ETV Bharat / bharat

गुर्जर मुस्लिम समुदाय के गुलाम अली राज्यसभा के लिए मनोनीत - Rajya Sabha

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (एक) के उप-खंड (ए) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, जो उसी अनुच्छेद के खंड (3) में शामिल है, राष्ट्रपति एक मनोनित सदस्य के सेवानिवृत्त होने से रिक्त हुई जगह को भरने के लिए गुलाम अली को राज्यसभा के लिए नामित करती हैं.

गुर्जर मुस्लिम समुदाय के गुलाम अली राज्यसभा के लिए मनोनीत
गुर्जर मुस्लिम समुदाय के गुलाम अली राज्यसभा के लिए मनोनीत
author img

By

Published : Sep 11, 2022, 10:40 AM IST

Updated : Sep 11, 2022, 7:53 PM IST

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के गुर्जर मुस्लिम समुदाय के गुलाम अली को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया. यह संभवत: पहली बार है, जब क्षेत्र के गुर्जर मुस्लिम समुदाय के किसी व्यक्ति को मनोनीत सदस्य के रूप में उच्च सदन में भेजा गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (एक) के उप-खंड (ए) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, जो उसी अनुच्छेद के खंड (3) में शामिल है, राष्ट्रपति एक मनोनित सदस्य के सेवानिवृत्त होने से रिक्त हुई जगह को भरने के लिए गुलाम अली को राज्यसभा के लिए नामित करती हैं.

पढ़ें: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के सम्मान में आज देश में एक दिन का राजकीय शोक

केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण विभाग का जिम्मा संभाल रहे जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में नए सदस्य के रूप में अली के नामांकन पर बधाई दी. सिंह ने एक ट्वीट में कहा कि गुलाम अली खटाना जी, राज्यसभा की सदस्यता पाने के योग्य थे, लंबे समय बाद ऐसा हो पाया... आपके लिए राष्ट्र निर्माण में अपनी सर्वोत्कृष्ट भूमिका निभाने का अवसर. अली के नामांकन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने से पहले इस समुदाय का विधायी निकायों में बहुत कम प्रतिनिधित्व था.

पढ़ें: कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' का 19 दिन का केरल का सफर शुरू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में अनुच्छेद-370 को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों-जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था. अनुच्छेद-370 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया था. राज्यसभा के लिए मनोनीत किये जाने पर गुलाम अली ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा था कि जब हम सत्ता में आएंगे तो हम उन लोगों को सशक्त बनाएंगे जिनके पास राजनीतिक सत्ता नहीं है. पीएम मोदी ने जो कहा वो किया. यह सिर्फ गुर्जर समुदाय की नहीं बल्कि सभी समुदायों की जीत है.

राज्यसभा के लिए मेरा नामित होना अंत्योदय को दिखाता है: गुलाम अली

राज्यसभा के लिए नामित होने पर खुशी जताते हुए जम्मू कश्मीर से भाजपा नेता और गुज्जर समुदाय से आने वाले गुलाम अली खटाना ने रविवार को कहा कि यह निर्णय अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के उदय को दिखाता है और समाज के गरीब वर्ग के लोगों की जीत है. खटाना ने इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि वह जम्मू कश्मीर के लोगों के उत्थान के लिए काम करेंगे. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने समाज के उपेक्षित वर्ग के उत्थान के अपने वादे को निभाया और उस समुदाय के साधारण कार्यकर्ता को नामित किया जो पिछले 70 साल से ज्यादा समय तक उपेक्षा का शिकार रहा.” खटाना भाजपा की जम्मू कश्मीर इकाई के एक प्रवक्ता रहे हैं और उन्हें शनिवार शाम को राज्यसभा के लिए नामित किया गया. वह पेशे से इंजीनियर हैं और अपने समुदाय से राज्यसभा पहुंचने वाले अकेले व्यक्ति होंगे.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के गुर्जर मुस्लिम समुदाय के गुलाम अली को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया. यह संभवत: पहली बार है, जब क्षेत्र के गुर्जर मुस्लिम समुदाय के किसी व्यक्ति को मनोनीत सदस्य के रूप में उच्च सदन में भेजा गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (एक) के उप-खंड (ए) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, जो उसी अनुच्छेद के खंड (3) में शामिल है, राष्ट्रपति एक मनोनित सदस्य के सेवानिवृत्त होने से रिक्त हुई जगह को भरने के लिए गुलाम अली को राज्यसभा के लिए नामित करती हैं.

पढ़ें: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के सम्मान में आज देश में एक दिन का राजकीय शोक

केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण विभाग का जिम्मा संभाल रहे जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में नए सदस्य के रूप में अली के नामांकन पर बधाई दी. सिंह ने एक ट्वीट में कहा कि गुलाम अली खटाना जी, राज्यसभा की सदस्यता पाने के योग्य थे, लंबे समय बाद ऐसा हो पाया... आपके लिए राष्ट्र निर्माण में अपनी सर्वोत्कृष्ट भूमिका निभाने का अवसर. अली के नामांकन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने से पहले इस समुदाय का विधायी निकायों में बहुत कम प्रतिनिधित्व था.

पढ़ें: कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' का 19 दिन का केरल का सफर शुरू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में अनुच्छेद-370 को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों-जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था. अनुच्छेद-370 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया था. राज्यसभा के लिए मनोनीत किये जाने पर गुलाम अली ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा था कि जब हम सत्ता में आएंगे तो हम उन लोगों को सशक्त बनाएंगे जिनके पास राजनीतिक सत्ता नहीं है. पीएम मोदी ने जो कहा वो किया. यह सिर्फ गुर्जर समुदाय की नहीं बल्कि सभी समुदायों की जीत है.

राज्यसभा के लिए मेरा नामित होना अंत्योदय को दिखाता है: गुलाम अली

राज्यसभा के लिए नामित होने पर खुशी जताते हुए जम्मू कश्मीर से भाजपा नेता और गुज्जर समुदाय से आने वाले गुलाम अली खटाना ने रविवार को कहा कि यह निर्णय अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के उदय को दिखाता है और समाज के गरीब वर्ग के लोगों की जीत है. खटाना ने इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि वह जम्मू कश्मीर के लोगों के उत्थान के लिए काम करेंगे. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने समाज के उपेक्षित वर्ग के उत्थान के अपने वादे को निभाया और उस समुदाय के साधारण कार्यकर्ता को नामित किया जो पिछले 70 साल से ज्यादा समय तक उपेक्षा का शिकार रहा.” खटाना भाजपा की जम्मू कश्मीर इकाई के एक प्रवक्ता रहे हैं और उन्हें शनिवार शाम को राज्यसभा के लिए नामित किया गया. वह पेशे से इंजीनियर हैं और अपने समुदाय से राज्यसभा पहुंचने वाले अकेले व्यक्ति होंगे.

Last Updated : Sep 11, 2022, 7:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.