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Guru Purnima 2023 : इसलिए मनायी जाती है गुरु पूर्णिमा, ये है सही मुहूर्त

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Published : Jun 28, 2023, 11:45 AM IST

व्यास पूर्णिमा को महर्षि वेद व्यास जयंती भी मनायी जाती है. यह दिन गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. इन दिन हम अपने गुरु का पूजन कर उनके प्रति सम्मान व कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं...

Guru Purnima 2023 Date and Guru Purnima Puja Muhurt
गुरु पूर्णिमा 2023

नई दिल्ली : आषाढ़ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है. इसे अलग अलग जगहों पर अलग-अलग नाम से जाना जाता है. इसे कुछ लोग आषाढ़ पूर्णिमा तो कुछ लोग व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं. इसी दिन महर्षि वेद व्यास जयंती भी मनायी जाती है. अबकी बार गुरु पूर्णिमा जुलाई महीने के पहले सोमवार को मनाए जाने का मुहूर्त है.

हिंदू धर्म की मान्यताओं को अनुसार प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इनमें से आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से संबोधित किया जाता है. इसी दिन वेदों के रचियता महर्षि वेद व्यास का जन्म होना माना जाता है. इसीलिए कई जगहों पर इस दिन वेद व्यास जयंती भी मनायी जाती है. हालांकि गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु का पूजन कर उनके प्रति सम्मान प्रकट करने का पावन पर्व है. इस दिन हम अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं और उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं.

Guru Purnima 2023 Date and Guru Purnima Puja Muhurt
गुरु पूर्णिमा 2023 का शुभ मुहूर्त

यह है शुभ मुहूर्त
हमारे धार्मिक पंचांग की गणना के मुताबिक इस साल आषाढ़ माह की पूर्णिमा 2 जुलाई को शाम 8 बजकर 21 मिनट पर शुरू हो जा रही है. जो 3 जुलाई को शाम 5 बजकर 8 मिनट तक रहेगी. ऐसी स्थिति में उदयातिथि की मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा का त्योहार 3 जुलाई को ही मनाया जाएगा.

गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा, स्नान, दान के लिए सबसे शुभ मुहूर्त 3 जुलाई सुबह 5 बजकर 27 मिनट से 7 बजकर 12 मिनट तक रहेगा. इसके बाद सुबह 8 बजकर 56 मिनट से 10 बजकर 41 मिनट तक मुहूर्त उत्तम माना जा रहा है.

ऐसा भी कहा जाता है कि ये त्योहार बौद्धों द्वारा बुद्ध के सम्मान में भी मनाया जाता है, जिन्होंने इस पवित्र दिन पर ऐतिहासिक स्थल सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था. इसीलिए योगिक परंपरा के अनुसार उस दिन को गुरू पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. इस दिन शिव पहले गुरु बने थे और उन्होंने सप्तऋषियों को योग का ज्ञान दिया था.

इसे भी देखें...

नई दिल्ली : आषाढ़ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है. इसे अलग अलग जगहों पर अलग-अलग नाम से जाना जाता है. इसे कुछ लोग आषाढ़ पूर्णिमा तो कुछ लोग व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं. इसी दिन महर्षि वेद व्यास जयंती भी मनायी जाती है. अबकी बार गुरु पूर्णिमा जुलाई महीने के पहले सोमवार को मनाए जाने का मुहूर्त है.

हिंदू धर्म की मान्यताओं को अनुसार प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इनमें से आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से संबोधित किया जाता है. इसी दिन वेदों के रचियता महर्षि वेद व्यास का जन्म होना माना जाता है. इसीलिए कई जगहों पर इस दिन वेद व्यास जयंती भी मनायी जाती है. हालांकि गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु का पूजन कर उनके प्रति सम्मान प्रकट करने का पावन पर्व है. इस दिन हम अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं और उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं.

Guru Purnima 2023 Date and Guru Purnima Puja Muhurt
गुरु पूर्णिमा 2023 का शुभ मुहूर्त

यह है शुभ मुहूर्त
हमारे धार्मिक पंचांग की गणना के मुताबिक इस साल आषाढ़ माह की पूर्णिमा 2 जुलाई को शाम 8 बजकर 21 मिनट पर शुरू हो जा रही है. जो 3 जुलाई को शाम 5 बजकर 8 मिनट तक रहेगी. ऐसी स्थिति में उदयातिथि की मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा का त्योहार 3 जुलाई को ही मनाया जाएगा.

गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा, स्नान, दान के लिए सबसे शुभ मुहूर्त 3 जुलाई सुबह 5 बजकर 27 मिनट से 7 बजकर 12 मिनट तक रहेगा. इसके बाद सुबह 8 बजकर 56 मिनट से 10 बजकर 41 मिनट तक मुहूर्त उत्तम माना जा रहा है.

ऐसा भी कहा जाता है कि ये त्योहार बौद्धों द्वारा बुद्ध के सम्मान में भी मनाया जाता है, जिन्होंने इस पवित्र दिन पर ऐतिहासिक स्थल सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था. इसीलिए योगिक परंपरा के अनुसार उस दिन को गुरू पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. इस दिन शिव पहले गुरु बने थे और उन्होंने सप्तऋषियों को योग का ज्ञान दिया था.

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