गुवाहाटी: वंदे भारत ट्रेनों की गति पूरे भारत के अन्य राज्यों में लगभग 130 किमी प्रति घंटा है, लेकिन असम में यह 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी. वंदे भारत ट्रेन के पायलट ने 'ईटीवी भारत' से एक विशेष साक्षात्कार में कहा, 'गुवाहाटी-एनजेपी वंदे भारत ट्रेन की गति 110 किमी प्रति घंटा रखी गई है, क्योंकि उसका 411 किमी का हिस्सा संवेदनशील है. गुवाहाटी-एनजेपी मार्ग के इस खंड पर बहुत सारी नदियां और पुल हैं जो असम को पश्चिम बंगाल से जोड़ते हैं.'
उन्होंने कहा कि भविष्य में ट्रेनों की गति बढ़ सकती है. वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सेल्फ प्रोपेल्ड सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन सेट के रूप में चलती है. ट्रेन सेट केंद्रीयकृत कोच निगरानी और नियंत्रण प्रणाली से लैस है.
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी नीलांजन देब ने ईटीवी भारत से कहा कि 'ट्रेन आठ कोच वाली चेयर कार कॉन्फिगरेशन के साथ सबसे तेज कम दूरी की ट्रेन है. इसमें ऑनबोर्ड स्पेस के अधिकतम उपयोग के साथ 530 यात्रियों के बैठने की क्षमता है.'
ट्रेन में एक्जीक्यूटिव चेयर कारों में प्रत्येक की बैठने की क्षमता 52 है, सामान्य चेयर कारों में प्रत्येक की बैठने की क्षमता 78 है और ड्राइविंग ट्रेलर कोचों में प्रत्येक की बैठने की क्षमता 44 है. दिलचस्प बात यह है कि बोगियां 160 किमी प्रति घंटे की परिचालन गति के लिए पूरी तरह से सस्पेंडेड ट्रैक्शन मोटर्स से लैस हैं. ट्रेन 'कवच' से लैस है.
एक स्काउट और गाइड स्वयंसेवक ने कहा, 'यह वास्तव में हमारे लिए एक बड़ा दिन है, क्योंकि हमारा मानना है कि वंदे भारत ट्रेन न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी और संचार प्रणाली में सुधार करेगी, ट्रेन उन छात्रों की भी मदद करेगी जो असम या उत्तर बंगाल में रह रहे हैं.' कूच बिहार के एथलीट प्रलय बनर्जी ने भी यही विचार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेन असम और उत्तर बंगाल में रहने वाले खिलाड़ियों के लिए मददगार होगी.
बनर्जी ने कहा कि 'यह उन लोगों के लिए मददगार होगा जिन्हें थोड़े समय के भीतर किसी प्रशिक्षण या टूर्नामेंट के लिए पहुंचना है.' बनर्जी और उनके दोस्त वंदे भारत ट्रेन में यात्रा कर रहे थे, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाई थी. वंदे भारत ट्रेन के कार्यकारी डिब्बों में 180 डिग्री घूमने वाली सीटों की अतिरिक्त विशेषताएं हैं.
सुरक्षा के लिहाज से सभी कोचों में सीसीटीवी भी लगाए गए हैं. बिजली गुल होने की स्थिति में बफर के रूप में कार्य करने के लिए हर कोच में इमरजेंसी लाइटनिंग के साथ-साथ वंदे भारत ट्रेन के हर कोच में मिनी पेंट्री कार हैं.