनी सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है. यह माना जा रहा है कि सर्वे का कार्य सोमवार से शुरू होगा और 4 अगस्त के पहले तक इसे खत्म कर दिया जाएगा.

फिलहाल, इस मामले में बड़ी-बड़ी मशीनों के साथ ही वैज्ञानिक लेटेस्ट तकनीक का प्रयोग करते हुए जांच की बात भी कही जा रही है. क्योंकि, कोर्ट ने जीपीआर तकनीक का प्रयोग करके गुंबद के नीचे जमीन के अंदर खंभों के अंदर निर्माण सामग्री से लेकर इन सारी चीजों की उम्र जानने के लिए रडार तकनीक का इस्तेमाल करते हुए जरूरत पड़ी तो खुदाई करने का भी आदेश दिया है. इन सभी चीजों के साथ यहां मिलने वाली हर छोटी-बड़ी चीजों की एक अलग रिपोर्ट भी कोर्ट ने एएसआई से बनाने के लिए कहा है. फिलहाल, सोमवार सुबह से भारी भरकम पुलिस फोर्स की मौजूदगी में एएसआई सर्वे की कार्यवाही ज्ञानवापी परिसर में शुरू कर दी जाएगी.

यह भी पढ़ें: ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष ने हाईकोर्ट में दाखिल की कैविएट, मुस्लिम पक्ष दे सकता है चुनौती

Last Updated : Jul 24, 2023, 1:29 PM IST
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