अहमदाबाद : गुजरात पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने कनाडा जाने के इच्छुक लोगों को कथित तौर पर फर्जी वीजा जारी करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में एक पहले भी जेल की सजा काट चुका है.
एटीएस ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि आरोपी के फर्म के जरिये उत्तरी अमेरिकी देश जाने के लिए आवेदन करने वाले पांच लोगों के वीजा आवदेन को कनाडा सरकार ने अस्वीकार कर दिया था. हालांकि,आरोपी ने पीड़ितों को फर्जी वीजा जारी कर धोखाधड़ी की और दावा किया कि उनके आवेदन को कनाडा की सरकार ने मंजूरी दे दी है.
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Four persons arrested from the Naroda area of Ahmedabad city, as Gujarat ATS exposed bogus passports & visas' international rackets; ATS seized 5 passports from the accused's possession: Gujarat ATS Deputy SP BH Chavda pic.twitter.com/ejlFnFEOHr
— ANI (@ANI) October 21, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) October 21, 2022Four persons arrested from the Naroda area of Ahmedabad city, as Gujarat ATS exposed bogus passports & visas' international rackets; ATS seized 5 passports from the accused's possession: Gujarat ATS Deputy SP BH Chavda pic.twitter.com/ejlFnFEOHr
— ANI (@ANI) October 21, 2022
एटीएस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में गिरोह का सरगना और अहमदाबाद में नरोदा का रहने वाला नीलेश पांड्या भी शामिल है. विज्ञप्ति के मुताबिक, एटीएस ने अन्य आरोपियों की पहचान जय त्रिवेदी, मयूर पचाल और पीयूष पटेल के तौर पर की है.
गुजरात एटीएस के डिप्टी बीएच चावड़ा (Gujarat ATS Deputy SP BH Chavda) के मुताबिक एटीएस को हाल में सूचना मिली थी कि पांड्या ने अहमदाबाद शहर के नवा नरोदा इलाके में आव्रजन सेवा फर्म खोला है और विदेश जाने के इच्छुक लोगों को फर्जी वीजा जारी कर धोखाधड़ी कर रहे हैं.
खुफिया सूचना के आधार पर एटीएस ने 19 अक्टूबर को फर्म के कार्यालय पर छापेमारी की जहां पर पांच पासपोर्ट मिले जिनपर कनाडा का वीजा लगा था।.पासपोर्ट को देखकर ऐसा लग रहा था कि पांच लोगों के वीजा को कनाडा के अधिकारियों ने मंजूरी दी है. एटीएस के अधिकारियों ने जब दस्तावेज की सत्यता की जांच की तो पता चला कि इन पांच लोगों के आवेदन पहले ही अस्वीकार किए जा चुके हैं.
एटीएस ने बताया कि जांच में खुलासा हुआ कि पांड्या का आपराधिक इतिहास है और जाली भारतीय मुद्रा मामले में वर्ष 2005 में उसे गिरफ्तार किया गया था. जाली मुद्रा मामले में वह पांच साल की सजा काट चुका है. एटीएस के मुताबिक, वर्ष 2012 में राजस्थान के वीजा घोटाले प्रकरण में भी पांड्या पर मामला दर्ज किया गया था और उसका संबंध भी अहमदाबाद से है.
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(पीटीआई-भाषा)