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Tokyo Olympics 2020: ग्वालियर महिला हॉकी अकादमी की 4 खिलाड़ियों ने तैयार की जीत की जमीन

टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम जबरदस्त प्रदर्शन के साथ आगे बढ़ रही है. इस हॉकी टीम में शामिल तीन खिलाड़ियों ने ग्वालियर की राज्य महिला हॉकी अकादमी से ट्रेनिंग ली है. यहीं से हॉकी की बारीकियां सीखी हैं. ये खिलाड़ी सुशीला चानू, मोनिका और रीना खोखर हैं.

ग्वालियर महिला हॉकी अकादमी
ग्वालियर महिला हॉकी अकादमी
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Published : Aug 4, 2021, 1:02 PM IST

ग्वालियर : टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम जबरदस्त प्रदर्शन के साथ आगे बढ़ रही है. इस हॉकी टीम में शामिल तीन खिलाड़ियों ने ग्वालियर की राज्य महिला हॉकी अकादमी से ट्रेनिंग ली है. यहीं से हॉकी की बारीकियां सीखी हैं. यह खिलाड़ी सुशीला चानू, मोनिका और रीना खोखर हैं.

ग्वालियर महिला हॉकी अकादमी

अकादमी की ये खिलाड़ी सुर्खियों में

इसके साथ ही वंदना कटारिया ने भोपाल में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में ट्रेनिंग ली है. यह सभी मिडफील्ड की बेहतरीन खिलाड़ी हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने इन खिलाड़ियों के कोच परमजीत सिंह के साथ-साथ उन चार खिलाड़ियों से भी चर्चा की, जो इन चारों ओलंपिक खिलाड़ियों के साथ खेले हैं. मालूम हो कि भारतीय हॉकी टीम सेमीफाइनल में अपना कब्जा कर चुकी है, लेकिन इस समय मध्यप्रदेश में चार खिलाड़ी सबसे ज्यादा चर्चा में हैं, जिसमें सुशीला चानू, मोनिका, रीना खोखर और वंदना कटारिया शामिल है.

  • मोनिका मलिक
    मोनिका बेहतरीन मिडफील्डर खिलाड़ी हैं. मोनिका ने 2010 से लेकर 2012 तक प्रदेश राज्य महिला हॉकी अकादमी ग्वालियर में ट्रेंनिंग ली है. मोनिका मूलतः चंडीगढ़ की रहने वाली हैं, और वर्तमान में सेंट्रल रेलवे मुंबई में टीसी हैं. मोनिका बेहद साधारण परिवार से आती हैं और इनके परिवार में कोई भी खेल से जुड़ा नहीं है. इसके बावजूद भी मोनिका ने कठोर मेहनत और लगन के साथ यह मुकाम हासिल किया है.
  • सुशीला चानू

सुशीला चानू ने भी राज्य महिला हॉकी अकादमी ग्वालियर में 2006 से लेकर 2011 तक ट्रेनिंग ली है. सुशीला मणिपुर की रहने वाली हैं. सुशीला ने मध्य प्रदेश के लिए 2011 में लास्ट नेशनल गेम खेला था और रांची में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. वर्तमान में सेंट्रल रेलवे मुंबई में टीसी हैं. बताया गया कि वह 13 साल की उम्र में यहां खेलने के लिए आई थीं. उन्हें मिडफील्ड पोजीशन पर खेलने का काफी शौक है और इसी शौक को पहचान कर उन्हें मिडफील्ड के लिए प्रशिक्षित किया गया.

  • रीना खोखर

रीना डिफेंडर की माहिर खिलाड़ी मानी जाती है, और वह मूल रूप से चंडीगढ़ की रहने वाली हैं. रीना ने राज्य महिला हॉकी अकादमी में 2010 से लेकर 2018 तक रही. मध्यप्रदेश की लास्ट टूर्नामेंट वर्ष 2018 हॉकी इंडिया सीनियर नेशनल गेंम रांची में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. वर्तमान में रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में नौकरी करती हैं.

  • वंदना कटारिया

वंदना कटारिया मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली हैं. वंदना कटारिया ने भोपाल में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में ट्रेनिंग ली है. कटारिया मिडफील्ड की बेहतरीन खिलाड़ी हैं. वंदना ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ हैट्रिक गोल मारकर भारत का सेमी फाइनल के लिए रास्ता पक्का किया था. वंदना वर्ष 2011 के सीनियर नेशनल गेम्स रांची और वूमेन नेशनल भोपाल में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.

राज्य महिला हॉकी अकादमी का अहम योगदान

बता दें कि इंटरनेशनल हॉकी प्लेयर तैयार करने में ग्वालियर की राज्य महिला हॉकी अकादमी का अहम योगदान रहा है. साल 2006 में खेल मंत्री यशोधरा राजे की पहल पर मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य महिला हॉकी अकादमी की शुरुआत की थी. और इस राज्य महिला हॉकी अकादमी में खिलाड़ियों को बारीकी सिखाने की जिम्मेदारी पंजाब के रहने वाले परमजीत सिंह को दी गई थी. परमजीत सिंह ने अपनी मेहनत के दम पर वह कर दिखाया जो आज सबके लिए एक प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं.

पढ़ें : भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए डॉयमंड किंग ने खोला खजाना, जानें क्या है स्पेशल गिफ्ट

इस अकादमी ने अब तक 10 ओलंपिक महिला खिलाड़ी और 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय महिला हॉकी खिलाड़ी तैयार किए हैं. इस अकादमी के खिलाड़ियों ने एशिया कप, यूरोपीय टूर्नामेंट सहित कई विश्व स्तर की प्रतियोगिताएं जीती हैं.

ग्वालियर : टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम जबरदस्त प्रदर्शन के साथ आगे बढ़ रही है. इस हॉकी टीम में शामिल तीन खिलाड़ियों ने ग्वालियर की राज्य महिला हॉकी अकादमी से ट्रेनिंग ली है. यहीं से हॉकी की बारीकियां सीखी हैं. यह खिलाड़ी सुशीला चानू, मोनिका और रीना खोखर हैं.

ग्वालियर महिला हॉकी अकादमी

अकादमी की ये खिलाड़ी सुर्खियों में

इसके साथ ही वंदना कटारिया ने भोपाल में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में ट्रेनिंग ली है. यह सभी मिडफील्ड की बेहतरीन खिलाड़ी हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने इन खिलाड़ियों के कोच परमजीत सिंह के साथ-साथ उन चार खिलाड़ियों से भी चर्चा की, जो इन चारों ओलंपिक खिलाड़ियों के साथ खेले हैं. मालूम हो कि भारतीय हॉकी टीम सेमीफाइनल में अपना कब्जा कर चुकी है, लेकिन इस समय मध्यप्रदेश में चार खिलाड़ी सबसे ज्यादा चर्चा में हैं, जिसमें सुशीला चानू, मोनिका, रीना खोखर और वंदना कटारिया शामिल है.

  • मोनिका मलिक
    मोनिका बेहतरीन मिडफील्डर खिलाड़ी हैं. मोनिका ने 2010 से लेकर 2012 तक प्रदेश राज्य महिला हॉकी अकादमी ग्वालियर में ट्रेंनिंग ली है. मोनिका मूलतः चंडीगढ़ की रहने वाली हैं, और वर्तमान में सेंट्रल रेलवे मुंबई में टीसी हैं. मोनिका बेहद साधारण परिवार से आती हैं और इनके परिवार में कोई भी खेल से जुड़ा नहीं है. इसके बावजूद भी मोनिका ने कठोर मेहनत और लगन के साथ यह मुकाम हासिल किया है.
  • सुशीला चानू

सुशीला चानू ने भी राज्य महिला हॉकी अकादमी ग्वालियर में 2006 से लेकर 2011 तक ट्रेनिंग ली है. सुशीला मणिपुर की रहने वाली हैं. सुशीला ने मध्य प्रदेश के लिए 2011 में लास्ट नेशनल गेम खेला था और रांची में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. वर्तमान में सेंट्रल रेलवे मुंबई में टीसी हैं. बताया गया कि वह 13 साल की उम्र में यहां खेलने के लिए आई थीं. उन्हें मिडफील्ड पोजीशन पर खेलने का काफी शौक है और इसी शौक को पहचान कर उन्हें मिडफील्ड के लिए प्रशिक्षित किया गया.

  • रीना खोखर

रीना डिफेंडर की माहिर खिलाड़ी मानी जाती है, और वह मूल रूप से चंडीगढ़ की रहने वाली हैं. रीना ने राज्य महिला हॉकी अकादमी में 2010 से लेकर 2018 तक रही. मध्यप्रदेश की लास्ट टूर्नामेंट वर्ष 2018 हॉकी इंडिया सीनियर नेशनल गेंम रांची में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. वर्तमान में रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में नौकरी करती हैं.

  • वंदना कटारिया

वंदना कटारिया मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली हैं. वंदना कटारिया ने भोपाल में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में ट्रेनिंग ली है. कटारिया मिडफील्ड की बेहतरीन खिलाड़ी हैं. वंदना ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ हैट्रिक गोल मारकर भारत का सेमी फाइनल के लिए रास्ता पक्का किया था. वंदना वर्ष 2011 के सीनियर नेशनल गेम्स रांची और वूमेन नेशनल भोपाल में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.

राज्य महिला हॉकी अकादमी का अहम योगदान

बता दें कि इंटरनेशनल हॉकी प्लेयर तैयार करने में ग्वालियर की राज्य महिला हॉकी अकादमी का अहम योगदान रहा है. साल 2006 में खेल मंत्री यशोधरा राजे की पहल पर मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य महिला हॉकी अकादमी की शुरुआत की थी. और इस राज्य महिला हॉकी अकादमी में खिलाड़ियों को बारीकी सिखाने की जिम्मेदारी पंजाब के रहने वाले परमजीत सिंह को दी गई थी. परमजीत सिंह ने अपनी मेहनत के दम पर वह कर दिखाया जो आज सबके लिए एक प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं.

पढ़ें : भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए डॉयमंड किंग ने खोला खजाना, जानें क्या है स्पेशल गिफ्ट

इस अकादमी ने अब तक 10 ओलंपिक महिला खिलाड़ी और 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय महिला हॉकी खिलाड़ी तैयार किए हैं. इस अकादमी के खिलाड़ियों ने एशिया कप, यूरोपीय टूर्नामेंट सहित कई विश्व स्तर की प्रतियोगिताएं जीती हैं.

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