अहमदाबाद : 2002 के गुजरात दंगों को आज 21 साल बीत चुके हैं. 27 फरवरी 2002 को गोधरा ट्रेन हादसे के बाद 28 फरवरी 2002 को गुजरात में बड़े पैमाने पर साम्प्रदायिक दंगे हुए थे. अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में 68 लोगों की हत्या कर दी गई थी. इसी हमले में कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की भी हत्या हुई थी. हत्या की 21वीं बरसी पर एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी मंगलवार को अहमदाबाद के गुलबर्ग सोसाइटी पहुंचीं. इस मौके पर उनके साथ परिवार के सदस्य और अन्य करीबी लोग भी मौजूद थे.
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सूरत से अहमदाबाद आईं 80 वर्षीय जाकिया जाफरी ने गुलबर्ग सोसाइटी में अपना बंगला देखा. खंडहर हो चुके बंगले को देख कर उन्होंने कहा कि मैंने यहां कई पेड़ लगाये थे. सीताफल और जामुन के, अब सब सुनसान और खंडहर में बदल गया. जकिया जाफरी ने दंगा पीड़ितो को इंसाफ नहीं मिलने पर अफसोस जताया. उन्होंने बिना किसी का नाम लिये कहा कि न्याय कैसे मिलेगा जब सत्ता में वही लोग बैठे हैं.
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उन्होंने कहा कि हम आज भी उस दिन को याद करते हैं, हम हर रोज उस दिन को याद करते हैं, हम बहुत तड़पते हैं, लेकिन अब तक हमें इंसाफ नहीं मिला है. हम गुलबर्ग सोसाइटी में एक समृद्ध जीवन जी रहे थे, लेकिन 28 फरवरी 2002 को भीड़ ने हमारे घर पर हमला कर दिया. उस समय आसपास के सभी लोग हमारे बंगले पर आ गए. यहां सभी को जला दिया गया था. हम आज भी न्याय के लिए तरस रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब मैं बहुत कमजोर हो गई हूं. मैं चल भी नहीं सकती. पुलिस सुरक्षा मेरे पास रहती है, लेकिन मैं फिर भी न्याय के लिए कोर्ट जाती हूं और मुझे पूरा विश्वास है कि न्याय मिलेगा.
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