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ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंधन समिति ने दायर की याचिका, रखी बड़ी मांग - याचिका दायर

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंधन समिति ने याचिका दायर कर स्थानीय अदालत के उस फैसले पर राेक लगाने की मांग की है, जिसके तहत पूरे परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण किए जाने की अनुमति दी गई है.

ज्ञानवापी मस्जिद
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Published : Apr 13, 2021, 4:18 PM IST

वाराणसी : यूपी में वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंधन समिति अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष एक तत्काल याचिका दायर की है. इस याचिका में वाराणसी की स्थानीय अदालत के 8 अप्रैल को सुनाए गए उस फैसले पर रोक लगाने की मांग की है, जिसके तहत भारतीय पुरातत्व विभाग को पूरे परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण करने की अनुमति दी गई है.

सोमवार को दायर अपनी याचिका में प्रबंधन समिति ने कहा है कि इस आदेश को बिना किसी नियम के अवैध ढंग से पारित किया गया है.

जानकारी के मुताबिक सुन्नी वक्फ बोर्ड भी वाराणसी अदालत के दिए गए फैसले के खिलाफ जल्द ही अपील दायर कर सकता है.

वरिष्ठ अधिवक्ता फरमान अहमद नकवी और सैयद अहमद फैजान ने अंजुमन इंतेजामिया की ओर से जो याचिका दायर ही है उसमें कहा गया है कि निचली अदालत ने उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 और सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 7 नियम 11 की संपूर्ण लिखित प्रस्तुतियों को अनदेखा कर दिया है.

अंजुमन इंतेजामिया के वकील फरमान अहमद नकवी ने कहा, 'हमने याचिका दायर की है और अदालत से अनुरोध किया है कि वह तत्काल प्रभाव से इस पर सुनवाई करें क्योंकि मामला गंभीर है.'

इसे भी पढ़ें : काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी केस में कोर्ट का बड़ा फैसला, पुरातत्व विभाग करेगा सर्वे
याचिका में कहा गया है कि इस मामले पर इलाहाबाद कोर्ट का फैसला पहले से ही सुरक्षित है, लेकिन वाराणसी की अदालत विपरीत पक्ष की बातों को सुन रही है.

वाराणसी : यूपी में वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंधन समिति अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष एक तत्काल याचिका दायर की है. इस याचिका में वाराणसी की स्थानीय अदालत के 8 अप्रैल को सुनाए गए उस फैसले पर रोक लगाने की मांग की है, जिसके तहत भारतीय पुरातत्व विभाग को पूरे परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण करने की अनुमति दी गई है.

सोमवार को दायर अपनी याचिका में प्रबंधन समिति ने कहा है कि इस आदेश को बिना किसी नियम के अवैध ढंग से पारित किया गया है.

जानकारी के मुताबिक सुन्नी वक्फ बोर्ड भी वाराणसी अदालत के दिए गए फैसले के खिलाफ जल्द ही अपील दायर कर सकता है.

वरिष्ठ अधिवक्ता फरमान अहमद नकवी और सैयद अहमद फैजान ने अंजुमन इंतेजामिया की ओर से जो याचिका दायर ही है उसमें कहा गया है कि निचली अदालत ने उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 और सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 7 नियम 11 की संपूर्ण लिखित प्रस्तुतियों को अनदेखा कर दिया है.

अंजुमन इंतेजामिया के वकील फरमान अहमद नकवी ने कहा, 'हमने याचिका दायर की है और अदालत से अनुरोध किया है कि वह तत्काल प्रभाव से इस पर सुनवाई करें क्योंकि मामला गंभीर है.'

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याचिका में कहा गया है कि इस मामले पर इलाहाबाद कोर्ट का फैसला पहले से ही सुरक्षित है, लेकिन वाराणसी की अदालत विपरीत पक्ष की बातों को सुन रही है.

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