अहमदाबाद : गुजरात भाजपा ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं पर कथित हमलों को लेकर बृहस्पतिवार को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
अहमदाबाद में, राज्यसभा सदस्य नरहरि अमीन और राज्य भाजपा के महासचिव प्रदीप सिंह वाघेला समेत कई नेताओं ने प्रदर्शनों में भाग लिया. गुजरात नगरपालिका वित्त बोर्ड के अध्यक्ष धनसुख भंडारी ने राजकोट शहर में धरने का नेतृत्व किया, जबकि स्थानीय महापौर हेमाली बोघावाला सूरत में विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं.
पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार करने वाले वाघेला ने आरोप लगाया कि चुनाव के बाद भाजपा के 11 कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई. वाघेला ने संवाददाताओं से कहा, 'गुजरात में, भाजपा पिछले 25 वर्षों से सत्ता में है, लेकिन हमने कभी भी विपक्षी कांग्रेस पर हमला नहीं किया.'
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इसी सिलसिले में ईटीवी भारत से बात करते हुए, कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. मनीष दोशी ने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य में दो नियम हैं, एक भाजपा के लिए और दूसरा जनता के लिए. उन्होंने सवाल किया कि भाजपा को अपनी सरकार के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए बड़े पैमाने पर राजनीतिक विरोध कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति कैसे दी जा सकती है.
उन्होंने कहा कि भाजपा के सभी जिलों में इस तरह के सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देने के लिए जिला कलेक्टरों और पुलिस प्रमुखों को भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा जीवन रक्षक इंजेक्शन की ब्लैकमार्केटिंग और ऑक्सीजन की तीव्र कमी से जनता का ध्यान हटाने के लिए ऐसा प्रदर्शन कर रही है. डॉ. जोशी ने भाजपा नेताओं पर महामारी फैलाने का आरोप लगाया.
वहीं भाजपा के मुख्य प्रवक्ता यमल व्यास ने ईटीवी भारत के साथ टेलीफोन पर बातचीत में दावा किया कि पार्टी ने जहां भी धरना प्रदर्शन किया, उसमें 20 से ज्यादा लोगों ने एक जगह एकत्र नहीं किया था और न ही कोई नारेबाजी की गई. विरोध-प्रदर्शन केवल बैनर को लेकर किया गया.