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हथियारों की तस्करी का बड़ा ठिकाना बना सौराष्ट्र

गुजरात एटीएस ने बड़े ऑपरेशन में गुरुवार को अवैध हथियारों के धंधे का पर्दाफाश किया. 24 लोगों को पकड़ा है. इस कार्रवाई से सामने आया है कि सौराष्ट्र हथियारों की तस्करी का बड़ा ठिकाना था (weapon transit hub).

Gujarat ATS
हथियारों की तस्करी का बड़ा ठिकाना बना सौराष्ट्र
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Published : May 6, 2022, 12:11 PM IST

अहमदाबाद: गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने हथियारों के अवैध सौदों का पर्दाफाश करने के लिए बड़ा अभियान शुरू किया है. हथियारों की बरामदगी से ऐसा लग रहा है कि सौराष्ट्र हथियारों की तस्करी का ठिकाना बन गया था. गुजरात में एटीएस ने 54 हथियार बरामद किए हैं. 24 संदिग्धों को पकड़ा है. सभी हथियारों के भारत में निर्मित होने का दावा किया जा रहा है. गुजरात एटीएस के अनुसार, हथियारों को हत्या का आरोपी पैरोल जम्पर अहमदाबाद ले जा रहा था. गांधी के गुजरात में भारी मात्रा में नशीले पदार्थ पकड़े गए थे. अब बड़ी संख्या में हथियार बरामद हुए हैं.

सुनिए एटीएस ने क्या दी जानकारी

इस कार्रवाई से सामने आया है कि सौराष्ट्र हथियारों की तस्करी का अड्डा बन गया था. जांच में सामने आया है कि इन हथियारों को गुजरात में अवैध कार्यों में इस्तेमाल किया जाना था. 20,000 रुपये से लेकर 1.50 लाख रुपये तक में हथियार बेचे जा रहे थे. पिछले दो वर्षों में 100 से अधिक हथियारों की तस्करी की गई है. एटीएस के उपाधीक्षक हर्ष उपाध्याय ने बताया कि ये गिरफ्तारियां पिछले दो दिनों में की गई हैं. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दो मुख्य आरोपियों देवेंद्र बोरिया और चंपराज खाचर ने पिछले दो वर्षों में सुरेंद्रनगर और राजकोट समेत सौराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में लगभग 100 देसी पिस्तौलें बेची थीं.

उन्होंने कहा, 'हमने उनके कब्जे से चार देसी पिस्तौल बरामद कीं. दोनों ने स्वीकार किया कि उन्होंने मध्य प्रदेश से हथियार खरीदे थे और वडोदरा के एक व्यक्ति को देने जा रहे थे.' उन्होंने पिछले दो वर्षों में सौराष्ट्र में ऐसी लगभग 100 पिस्तौल बेचने की बात भी स्वीकार की. अधिकारी ने कहा कि इस अवैध हथियार नेटवर्क की आगे जांच जारी है. सभी आरोपियों पर मध्य प्रदेश के बाहरी इलाके से 100 से अधिक नकली पिस्तौल लाने और सौराष्ट्र के अन्य स्थानों के अलावा सुरेंद्रनगर, बोटाद और राजकोट में लोगों को बेचने का संदेह है. कुल मिलाकर ड्रग्स के अवैध बाजार के बाद ऐसा लगता है कि गुजरात में गन कल्चर का उदय हुआ है.

पढ़ें- गुजरात ATS ने पकड़ा हथियारों का जखीरा

अहमदाबाद: गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने हथियारों के अवैध सौदों का पर्दाफाश करने के लिए बड़ा अभियान शुरू किया है. हथियारों की बरामदगी से ऐसा लग रहा है कि सौराष्ट्र हथियारों की तस्करी का ठिकाना बन गया था. गुजरात में एटीएस ने 54 हथियार बरामद किए हैं. 24 संदिग्धों को पकड़ा है. सभी हथियारों के भारत में निर्मित होने का दावा किया जा रहा है. गुजरात एटीएस के अनुसार, हथियारों को हत्या का आरोपी पैरोल जम्पर अहमदाबाद ले जा रहा था. गांधी के गुजरात में भारी मात्रा में नशीले पदार्थ पकड़े गए थे. अब बड़ी संख्या में हथियार बरामद हुए हैं.

सुनिए एटीएस ने क्या दी जानकारी

इस कार्रवाई से सामने आया है कि सौराष्ट्र हथियारों की तस्करी का अड्डा बन गया था. जांच में सामने आया है कि इन हथियारों को गुजरात में अवैध कार्यों में इस्तेमाल किया जाना था. 20,000 रुपये से लेकर 1.50 लाख रुपये तक में हथियार बेचे जा रहे थे. पिछले दो वर्षों में 100 से अधिक हथियारों की तस्करी की गई है. एटीएस के उपाधीक्षक हर्ष उपाध्याय ने बताया कि ये गिरफ्तारियां पिछले दो दिनों में की गई हैं. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दो मुख्य आरोपियों देवेंद्र बोरिया और चंपराज खाचर ने पिछले दो वर्षों में सुरेंद्रनगर और राजकोट समेत सौराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में लगभग 100 देसी पिस्तौलें बेची थीं.

उन्होंने कहा, 'हमने उनके कब्जे से चार देसी पिस्तौल बरामद कीं. दोनों ने स्वीकार किया कि उन्होंने मध्य प्रदेश से हथियार खरीदे थे और वडोदरा के एक व्यक्ति को देने जा रहे थे.' उन्होंने पिछले दो वर्षों में सौराष्ट्र में ऐसी लगभग 100 पिस्तौल बेचने की बात भी स्वीकार की. अधिकारी ने कहा कि इस अवैध हथियार नेटवर्क की आगे जांच जारी है. सभी आरोपियों पर मध्य प्रदेश के बाहरी इलाके से 100 से अधिक नकली पिस्तौल लाने और सौराष्ट्र के अन्य स्थानों के अलावा सुरेंद्रनगर, बोटाद और राजकोट में लोगों को बेचने का संदेह है. कुल मिलाकर ड्रग्स के अवैध बाजार के बाद ऐसा लगता है कि गुजरात में गन कल्चर का उदय हुआ है.

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