ETV Bharat / bharat

अर्थव्यवस्था के लिए 2020-21 'अंधकारमय', गलतियां स्वीकार करे और विपक्ष को सुने सरकार: चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 2020-2021 के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसद की गिरावट पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि यदि इस प्रकार की स्थिति से बचना है तो सरकार को अपनी गलतियों को मानते हुए विपक्ष व अर्थशास्त्रियों की राय को सुनना चाहिए.

पी चिदंबरम
पी चिदंबरम
author img

By

Published : Jun 1, 2021, 6:57 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने अर्थव्यवस्था में 2020-21 के दौरान 7.3 प्रतिशत की गिरावट होने पर मंगलवार को चिंता प्रकट करते हुए कहा कि अगर 2021-21 में ऐसी स्थिति से बचना है तो सरकार को अपनी गलतियां स्वीकार करते हुए विपक्ष एवं अर्थशास्त्रियों की सलाह सुननी चाहिए.

पूर्व वित्त मंत्री (Ex finance minister) ने अर्थव्यवस्था की लिहाज से 2021-21 को पिछले चार दशक का 'सबसे अंधकारमय' साल करार दिया और यह आरोप भी लगाया कि कोरोना महामारी के साथ ही सरकार के 'अकुशल एवं अक्षम आर्थिक प्रबंधन' हालात और बिगड़ गए.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'जिसका अंदाजा लगाया जा रहा था, वही हुआ. पिछले वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.'

पढ़ें - एसबीआई ने भारत के वित्त वर्ष 22 के विकास के अनुमान को घटाकर 7.9 प्रतिशत किया

चिदंबरम ने कहा कि 2018-19 में जीडीपी 140,03,316 करोड़ थी. 2019-20 में यह 145,69,268 करोड़ रुपये थी और 2020-21 में यह घटकर 135,12,740 करोड़ रुपये हो गई. यह देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को बताता है. उन्होंने दावा किया, 'साल 2020-21 पिछले चार दशक में देश की अर्थव्यवस्था का सबसे अंधकारमय साल रहा है. चारों तिमाही के आंकड़े अर्थव्यवस्था की कहानी बयां करते हैं.'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था में गिरावट पर चिंता जताई

चिदंबरम ने कहा, 'पिछले साल जब कोरोना महामारी की पहली लहर धीमी पड़ती नजर आई तो वित्त मंत्री और मुख्य आर्थिक सलाहकार अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने की बातें करने लगे. हमने कहा था कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन पैकेज की मजबूत मदद चाहिए.'

उन्होंने कहा कि सबसे चिंताजनक बात यह है कि प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद एक लाख रुपये से नीचे चला गया है. चिदंबरम ने आरोप लगाया, 'निश्चित तौर पर कोरोना महामारी का अर्थव्यवस्था पर व्यापक रूप से असर पड़ा है, लेकिन अकुशल और अक्षम आर्थिक प्रबंधन ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को और बिगाड़ दिया.'

पढ़ें - भारत में एफडीआई का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत बना अमेरिका, मॉरीशस तीसरे स्थान पर

उन्होंने कहा, 'कोरोना की दूसरी लहर चल रही है. इसमें पहली लहर की तुलना में संक्रमण और मौतों की संख्या की लिहाज से ज्यादा नुकसान हुआ है. अगर 2020-21 की तरह साल 2021-22 को नहीं होने देना है तो सरकार को जागना चाहिए, अपनी गलतियां स्वीकार करनी चाहिए, अपनी नीतियां बदलनी चाहिए तथा विपक्ष एवं अर्थशास्त्रियों की सलाह स्वीकार करनी चाहिए.'

एक सवाल के जवाब में पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि अगर सरकार को लगता है कि नोट की छपाई होनी चाहिए तो वह कर सकती है क्योंकि भारत के पास ऐसा करने का संप्रभु अधिकार है.

गौरतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था में 2020-21 में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आयी है जो गिरावट के बारे में पहले के विभिन्न अनुमानों से कम है. इसका कारण कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से ठीक पहले चौथी तिमाही में वृद्धि दर का कुछ बेहतर रहना है.

एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2020-21 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में 1.6 प्रतिशत रही. यह इससे पिछली तिमाही अक्टूबर-दिसंबर, 2020 में 0.5 प्रतिशत से अधिक है. वित्त वर्ष 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.

नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने अर्थव्यवस्था में 2020-21 के दौरान 7.3 प्रतिशत की गिरावट होने पर मंगलवार को चिंता प्रकट करते हुए कहा कि अगर 2021-21 में ऐसी स्थिति से बचना है तो सरकार को अपनी गलतियां स्वीकार करते हुए विपक्ष एवं अर्थशास्त्रियों की सलाह सुननी चाहिए.

पूर्व वित्त मंत्री (Ex finance minister) ने अर्थव्यवस्था की लिहाज से 2021-21 को पिछले चार दशक का 'सबसे अंधकारमय' साल करार दिया और यह आरोप भी लगाया कि कोरोना महामारी के साथ ही सरकार के 'अकुशल एवं अक्षम आर्थिक प्रबंधन' हालात और बिगड़ गए.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'जिसका अंदाजा लगाया जा रहा था, वही हुआ. पिछले वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.'

पढ़ें - एसबीआई ने भारत के वित्त वर्ष 22 के विकास के अनुमान को घटाकर 7.9 प्रतिशत किया

चिदंबरम ने कहा कि 2018-19 में जीडीपी 140,03,316 करोड़ थी. 2019-20 में यह 145,69,268 करोड़ रुपये थी और 2020-21 में यह घटकर 135,12,740 करोड़ रुपये हो गई. यह देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को बताता है. उन्होंने दावा किया, 'साल 2020-21 पिछले चार दशक में देश की अर्थव्यवस्था का सबसे अंधकारमय साल रहा है. चारों तिमाही के आंकड़े अर्थव्यवस्था की कहानी बयां करते हैं.'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था में गिरावट पर चिंता जताई

चिदंबरम ने कहा, 'पिछले साल जब कोरोना महामारी की पहली लहर धीमी पड़ती नजर आई तो वित्त मंत्री और मुख्य आर्थिक सलाहकार अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने की बातें करने लगे. हमने कहा था कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन पैकेज की मजबूत मदद चाहिए.'

उन्होंने कहा कि सबसे चिंताजनक बात यह है कि प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद एक लाख रुपये से नीचे चला गया है. चिदंबरम ने आरोप लगाया, 'निश्चित तौर पर कोरोना महामारी का अर्थव्यवस्था पर व्यापक रूप से असर पड़ा है, लेकिन अकुशल और अक्षम आर्थिक प्रबंधन ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को और बिगाड़ दिया.'

पढ़ें - भारत में एफडीआई का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत बना अमेरिका, मॉरीशस तीसरे स्थान पर

उन्होंने कहा, 'कोरोना की दूसरी लहर चल रही है. इसमें पहली लहर की तुलना में संक्रमण और मौतों की संख्या की लिहाज से ज्यादा नुकसान हुआ है. अगर 2020-21 की तरह साल 2021-22 को नहीं होने देना है तो सरकार को जागना चाहिए, अपनी गलतियां स्वीकार करनी चाहिए, अपनी नीतियां बदलनी चाहिए तथा विपक्ष एवं अर्थशास्त्रियों की सलाह स्वीकार करनी चाहिए.'

एक सवाल के जवाब में पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि अगर सरकार को लगता है कि नोट की छपाई होनी चाहिए तो वह कर सकती है क्योंकि भारत के पास ऐसा करने का संप्रभु अधिकार है.

गौरतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था में 2020-21 में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आयी है जो गिरावट के बारे में पहले के विभिन्न अनुमानों से कम है. इसका कारण कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से ठीक पहले चौथी तिमाही में वृद्धि दर का कुछ बेहतर रहना है.

एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2020-21 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में 1.6 प्रतिशत रही. यह इससे पिछली तिमाही अक्टूबर-दिसंबर, 2020 में 0.5 प्रतिशत से अधिक है. वित्त वर्ष 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.