नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि वह ज्ञानवापी मस्जिद समिति के उस आवेदन पर वाराणसी के जिला न्यायाधीश के फैसले का इंतजार करेगा जिसमें हिंदू श्रद्धालुओं द्वारा दायर दीवानी मुकदमे की सुनवाई पर आपत्ति जताई गई थी. इसके साथ ही शीर्ष कोर्ट ने शिवलिंग पर जल चढ़ाने संबंधी नई याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया (SC declines entertain fresh plea to offer water to Shivling).
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, सूर्य कांत और पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि वह साइट का सर्वेक्षण करने के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति को बरकरार रखने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई के लिए अक्टूबर के पहले सप्ताह के लिए पोस्टिंग कर रही है.
पीठ ने कहा कि इस तथ्य से अवगत कराया गया है कि जिला न्यायाधीश के समक्ष कार्यवाही अभी भी चल रही है और यह उचित होगा कि मस्जिद समिति की अपील को आदेश 7 नियम 11 के तहत दायर आवेदन के परिणाम तक लंबित रखा जाए.
शीर्ष अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हिन्दू श्रद्धालुओं की ओर से दायर दीवानी मुकदमे को 20 मई को सीनियर सिविल जज के पास से वाराणसी के जिला न्यायाधीश को स्थानांतरित कर दिया था. साथ ही, कहा था कि मामले की 'जटिलता' और 'संवेदनशीलता' को देखते हुए यह बेहतर होगा कि 25-30 साल अनुभव वाले कोई वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी इसकी सुनवाई करें.
नई याचिका पर विचार करने से इनकार : उधर, सुप्रीम कोर्ट ने 'शिवलिंग' को जल चढ़ाने के लिए एक नई याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि जब मुकदमा पहले से ही लंबित है तो ऐसी प्रार्थनाओं पर विचार नहीं किया जा सकता है. शिवलिंग की कार्बन-डेटिंग के लिए एक अलग याचिका भी वापस ले ली गई है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार किया था.
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