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Gujarat Patidar agitation : 200 लंबित मामलों से हजारों युवा प्रभावित, सीएम भूपेंद्र पटेल पर अनदेखी के आरोप - हार्दिक ने पाटीदारों की ओर से प्रदर्शन

गुजरात कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने पाटीदार आंदोलनकारियों (patidar agitation Congress Leader Hardik Patel) के खिलाफ लंबित मामले वापस लेने की मांग की है. मामले वापस न लिए जाने हार्दिक ने पाटीदारों की ओर से प्रदर्शन की चेतावनी दी है. बता दें कि ओबीसी कोटा के तहत पाटीदारों को लाने के लिए हार्दिक ने 2015 में प्रदर्शनों की अगुवाई की थी. उन्होंने दावा किया है कि गुजरात में उन पर 30 मामले दर्ज हैं जिनमें से दो प्राथमिकियां राजद्रोह के लिए हैं. भाजपा ने कहा है कि अधिकांश केस वापस ले लिए गए हैं. बीजेपी ने हार्दिक की चेतावनी को राजनीतिक स्टंट करार दिया है.

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सीएम भूपेंद्र पटेल
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Published : Feb 22, 2022, 7:52 PM IST

अहमदाबाद : पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने सात साल पहले पाटीदार आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों (patidar agitation Congress Leader Hardik Patel) के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर गुजरात में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज सभी शेष आपराधिक मामलों को वापस नहीं लेती है तो 23 मार्च के बाद राज्य में आंदोलन शुरू किया जाएगा. हार्दिक पटेल ने कहा, 'पाटीदार युवाओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज होने के कारण उन्हें परेशान किया जा रहा है. अभ्यावेदन देने के बावजूद अब तक मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं किया (patidar agitation CM bhupendra ignorance) है.'

गौरतलब है कि गुजरात में पाटीदार को महत्वपूर्ण वोट बैंक माना जाता हैं. इस साल दिसंबर में गुजरात के विधानसभा चुनाव भी कराए जाने हैं. दिलचस्प है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण के लिए 2015 में हुए पाटीदार आंदोलन के दौरान हार्दिक पटेल सुर्खियों में रहे थे.

हार्दिक पटेल के आरोप

तीन-चार हजार युवाओं के भविष्य का सवाल
कांग्रेस की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने सोमवार को अहमदाबाद में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, वह एक कोटा आंदोलनकारी के रूप में शेष मामलों को वापस लेने की मांग उठा रहे है, न कि एक कांग्रेसी के रूप में. उन्होंने कहा कि पाटीदार आंदोलन से जुड़े अदालती मामलों से अब भी तीन से चार हजार युवा प्रभावित हैं. उन्हें सरकारी नौकरी, पढ़ाई या विदेश जाने में परेशानी हो रही है.

पाटीदार आंदोलन के 200 मामले लंबित
हार्दिक पटेल ने दावा किया, 'जब आनंदीबेन पटेल मुख्यमंत्री थीं (अगस्त 2016 तक) तब पाटीदार आंदोलनकारियों के खिलाफ लगभग 140 मामले वापस ले लिए गए थे. उनके उत्तराधिकारी विजय रूपाणी ने शेष मामलों को वापस लेने का वादा किया था लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया. वर्तमान में लगभग 200 मामले लंबित हैं.' उन्होंने दावा किया कि इस मुद्दे पर कुछ महीने पहले भूपेंद्र पटेल के गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद समुदाय के प्रमुख पाटीदार नेताओं और सांसदों ने एक अभ्यावेदन दिया था.

यह भी पढ़ें- फिर 'पावर' में आए पाटीदार, भूपेंद्र बने अगले खेवनहार, उनके बारे में जानें सब कुछ

भाजपा ने बताया हार्दिक का राजनीतिक स्टंट
विरोध प्रदर्शन करने संबंधी पटेल की चेतावनी को तवज्जो न देते हुए भाजपा की गुजरात इकाई के प्रवक्ता रुतविज पटेल ने कहा कि हार्दिक और उनकी पार्टी गुजरात में अपना राजनीतिक आधार खो चुके हैं और वे केवल मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए इस तरह के 'स्टंट' कर रहे हैं. हार्दिक पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा, गुजरात सरकार ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लगभग 80 फीसदी मामले वापस ले लिए हैं. उन्होंने कहा, 'हार्दिक और कांग्रेस दोनों ने गुजरात में अपना राजनीतिक आधार खो दिया है. तभी तो खबरों में बने रहने के लिए हार्दिक इस तरह के राजनीतिक स्टंट कर रहे हैं. पाटीदार समुदाय अतीत में भी भाजपा के साथ रहा और भविष्य में भी वह हमारे साथ रहेगा.'

(इनपुट- भाषा)

अहमदाबाद : पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने सात साल पहले पाटीदार आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों (patidar agitation Congress Leader Hardik Patel) के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर गुजरात में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज सभी शेष आपराधिक मामलों को वापस नहीं लेती है तो 23 मार्च के बाद राज्य में आंदोलन शुरू किया जाएगा. हार्दिक पटेल ने कहा, 'पाटीदार युवाओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज होने के कारण उन्हें परेशान किया जा रहा है. अभ्यावेदन देने के बावजूद अब तक मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं किया (patidar agitation CM bhupendra ignorance) है.'

गौरतलब है कि गुजरात में पाटीदार को महत्वपूर्ण वोट बैंक माना जाता हैं. इस साल दिसंबर में गुजरात के विधानसभा चुनाव भी कराए जाने हैं. दिलचस्प है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण के लिए 2015 में हुए पाटीदार आंदोलन के दौरान हार्दिक पटेल सुर्खियों में रहे थे.

हार्दिक पटेल के आरोप

तीन-चार हजार युवाओं के भविष्य का सवाल
कांग्रेस की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने सोमवार को अहमदाबाद में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, वह एक कोटा आंदोलनकारी के रूप में शेष मामलों को वापस लेने की मांग उठा रहे है, न कि एक कांग्रेसी के रूप में. उन्होंने कहा कि पाटीदार आंदोलन से जुड़े अदालती मामलों से अब भी तीन से चार हजार युवा प्रभावित हैं. उन्हें सरकारी नौकरी, पढ़ाई या विदेश जाने में परेशानी हो रही है.

पाटीदार आंदोलन के 200 मामले लंबित
हार्दिक पटेल ने दावा किया, 'जब आनंदीबेन पटेल मुख्यमंत्री थीं (अगस्त 2016 तक) तब पाटीदार आंदोलनकारियों के खिलाफ लगभग 140 मामले वापस ले लिए गए थे. उनके उत्तराधिकारी विजय रूपाणी ने शेष मामलों को वापस लेने का वादा किया था लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया. वर्तमान में लगभग 200 मामले लंबित हैं.' उन्होंने दावा किया कि इस मुद्दे पर कुछ महीने पहले भूपेंद्र पटेल के गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद समुदाय के प्रमुख पाटीदार नेताओं और सांसदों ने एक अभ्यावेदन दिया था.

यह भी पढ़ें- फिर 'पावर' में आए पाटीदार, भूपेंद्र बने अगले खेवनहार, उनके बारे में जानें सब कुछ

भाजपा ने बताया हार्दिक का राजनीतिक स्टंट
विरोध प्रदर्शन करने संबंधी पटेल की चेतावनी को तवज्जो न देते हुए भाजपा की गुजरात इकाई के प्रवक्ता रुतविज पटेल ने कहा कि हार्दिक और उनकी पार्टी गुजरात में अपना राजनीतिक आधार खो चुके हैं और वे केवल मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए इस तरह के 'स्टंट' कर रहे हैं. हार्दिक पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा, गुजरात सरकार ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लगभग 80 फीसदी मामले वापस ले लिए हैं. उन्होंने कहा, 'हार्दिक और कांग्रेस दोनों ने गुजरात में अपना राजनीतिक आधार खो दिया है. तभी तो खबरों में बने रहने के लिए हार्दिक इस तरह के राजनीतिक स्टंट कर रहे हैं. पाटीदार समुदाय अतीत में भी भाजपा के साथ रहा और भविष्य में भी वह हमारे साथ रहेगा.'

(इनपुट- भाषा)

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