कोलकाता: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) (Central Bureau of Investigation) ने शुक्रवार को अलीपुर कोर्ट में स्कूल सेवा आयोग के ग्रुप-सी भर्ती घोटाले के मामले में पहला आरोप पत्र पेश किया. इससे पहले ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में सिटी-सेशन कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. सीबीआई (CBI) ने मामले में जांच शुरू होने के 46 दिन बाद ग्रुप सी भर्ती पर चार्जशीट दाखिल की. चार्जशीट में एसपी सिन्हा, अशोक साहा, कल्याणमय गंगोपाध्याय, भर्ती पर सलाहकार समिति के प्रमुख पार्थ चट्टोपाध्याय (Partha Chattopadhyay) समेत 16 लोगों के नाम दर्द हैं.
संयोग से उच्च न्यायालय ने इस साल 11 फरवरी को ग्रुप-सी भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पैनल की समय सीमा पार होने के बाद भी 350 उम्मीदवारों को कथित तौर पर अवैध रूप से भर्ती किया गया था. बाद में, उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रंजीत कुमार बाग की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति ने प्रारंभिक जांच की और कलकत्ता उच्च न्यायालय को एक रिपोर्ट सौंपी थी.
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पूरी तरह से अवैध तरीके से 350 लोगों की भर्ती को स्वीकृत करने वाले अशोक कुमार साहा, स्मृतिजीत आचार्य और शांतिप्रसाद सिन्हा के साथ नियुक्ति पर सलाहकार समिति के दो अन्य सदस्यों को कटघरे में खड़ा किया गया. न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने बाद में 350 उम्मीदवारों की नौकरी रद्द करने का आदेश दिया. वहीं दूसरी ओर न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने सीबीआई को उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच करने का आदेश दिया.
आदेश में कहा गया है कि सीबीआई सलाहकार समिति के पांच सदस्यों की जांच कर सकती है, जिसमें कोई भी सरकारी अधिकारी शामिल है. सीबीआई ने अब 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश की है.