नई दिल्ली : गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के पहले चरण के 1 दिसंबर को मतदान में निराशाजनक वोटिंग हुई थी. इसको देखते हुए चुनाव आयोग ने 5 दिसंबर सोमवार को दूसरे चरण के मतदान में अधिक से अधिक संख्या में लोगों को मतदान करने की अपील की है.
चुनाव आयोग ने मतदाताओं से ये विशेष अपील शनिवार को की है. इसमें चुनाव आयोग ने शहरी उदासीनता को दूर करने का आग्रह किया. साथ ही चुनाव आयोग ने कहा कि गुजरात चुनाव के पहले चरण में सूरत, राजकोट और जामनगर में राज्य के औसत 63.3 प्रतिशत से कम मतदान हुआ है. जबकि कई निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत में इजाफा हुआ है. चुनाव आयोग ने कहा औसत मतदाता मतदान का आंकड़ा इन सूरत, राजकोट और जामनगर जैसे महत्वपूर्ण जिलों की शहरी उदासीनता के कारण कम हो गया.
चुनाव आयोग ने कहा ऐसा ही हिमाचल प्रदेश की विधान सभा के आम चुनाव के दौरान हुआ. जिसमें शिमला के शहरी विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 62.53 प्रतिशत (13 प्रतिशत अंकों से कम) दर्ज किया गया था. जबकि राज्य का औसत 75.6 प्रतिशत है. गुजरात विधानसभा के पहले चरण में इससे पहले 2017 में 66.79 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि इस बार यह कम रहा. इसमें सबसे महत्वपूर्ण शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्रों की तुलना में कम मतदान करना है.
गुजरात के शहरों ने विधानसभा चुनावों में 1 दिसंबर 2022 को मतदान के दौरान इसी तरह की शहरी उदासीनता नजर आई यानी शहरों में लोग कम संख्या में वोट डालने के लिए निकले. चुनान आयोग ने कहा इसके चलते पहले चरण में मतदान का प्रतिशत कम हो गया.
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