तिरूवनंतपुरम: केरल (Kerala) के राज्यपाल कार्यालय (Governor's Office) ने सोमवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का संवाददाता सम्मेलन कवर करने के लिए चार टेलीविजन चैनल के राजभवन में प्रवेश करने पर रोक लगा दी. विभिन्न राजनीतिक दलों और केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (Kerala Union of Working Journalists) ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह प्रेस की स्वतंत्रता का उल्लंघन है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Chief Minister Pinarayi Vijayan) के संवाददाता सम्मेलन के तुरंत बाद, पत्रकारों ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) से उनकी प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया. लेकिन राज्यपाल ने यह कहते हुए कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि वह अपने को पत्रकार बताने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं के सवालों का जवाब नहीं देंगे.
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) में एक कार्यक्रम के बाद मीडियाकर्मियों से कहा कि 'मैं सिर्फ यही कह सकता हूं, जो मुझसे बात करना चाहते हैं, कृपया, वे राजभवन को एक अनुरोध भेज दें, मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि मैं आपसे बात करूं. लेकिन मुझे नहीं पता कि आप में से कौन वास्तविक पत्रकार है और कौन मीडियाकर्मी के वेष में पार्टी कैडर. मैं कैडर से बात नहीं करना चाहता.'
बाद में राज्यपाल ने एक संवाददाता सम्मेलन बुलाया लेकिन 'कैराली', 'रिपोर्टर', 'मीडिया वन' और 'जयहिंद' चैनल को इसे कवर करने की अनुमति नहीं दी गई. विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन ने कहा कि 'राज्यपाल एक संवैधानिक पद है और उनकी ओर से मीडिया के एक हिस्से को अनुमति नहीं देना सही नहीं है. मीडिया से बचना एक फासीवादी दृष्टिकोण है. यह किसी लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है.'
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इस बीच, केयूडब्ल्यूजे ने कुछ चैनल पर प्रतिबंध लगाए जाने के खिलाफ अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया. संगठन ने एक बयान जारी कर कहा कि 'यह प्रतिबंध प्रेस की स्वतंत्रता के उल्लंघन के समान है. ऐसे मीडिया घराने हैं जिन्होंने राज्यपाल के आग्रह के अनुसार समय मांगा है. मीडिया के एक वर्ग पर प्रतिबंध किसी संवैधानिक संस्था से स्वीकार नहीं किया जा सकता है.'
(पीटीआई-भाषा)