वाराणसी : जी-20 के तहत चल रहे Y-20 समिट का रविवार को समापन हो गया. चार दिन के इस समिट में 20 देशों के 125 युवाओं ने हिस्सा लिया. 20 देशों से आए युवा प्रतिनिधियों ने योजनाओं और क्रियान्वयन का डोजियर प्रस्तुत किया. इसके साथ ही अलग-अलग सत्रों में डेलीगेट्स ने अपनी राय रखी. साझेदारी भविष्य के कार्य, शांति निर्माण और सुलह, जलवायु परिवर्तन, साझा भविष्य, स्वास्थ्य और खेल जैसे विषय पर चर्चा हुई. सोमवार की सुबह विदेशी मेहमान एयरपोर्ट के लिए निकल जाएंगे.
Y-20 सम्मेलन में अंतिम दिन रविवार को विभिन्न देशों की योजनाओं के प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए गए. सेकेट्री कम्यूनिकेशन आर्या झा ने इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि G20 देश के युवाओं के लिए Y20 नए क्षितिज का द्वार है. शासन, कूटनीति, शिक्षा, सतत विकास की एकता, उद्यमिता, इंडस्ट्री 4.0 और अन्य अनेक चीजों के लिए इसकी अहम भूमिका है.
पांच मुख्य मुद्दों पर हुई चर्चा : समिट के लिए पांच मुख्य मुद्दों को निर्धारित किया गया था. इसमें कार्य का भविष्य: उद्योग 4.0, नवाचार और 21वीं सदी के कौशल, शांति निर्माण और सुलह: युद्ध रहित युग की शुरुआत, जलवायु परिवर्तन और आपदा जोखिम न्यूनीकरण: स्थिरता को जीवन का एक तरीका बनाना, साझा भविष्य: लोकतंत्र और शासन में युवा एवं स्वास्थ्य, भलाई और खेल: युवाओं के लिए एजेंडा पर चर्चा की गई. Y20 के अध्यक्ष अनमोल सोवित ने बताया कि इन पर सभी बिंदुओं पर डेलिगेट्स के साथ सुझाव लिया गया, फिर विशेष चर्चा हुई. शनिवार और रविवार को हुई चर्चा के बाद सभी की सहमति बनी.
युवा प्रतिनिधियों ने साझा हस्ताक्षर किया : अध्यक्ष ने बताया कि रविवार को Y20 समिट में सभी देशों के आए युवा प्रतिनिधियों ने साझा हस्ताक्षर किया. सभी प्रतिनिधियों को उनके देश का राष्ट्रीय ध्वज देकर धन्यवाद दिया गया. दो सत्र के बाद डेलीगेट्स के निजी संवादों के लिए समय निकाला गया. इस कार्यक्रम के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. इसमें Y20 के समापन व निष्कर्ष के बारे में बताया गया. बताया कि इस समिट में सभी देशों के युवाओं ने अपने प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए.
काशी विश्वनाथ मंदिर में किए दर्शन : काशी आए डेलीगेट्स वाराणसी की कई यादें भी अपने साथ लेकर जाएंगे. Y20 के अध्यक्ष अनमोल बताते हैं कि वाराणसी में इन डेलीगेट्स ने मिनी इंडिया की झलक देखी. उन्होंने बाबा विश्वनाथ के दर्शन भी किए. बाबा विश्वनाथ के सामने मौजूद नंदी को देखा. भारतीय संस्कृति और परंपरा के बारे में जाना.
सभी देशों के डेलीगेट्स ने दिए सुझाव : समिट के आखिरी दिन पहले सत्र के बाद सभी देशों की योजनाओं और क्रियान्वयन का डोजियर प्रस्तुत किया गया. प्रमुख डेलीगेट्स ने अपनी राय रखी. समिट में शामिल हुए सभी देशों के डेलीगेट्स ने अपने सुझाव सार्वजनिक पटल पर रखे. समिट के अंतिम दिन दो सत्र ही थे. बाकी के समय ये डेलीगेट्स एक-दूसरे से निजी संवाद कर रहे थे. इसके साथ कुछ समय इन डेलीगेट्स के मनोरंजन के लिए भी निर्धारित किया गया था. रविवार को इस समिट का चौथा और अंतिम दिन था.
डेलीगेट्ल ने किया रिवर क्रूज पर भ्रमण : साझा हस्ताक्षर के बाद रूद्राक्ष कंवेंशन सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. डेलीगेट्स को शाम 5 बजे तक रिवर क्रूज जेटी का भ्रमण कराया गया. इसके बाद उन्हें रिवर क्रूज पर बैठाकर काशी दर्शन कराया गया. उन्हें गंगा आरती में भी शामिल किया गया. शाम को डेलीगेट्स काशी की परंपरा व संस्कृति से रूबरू हुए. अब ये डेलीगेट्स 21 अगस्त की सुबह 9 बजे एयरपोर्ट के लिए निकल जाएंगे. बता दें कि इस समिट का उद्घाटन सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बीते शुक्रवार को किया था.