गुवाहाटी : असम की राजधानी गुवाहाटी (Guwahati, the capital of Assam) के साथ ही दुनिया के सबसे बड़े नदी द्वीप माजुली (Majuli Island) तक हेलीकॉप्टर सेवा की घोषणा की गई थी. इस घोषणा को छह महीने बित गए और अब यह स्थानीय लोगों के लिए सपना बनकर रह गया है. असम में सत्ताधारी भाजपा ने असम के माजुली द्वीप और राजधानी गुवाहाटी व निकटतम लखीमपुर शहर के लिए हेलीकॉप्टर सेवा की घोषणा की थी.
सरकार ने एलान किया था कि इस साल जनवरी से हेलीकॉप्टर सेवा की शुरुआत होगी. जिसमें एक बार में पांच लोग यात्रा कर सकेंगे. ब्रह्मपुत्र एविएशन प्राइवेट लिमिटेड नामक एक संगठन को सेवा शुरू करने की जिम्मेदारी दी गई थी. जिसके लिए राज्य के कोष से करोड़ों रुपये खर्च कर द्वीप पर एक हेलीपैड भी बनाया गया था.
पढ़ें : असम में ब्लैक फंगस का पांचवां मामला सामने आया
उस वक्त कहा गया था कि हेलीकॉप्टर सेवा द्वीप में पर्यटन को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (Kaziranga National Park) के बाद यह राज्य में दूसरा ऐसा स्थान होगा जो लोगों को आकर्षित करेगा. हालांकि, इस हेलीपैड का प्रयोग चुनाव के दौरान और अन्य राजनैतिक यात्राओं के लिए नेताओं के हेलीकॉप्टरों के काम आने लगा. दूसरी तरफ, यहां पर्यटकों और आम लोगों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा आज तक शुरू नहीं हो पाई है.
इस मामले को लेकर सरकार के प्रति अब स्थानीय लोगों में नाराजगी है. सरकार के इस घोषणा को उनका झूठा वादा और चुनाव से पहले की राजनीतिक नौटंकी करार दिया है.
बता दें कि माजुली द्वीप के लोगों को द्वीप से बाहर निकलने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है. लोगों का मानना है कि प्रस्तावित हेलीकॉप्टर सेवा से उन्हें चिकित्सा सेवा व अन्य सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा. लेकिन एक साल से इस सेवा के शुरू न होने से लोगों में रोष है.