नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने लघु बचत योजनाओं पर पुरानी दरों पर कटौती का अपना आदेश वापस ले लिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसको लेकर ट्वीट किया है.
निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने के फैसले को वापस लेगी और उन्होंने ब्याज दरों को 31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के स्तर पर लाने का आश्वासन दिया.
छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों को झटका देते हुए सरकार ने बुधवार को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और एनएससी (राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती की थी. यह कटौती एक अप्रैल से शुरू 2021-22 की पहली तिमाही के लिये की गयी थी.
सीतारमण ने बृहस्पतिवार सुबह ट्वीट किया, भारत सरकार की छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर वही रहेगी जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में थी, यानी जो दरें मार्च 2021 तक थीं. पहले दिया गया आदेश वापस लिया जाएगा.
वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, पीपीएफ पर ब्याज 0.7 प्रतिशत कम कर 6.4 प्रतिशत जबकि एनएससी पर 0.9 प्रतिशत कम कर 5.9 प्रतिशत कर दी गयी थी. लघु बचत योजनाओं पर ब्याज तिमाही आधार पर अधिसूचित की जाती है.
ब्याज में सर्वाधिक 1.1 प्रतिशत की कटौती एक साल की मियादी जमा राशि पर की गयी थी. इस पर ब्याज 5.5 प्रतिशत से कम करके 4.4 प्रतिशत करने का फैसला किया गया था.
छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों को तिमाही आधार पर अधिसूचित किया जाता है.
पुरानी दरें बहाल होने के बाद पीपीएफ और एनएससी पर क्रमश: 7.1 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत की दर से वार्षिक ब्याज मिलता रहेगा.
इस तरह सुकन्या समृद्धि योजना के लिए 7.6 प्रतिशत ब्याज मिलता रहेगा, जबकि पहले इसे घटाकर 6.9 प्रतिशत करने की बात कही गई थी.
पांच वर्षीय वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए ब्याज दर 7.4 प्रतिशत पर बरकरार रखी जाएगी. वरिष्ठ नागरिकों की योजना पर ब्याज का भुगतान त्रैमासिक आधार पर किया जाता है.
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बचत जमा पर ब्याज दर चार प्रतिशत होगी, जबकि इसे घटाकर 3.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव था.