नई दिल्ली : भारत सरकार सार्वजनिक परिवहन और लॉजिस्टिक्स को 100 प्रतिशत ग्रीन एवं स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से चलाने को लेकर प्रतिबद्ध है. यह बयान देते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन गतिशीलता क्षेत्र के लाभ के लिए हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों का विकास करना चाहता है और भारत को हरित-हाइड्रोजन के उत्पादन तथा इस्तेमाल में अग्रणी बनाना चाहता है.
अंतरराष्ट्रीय ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि हरित हाइड्रोजन उत्पादन लागत का 70 प्रतिशत बिजली की लागत से आता है. इसलिए अक्षय ऊर्जा स्रोतों से अतिरिक्त बिजली हरित हाइड्रोजन उत्पादन के अर्थशास्त्र को पूरी तरह से बदल सकती है. ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन बताते हुए गडकरी ने कहा कि यह एकमात्र ईंधन है जो हमें शून्य कार्बन उत्सर्जन के मिशन को प्राप्त करने में मदद कर सकता है.
भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष को लेकर मनाए जा रहे उत्सव कार्यक्रम का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि हमारा ऑटोमोबाइल क्षेत्र भारत का गौरव है और उन्हें यकीन है कि यह भारत के विनिर्माण को नई ऊंचाइयों, तालमेल और अंतरराष्ट्रीय मानकों से भी बेहतर दिशा में ले जाएगा.
सरकार द्वारा हाल ही में शुरू की गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने दावा किया कि सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से 42500 करोड़ रुपये से अधिक का नया निवेश होगा और साथ ही इस क्षेत्र में 7.5 लाख नई नौकरियों का भी सृजन होगा.
गडकरी ने आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता कम करने को समय की जरूरत बताते हुए कहा कि मंत्रालय फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों को पेश करने की भी योजना बना रहे हैं, जो वाहनों को शत-प्रतिशत इथेनॉल और पेट्रोल पर भी चलाने की इजाजत देते हैं.
इस तरह के फ्लेक्स इंजन आधारित वाहन पहले से ही अमेरिका, ब्राजील और कनाडा में चल रहे हैं. सड़क सुरक्षा का जिक्र करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि देश में लगभग 5 लाख दुर्घटनाओं में सड़कों पर 1.5 लाख लोग मारे जाते हैं और इस समस्या के समाधान के लिए यूरोपीय देशों की तर्ज पर जीरो विजन की अवधारणा को अपनाया जा रहा है.
(आईएएनएस)